1तउन मइँ, जउन पर्भू क होई कारण बन्दी बना भवा हउँ। तू लोगन स पराथना करत हउँ कि तू सबन क आपन जीवन वइसे ही जिअइ चाही जइसे न कि सन्तन क अनुकूल होत ह।
1ϯϯϩⲟ ⲟⲩⲛ ⳿ⲉⲣⲱⲧⲉⲛ ⳿ⲁⲛⲟⲕ ⲡⲉⲧⲥⲟⲛϩ ϧⲉⲛ Ⲡ⳪ ⳿ⲉⲙⲟϣⲓ ⲕⲁⲧⲁ ⳿ⲡⲉⲙ⳿ⲡϣⲁ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲓⲑⲱϩⲉⲙ ⲫⲏⲉⲧⲁⲩⲑⲁϩⲉⲙ ⲑⲏⲛⲟⲩ ⳿ⲉⲣⲟϥ.
2हमेसा नम्रता अउर कोमलता क साथे, धीरज क साथ आचरण। अउर एक दूसरे क पिरेम स कहत रहा।
2ϧⲉⲛ ⲑⲉⲃⲓⲟ ⳿ⲛϩⲏⲧ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⲛⲉⲙ ⲟⲩⲙⲉⲧⲣⲉⲙⲣⲁⲩϣ ⲛⲉⲙ ⲟⲩⲙⲉⲧⲣⲉϥⲱⲟⲩ ⳿ⲛϩⲏⲧ ⲉⲣⲉⲧⲉⲛⲉⲣⲁⲛⲉⲭ ⲉⲥⲑⲉ ⳿ⲛⲛⲉⲧⲉⲛⲉⲣⲏⲟⲩ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲁⲅⲁⲡⲏ.
3उ सान्ति, जउन तू पचन क आपस मँ बाँधत ह, ओसे उत्पन्न आतिमा क एकता क बनाए रखइ क बरे हर तरह क यत्न करत रहा।
3ⲉⲣⲉⲧⲉⲛⲓⲏⲥ ⳿ⲉⲁⲣⲉϩ ⳿ⲉϯⲙⲉⲧⲟⲩⲁⲓ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲓⲡ͞ⲛⲁ̅ ⲛⲉⲙ ⲡⲓⲙⲟⲩⲣ ⲉⲧϫⲏⲕ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ⳿ⲛⲧⲉ ϯ ϩⲓⲣⲏⲛⲏ.
4देह एक बा अउर पवित्तर आतिमा भी एक्कइ बा। अइसेन ही जब तोहे बोलॉवा गवा त एक्कई आसा मँ भगीदास्र होइ क बरे ही बोलावा गवा।
4ⲟⲩⲥⲱⲙⲁ ⳿ⲛⲟⲩⲱⲧ ⲛⲉⲙ ⲟⲩⲡ͞ⲛⲁ̅ ⳿ⲛⲟⲩⲱⲧ ⲕⲁⲧⲁ⳿ⲫⲣⲏϯ ⲉⲧⲁⲩⲑⲁϩⲉⲙ ⲑⲏⲛⲟⲩ ϧⲉⲛ ⲟⲩϩⲉⲗⲡⲓⲥ ⳿ⲛⲟⲩⲱⲧ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲉⲧⲉⲛⲑⲱϩⲉⲙ.
5एक्कइ परमेस्सर बा, एक्कइ बिसवास बा अउर बा एक्कइ बपतिस्मा।
5ⲟⲩ⳪ ⳿ⲛⲟⲩⲱⲧ ⲟⲩⲛⲁϩϯ ⳿ⲛⲟⲩⲱⲧ ⲟⲩⲱⲙⲥ ⳿ⲛⲟⲩⲱⲧ.
6परमेस्सर जउन सबका परमपिता अहइ एक्कइ बा। उहइ सब कछू क स्वामी बा, हर कउनो क द्वारा उहइ त्रियासील बा, अउर हर मँ उहइ समावा बाटई।
6ⲟⲩⲁⲓ ⲡⲉ ⲫϯ ⳿ⲫⲓⲱⲧ ⳿ⲛⲧⲉ ⲟⲩⲟⲛ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⲫⲏⲉⲧⲭⲏ ϩⲓϫⲉⲛ ⲟⲩⲟⲛ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⲟⲩⲟϩ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲉⲛ ⲟⲩⲟⲛ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⲟⲩⲟϩ ⳿ⲛ⳿ϧⲣⲏⲓ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲟⲛ ⲛⲓⲃⲉⲛ.
7ईसू हममें स हर कउनो क एक विशेष उपहार दिहे अहइ। हर मनई उहइ पाएस जेका ईसू ओका देइ चाहत रहा।
7ⲡⲓⲟⲩⲁⲓ ⲇⲉ ⲡⲓⲟⲩⲁⲓ ⳿ⲙⲙⲟⲛ ⲁⲩϯ ⲛⲁϥ ⳿ⲛⲟⲩ⳿ϩⲙⲟⲧ ⲕⲁⲧⲁ ⳿ⲡϣⲓ ⳿ⲛϯⲇⲱⲣⲉ⳿ⲁ ⳿ⲛⲧⲉ Ⲡⲭ̅ⲥ̅.
8इही बरे सास्त्रन कहत हीं: "ऊँचा चढ़ा उ अकासे मँ अपने संग बन्दी क लिहेस अउर दिहेस लोगन क आपन आनन्द।" भजन संहिता 68:18
8ⲉⲑⲃⲉⲫⲁⲓ ⳿ϥϫⲱ ⳿ⲙⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲁϥϣⲉ ⲛⲁϥ ⳿ⲉ⳿ⲡϭⲓⲥⲓ ⲁϥⲉⲣⲉⲭⲙⲁⲗⲱⲧⲉⲩⲓⲛ ⳿ⲛⲟⲩⲉⲭⲙⲁⲗⲱⲥⲓⲁ ⲁϥϯ ⳿ⲛϩⲁⲛⲧⲁⲓⲟ ⳿ⲛⲛⲓⲣⲱⲙⲓ.
9अब देखा। जब उ कहत ह "ऊँचे चढ़ा" तउ एकर अर्थ एकरे अलावा का बा? कि उ धरती क नीचे हींसा पर उतरा रहा।
9ⲡⲓϣⲉ ⲇⲉ ⳿ⲉ⳿ⲡϣⲱⲓ ⲟⲩ ⲡⲉ ⳿ⲉⲃⲏⲗ ϫⲉ ⲁϥϣⲉ ⲛⲁϥ ⲟⲛ ⳿ⲉⲛⲓⲥⲁ ⲉⲧⲥⲁⲡⲉⲥⲏⲧ ⳿ⲙ⳿ⲡⲕⲁϩⲓ.
10जउन नीचे उतरा रहा, उ उहइ अहइ जउन ऊँचे पइ चढ़ा रह ऍतना ऊँचा कि सभन अकासन स उप्पर ताकि उ सब कउनो क अपने संग सम्मूर्ण कइ देइ।
10ⲫⲏⲉⲧⲁϥϣⲉ ⳿ⲉⲡⲉⲥⲏⲧ ⳿ⲛⲑⲟϥ ⲟⲛ ⲡⲉ ⲉⲧⲁϥϣⲉ ⳿ⲉ⳿ⲡϣⲱⲓ ⳿ⲛⲛⲓⲫⲏⲟⲩ⳿ⲓ ⲧⲏⲣⲟⲩ ϩⲓⲛⲁ ⳿ⲛⲧⲉϥϫⲱⲕ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ⳿ⲛϩⲱⲃ ⲛⲓⲃⲉⲛ.
11उ लोगन क कछू प्रेरितन होइ क वरदान दिहेस तउ कछू क नबियन होई क तउ कछू क सुसमाचार क प्रचारक होइके तउ कछू क परमेस्सर क जनन क रच्छक गड़ेरिया अउर सिच्छा क।
11ⲟⲩⲟϩ ⳿ⲛⲑⲟϥ ⲁϥϯ ⲙⲉⲛ ⳿ⲛϩⲁⲛⲁⲡⲟⲥⲧⲟⲗⲟⲥ ϩⲁⲛⲟⲩⲟⲛ ⲇⲉ ⳿ⲙ⳿ⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ϩⲁⲛⲕⲉⲟⲩⲟⲛ ⲇⲉ ⳿ⲛⲣⲉϥϩⲓϣⲉⲛⲛⲟⲩϥⲓ ϩⲁⲛⲕⲉⲟⲩⲟⲛ ⲇⲉ ⳿ⲙⲙⲁⲛ⳿ⲉⲥⲱⲟⲩ ⲛⲉⲙ ϩⲁⲛⲣⲉϥϯ⳿ⲥⲃⲱ.
12मसीह तउ ओन्हे इ बरदान परमेस्सर क पवित्तर लोगन क सेवा काम क बरे तइयार करइ दिहेस ताकि हम जउन मसीह क देह अही, आतिमा मँ अउर दृढ़ होइ।
12⳿ⲡⲣⲟⲥ ⲥⲟⲃϯ ⳿ⲛⲧⲉ ⲛⲓⲁⲅⲓⲟⲥ ⲉⲩϩⲱⲃ ⳿ⲛ ϯⲇⲓ⳿ⲁⲕⲟⲛⲓⲁ ⲉⲩⲕⲱⲧ ⳿ⲛⲧⲉ ⳿ⲡⲥⲱⲙⲁ ⳿ⲙⲠⲭ̅ⲥ̅.
13जब तलक कि हम सभन मँ बिसवास मँ अउर परमेस्सर क बेटवा क गियान मँ एकाकार होई क परिपक्क मनई बनई क बरे विकास करत-करत मसीह क पूरा गौरव क ऊँचाई अउर परिपक्कता क न छुइ लेई।
13ϣⲁⲛⲧⲉⲛⲉⲣⲕⲁⲧⲁⲛⲧⲁⲛ ⲧⲏⲣⲉⲛ ⳿ⲉϯⲙⲉⲧⲟⲩⲁⲓ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲓⲛⲁϩϯ ⲛⲉⲙ ⳿ⲡ⳿ⲉⲙⲓ ⳿ⲛⲧⲉ ⳿ⲡϣⲏⲣⲓ ⳿ⲙⲫϯ ⲉⲩⲣⲱⲙⲓ ⳿ⲛⲧⲉⲗⲓⲟⲥ ⲉⲩϣⲓ ⳿ⲛⲧⲉ ϯⲙⲁⲓⲏ ⳿ⲛⲧⲉ ⳿ⲫⲙⲟϩ ⳿ⲙⲠⲭ̅ⲥ̅.
14ताकि हम अइसेन गदेलन न बना रहीं जउन हर कउनो क अइसेन नई सिच्छा क हवा स उछली जाई। हम पचे उ जहाजे क तरह मनइयन न बना रही जउन लहर स एक कइँती स दूसरी कइँती चला जात हीं। जउन हमरे रस्ता मँ बहत ह, लोगन क दल स भरा व्यवहार स, अइसेन धूर्तता स, जउन ठगन स भरी सब योजना क प्रेरित करत रही, एहर-ओहर भटकाई दीन्ह जात हीं।
14ϩⲓⲛⲁ ⳿ⲛⲧⲉⲛ⳿ϣⲧⲉⲙϣⲱⲡⲓ ⲉⲛⲟⲓ ⳿ⲛⲕⲟⲩϫⲓ ⳿ⲛ⳿ⲁⲗⲟⲩ ⲉⲣⲉ ⳿ⲡϩⲱⲓⲙⲓ ϩⲓⲟⲩ⳿ⲓ ⳿ⲙⲙⲟⲛ ⲉⲩⲟⲩⲱⲧⲉⲃ ⳿ⲙⲙⲟⲛ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϧⲉⲛ ⲑⲏⲟⲩ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⳿ⲛⲧⲉ ϯⲙⲉⲧⲣⲉϥϯ⳿ⲥⲃⲱ ϧⲉⲛ ϯⲕⲩⲃⲓⲁ ⳿ⲛⲧⲉ ⲛⲓⲣⲱⲙⲓ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲙⲉⲧⲥⲉⲃ ⳿ⲡⲣⲟⲥ ⲛⲓⲕⲟⲧⲥ ⳿ⲛⲧⲉ ϯ⳿ⲡⲗⲁⲛⲏ.
15बल्कि हम पिरेम क साथे सच बोलत हर तरह स मसीह क जइसेन बनई क बरे विकास करत जाई। मसीह मस्तक बा अउर हम पचे ओकर देतह अही।
15ⲉⲛ⳿ⲓⲣⲓ ⲇⲉ ⳿ⲛ⳿ⲑⲙⲏⲓ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲁⲅⲁⲡⲏ ⲙⲁⲣⲉⲛϯⲁⲓⲁⲓ ⳿ⲛϩⲱⲃ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⳿ⲉϧⲟⲩⲛ ⳿ⲉⲣⲟϥ ⲉⲧⲉ ⳿ⲛⲑⲟϥ ⲡⲉ ϯⲁⲫⲉ Ⲡⲭ̅ⲥ̅.
16जेह पर सबहिं देह निर्भर करत ह। इ देह सबहिं का ओसे जोड़त ह। हर एक सहायक नस स संयुक्त होत ह अउर जब एकर हर अंग जउन काम ओका करई चाहइ, ओका पूरा करत ह। तउ पिरेम क साथे समूची देह क विकास होत ह अउर इ देह खुद मजबूत होत ह।
16ⲫⲁⲓ ⲉⲧⲉ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ ⲧⲏⲣϥ ϩⲱⲧⲡ ⳿ⲉⲣⲟϥ ⲟⲩⲟϩ ⲁϥϯⲙⲁϯ ϧⲉⲛ ⲟⲩϩⲓⲟⲓ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲉⲛ ⲛⲓⲙⲟⲩⲧ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⳿ⲛⲧⲉ ⲛⲓⲥⲁϩⲛⲓ ⲕⲁⲧⲁ ⲡⲓⲉⲣϩⲱⲃ ϧⲉⲛ ⲟⲩϣⲓ ⳿ⲛⲧⲉ ⳿ⲫⲟⲩⲁⲓ ⳿ⲫⲟⲩⲁⲓ ⳿ⲛⲛⲓⲙⲉⲗⲟⲥ ⳿ϥ⳿ⲓⲣⲓ ⳿ⲙⲡⲓⲁⲓⲁⲓ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ ⲉⲩⲕⲱⲧ ⲛⲁϥ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲁⲅⲁⲡⲏ.
17मइँ इही बरे इ कहत हउँ अउर पर्भू क साच्छी कइके तोहे चेतावनी देत हउँ कि ओन व्यर्थ क विचारन क साथे अधर्मियन क जइसेन जीवन जीअत रहा।
17ⲫⲁⲓ ⲇⲉ ϯϫⲱ ⳿ⲙⲙⲟϥ ⲟⲩⲟϩ ϯⲉⲣⲙⲉⲑⲣⲉ ϧⲉⲛ Ⲡ⳪ ⳿ⲉ⳿ϣⲧⲉⲙ⳿ⲑⲣⲉⲧⲉⲛⲙⲟϣⲓ ϫⲉ ⳿ⲙ⳿ⲫⲣⲏϯ ⲉⲧⲉ ⲛⲓⲉⲑⲛⲟⲥ ⲙⲟϣⲓ ⳿ⲙⲙⲟϥ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲙⲉⲧⲉⲫⲗⲏⲟⲩ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲟⲩϩⲏⲧ.
18ओनकर बुद्धि अंधकार स भरी बा। उ परमेस्सर स मिलइ वाले जीवन स पूर अहई। काहेकि उ अबोध बा अउर ओनकर मन जड़ होइ गवा बा।
18ⲉⲩⲟⲓ ⳿ⲛⲭⲁⲕⲓ ϧⲉⲛ ⲡⲟⲩⲙⲉⲩⲓ ⲉⲩⲟⲓ ⳿ⲛϣⲉⲙⲙⲟ ⳿ⲙⲡⲓⲱⲛϧ ⳿ⲛⲧⲉ ⲫϯ ⲉⲑⲃⲉ ϯⲙⲉⲧⲁⲧ⳿ⲉⲙⲓ ⲉⲧϣⲟⲡ ⳿ⲛϧⲏⲧⲟⲩ ⲉⲑⲃⲉ ⲡⲓⲑⲱⲙ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲟⲩϩⲏⲧ.
19सरम क भावना ओनमें स जात रही। अउर ओ अपने क इन्द्रियन क बुरे काम मँ लगाई दिहेन। बिना कउनउ बन्धन माने ओ सब तरह क अपवित्रता मँ जुटा हयेन।
19ⲛⲁⲓ ⲉⲧⲁⲩⲉⲣⲁⲧ⳿ⲙⲕⲁϩ ⲁⲩⲧⲏⲓⲧⲟⲩ ⳿ⲙⲙⲁⲩⲁⲩⲧⲟⲩ ⳿ⲉ⳿ϧⲣⲏⲓ ⲉⲩⲥⲱϥ ⲉⲩϩⲱⲃ ⳿ⲛⲧⲉ ϭⲱϧⲉⲙ ⲛⲓⲃⲉⲛ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲙⲉⲧϭⲓ⳿ⲛϫⲟⲛⲥ.
20परन्तु मसीह क बारे मँ तू जउन कछू जाने अहा, उ त अइसेन नाहीं बा।
20⳿ⲛⲑⲱⲧⲉⲛ ⲇⲉ ⲛⲏⲉⲧⲁⲩ⳿ⲧⲥⲁⲃⲉ ⲑⲏⲛⲟⲩ ⲁⲛ ⳿ⲙⲡⲁⲓⲣⲏϯ ⳿ⲉⲠⲭ̅ⲥ̅.
21(मोका कउनउ सन्देह नाहीं बा कि तू ओकरे बारे मँ सुने अहा, अउर उ सच जउन ईसू मँ निवास करत ह, ओकरे अनुसार तोहे ओकर चेलन क रुप मँ सिच्छित कीन्ह गवा बा।)
21ⲓⲥϫⲉ ⲁⲧⲉⲧⲉⲛⲥⲟⲑⲙⲉϥ ⲟⲩⲟϩ ⲁⲩ⳿ⲧⲥⲁⲃⲉ ⲑⲏⲛⲟⲩ ⳿ⲛϧⲏⲧϥ ⲕⲁⲧⲁ⳿ⲫⲣⲏϯ ⲉⲧⲉ ⲟⲩⲙⲉⲑⲙⲏⲓ ⲉⲧⲭⲏ ϧⲉⲛ Ⲓⲏ̅ⲥ̅.
22जहाँ तलक तोहरे पुराने जीवन प्रकार क सम्बन्ध बा, तोहे सिच्छा दीन्ह गइ रही कि तू अपने पुराना व्यत्तित्व जउन जर्जर होइ रहा बाटइ ओका उतारके फेंका जउन ओकर भटकावइवाली इच्छान क कारण भ्रस्ट बना भआ बा।
22⳿ⲛⲧⲉⲧⲉⲛⲭⲱ ⳿ⲉ⳿ϧⲣⲏⲓ ϩⲱⲧⲉⲛ ⳿ⲙⲡⲉⲧⲉⲛϫⲓⲛⲙⲟϣⲓ ⳿ⲛⲧⲉ ϣⲟⲣⲡ ⲡⲓⲣⲱⲙⲓ ⳿ⲛⲁⲡⲁⲥ ⲫⲏⲉⲑⲛⲁⲧⲁⲕⲟ ⲕⲁⲧⲁ ⲛⲓⲉⲡⲓⲑⲩⲙⲓⲁ ⳿ⲛⲧⲉ ϯⲁⲡⲁⲧⲏ.
23जेहसे बुद्धि अउर आतिमा मँ तोहे नवा कीन्ह जाइ सकई।
23⳿ⲛⲧⲉⲧⲉⲛⲉⲣⲃⲉⲣⲓ ⲇⲉ ϧⲉⲛ ⲡⲓⲡ͞ⲛⲁ̅ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲉⲧⲉⲛϩⲏⲧ.
24अउर तू उ नवा सरूप क धारण कइ सका जउन परमेस्सर क अनुरूप सचमुस नेक अउर पवित्तर बनवइ बरे रचा गवा बा।
24ⲟⲩⲟϩ ⳿ⲛⲧⲉⲧⲉⲛϯ ϩⲓ ⲑⲏⲛⲟⲩ ⳿ⲙⲡⲓⲣⲱⲙⲓ ⳿ⲙⲃⲉⲣⲓ ⲫⲏⲉⲧⲁⲩⲥⲟⲛⲧϥ ⲕⲁⲧⲁ ⲫϯ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲙⲉⲑⲙⲏⲓ ⲛⲉⲙ ⲟⲩⲧⲟⲩⲃⲟ ⳿ⲛⲧⲉ ⳿ⲑⲙⲏⲓ.
25तउन तू पचे झूठ बोलइ क तियाग कइ द्या। आपस मँ सब कउनो क सच बोलई चाही काहेकि हम सब एक सरीर क अंग अही।
25ⲉⲑⲃⲉⲫⲁⲓ ⲭⲱ ⳿ⲉ⳿ϧⲣⲏⲓ ⳿ⲛϯⲙⲉⲑⲛⲟⲩϫ ⲥⲁϫⲓ ⳿ⲛ⳿ⲑⲙⲏⲓ ⲡⲓⲟⲩⲁⲓ ⲡⲓⲟⲩⲁⲓ ⲛⲉⲙ ⲡⲉϥ⳿ϣⲫⲏⲣ ϫⲉ ⳿ⲁⲛⲟⲛ ϩⲁⲛⲙⲉⲗⲟⲥ ⳿ⲛⲛⲉⲧⲉⲛⲉⲣⲏⲟⲩ.
26जब तू त्रोध करा, तब पाप करइ स बचा। तोर किरोध सूरज अस्त होय तक बना न रहइ।
26ϫⲱⲛⲧ ⲟⲩⲟϩ ⳿ⲙⲡⲉⲣⲉⲣⲛⲟⲃⲓ ⳿ⲙⲡⲉⲛ⳿ⲑⲣⲉ ⳿ⲫⲣⲏ ϩⲱⲧⲡ ⳿ⲉϫⲉⲛ ⲡⲉⲧⲉⲛ⳿ⲙⲃⲟⲛ.
27सइतान क अपने पर हावी न होइ द्या।
27ⲟⲩⲇⲉ ⳿ⲙⲡⲉⲣϯ ⲙⲁ ⳿ⲙⲡⲓⲇⲓ⳿ⲁⲃⲟⲗⲟⲥ.
28जे चोरी करत आवत, उ आगे चोरी न करइ। बल्कि ओका काम करइ चाही, खुद अपने हाथे स उपयोगी काम। ताकि ओकर पास जेकर आवस्यकता बा ओकर साथे बाटइ क कछू होइ सकइ।
28ⲡⲉⲧϭⲓⲟⲩ⳿ⲓ ⳿ⲙⲡⲉⲛ⳿ⲑⲣⲉϥϭⲓⲟⲩ⳿ⲓ ϫⲉ ⲙⲁⲗⲗⲟⲛ ⲇⲉ ⲙⲁⲣⲉϥϧⲓⲥⲓ ⲉϥⲉⲣϩⲱⲃ ⳿ⲛⲛⲉϥϫⲓϫ ⳿ⲉⲡⲓⲡⲉⲑⲛⲁⲛⲉϥ ϩⲓⲛⲁ ⳿ⲛⲧⲉϥϫⲓⲙⲓ ⳿ⲉϯ ⳿ⲙⲫⲏⲉⲧⲉⲣϧⲁ⳿ⲉ.
29तोहरे मुँहे स कउनउ अनुचित शब्द न निकलइ चाही, बल्कि लोगन क विकास क बरे जेकर अपेच्छा बा, अइसेन उतम बातई निकलई चाही, ताकि जे सुनई ओकर ओसे भला होइ।
29ⲥⲁϫⲓ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⲉⲧϩⲱⲟⲩ ⳿ⲙⲡⲉⲛ⳿ⲑⲣⲟⲩ⳿ⲓ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϧⲉⲛ ⲣⲱⲧⲉⲛ ⲁⲗⲗⲁ ⲡⲓⲡⲉⲑⲛⲁⲛⲉϥ ⲉⲩⲕⲱⲧ ⳿ⲛⲧⲉ ϯ⳿ⲭⲣⲓⲁ ϩⲓⲛⲁ ⳿ⲛⲧⲉϥϯ ⳿ⲛⲟⲩ⳿ϩⲙⲟⲧ ⳿ⲛⲛⲏⲉⲧⲥⲱⲧⲉⲙ.
30परमेस्सर क पवित्तर आतिमा क दुःखी न करत रहा काहेकि परमेस्सर क सम्पत्ति क रूप मँ तोह पर छुटकारा क दिना क बरे आतिमा क साथे मोहर लगाई दीन्ह गइ बा।
30ⲟⲩⲟϩ ⳿ⲙⲡⲉⲣϯ⳿ⲙⲕⲁϩ ⳿ⲛϩⲏⲧ ⳿ⲙⲡⲓⲡ͞ⲛⲁ̅ ⲉⲑⲟⲩⲁⲃ ⳿ⲛⲧⲉ ⲫϯ ⲫⲏⲉⲧⲁⲩⲉⲣ⳿ⲥⲫⲣⲁⲅⲓⲍⲓⲛ ⳿ⲙⲙⲱⲧⲉⲛ ⳿ⲛϧⲏⲧϥ ⳿ⲉⲡⲓ⳿ⲉϩⲟⲟⲩ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲓⲥⲱϯ.
31पूरी कड़वाहट, झुँझलाहट, त्रोध, चीख-चिल्लाहट अउर निन्दा क तू अपने भीतर स सब तरह क बुराई क साथे निकारिके बाहर फेंका।
31ϣⲁϣⲓ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⲛⲉⲙ ⳿ⲙⲃⲟⲛ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⲛⲉⲙ ϫⲱⲛⲧ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⲛⲉⲙ ⲱϣ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⲛⲉⲙ ϫⲉⲟⲩ⳿ⲁ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⳿ⲁⲗⲓⲧⲟⲩ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲁⲣⲱⲧⲉⲛ ⲛⲉⲙ ⲕⲁⲕⲓⲁ ⲛⲓⲃⲉⲛ.
32परस्पर एक दूसरे क बरे दयालु अउर करुनावन बना। अउर आपस मँ एक दूसरे क अपराधन क वइसेन ही छमा करा जइसे मसीह क द्वारा तोहका परमेस्सर छमा किहे अहइ।
32ϣⲱⲡⲓ ⲉⲣⲉⲧⲉⲛⲟⲓ ⳿ⲛ⳿ⲭ͞ⲣⲥ̅ ⲉⲛⲉⲧⲉⲛⲉⲣⲏⲟⲩ ⳿ⲛⲣⲉϥϣⲉⲛϩⲏⲧ ⲉⲣⲉⲧⲉⲛⲭⲱ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ⳿ⲛⲛⲉⲧⲉⲛⲉⲣⲏⲟⲩ ⲕⲁⲧⲁ⳿ⲫⲣⲏϯ ⲉⲧⲁ ⲫϯ ⲭⲱ ⲛⲱⲧⲉⲛ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϧⲉⲛ Ⲡⲭ̅ⲥ̅