Awadhi: NT

Coptic: New Testament

James

1

1याकूब क जउन परमेस्सर अउर पर्भू ईसू मसीह क दास अहइ, संतन क बारह कुलन क नमस्कार पहुँचइ जइन समूचे संसार मँ फइला भवा अहइँ।
1ⲓⲁⲕⲱⲃⲟⲥ ⳿ⲫⲃⲱⲕ ⳿ⲙⲫϯ ⲛⲉⲙ ⲡⲉⲛ⳪ Ⲓⲏ̅ⲥ̅ Ⲡⲭ̅ⲥ̅ ⳿ⲛϯⲓ̅ⲃ̅ ⳿ⲙⲫⲩⲗⲏ ⲉⲧⲭⲏ ϧⲉⲛ ⲡⲓϫⲱⲣ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ⲭⲉⲣⲉ.
2मोर भाइयो तथा बहिनियो, जब कबहुँ तू तरह तरह क परीच्छा मँ पड़ा तउ एका बड़ा आनन्द क बात समझा।
2ϣⲱⲡⲓ ϧⲉⲛ ⲣⲁϣⲓ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⲛⲁ⳿ⲥⲛⲏⲟⲩ ⲉϣⲱⲡ ⲁⲣⲉⲧⲉⲛϣⲁⲛⲣⲁⲟⲩ⳿ⲟ ⳿ⲉϩⲁⲛⲡⲓⲣⲁⲥⲙⲟⲥ ⳿ⲛⲟⲩⲑⲟ ⳿ⲛⲣⲏϯ.
3काहेकि तू इ जानत अहा कि तोहार बिसवास जब परीच्छा मँ सफल होत ह तउ ओसे धीरजपूर्ण सहन सक्ती पैदा होत ह।
3ⲉⲣⲉⲧⲉⲛ⳿ⲉⲙⲓ ϫⲉ ϯⲇⲟⲕⲓⲙⲏ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲉⲧⲉⲛⲛⲁϩϯ ⲁⲥⲉⲣϩⲱⲃ ⳿ⲉⲟⲩϩⲩⲡⲟⲙⲟⲛⲏ.
4अउर उ धीरजपूर्ण सहन सक्ती एक अइसेन पूर्णता क जनम देत ह जेहसे तू अइसेन सिद्ध अउर पूर्ण बन सकत ह जेहमाँ कउनउ कबहुँ नाहीं रहि जात।
4ϯϩⲩⲡⲟⲙⲟⲛⲏ ⲇⲉ ⲙⲁⲣⲉ ⲟⲩϩⲱⲃ ⲉϥϫⲏⲕ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϣⲱⲡⲓ ⳿ⲛϧⲏⲧⲥ ϩⲓⲛⲁ ⳿ⲛⲧⲉⲧⲉⲛϣⲱⲡⲓ ⲉⲣⲉⲧⲉⲛϫⲏⲕ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ⲟⲩⲟϩ ⲉⲣⲉⲧⲉⲛⲟⲩⲟϫ ⳿ⲛⲧⲉⲧⲉⲛϫⲟⲣϩ ⳿ⲛ⳿ϩⲗⲓ ⲁⲛ.
5तउन अगर तोहमाँ कछू विवेक क कमी अहइ तउ ओका परमेस्सर स मांग सकत ह। उ सबहिं क उदारता क साथे देत ह। उ सबहिं क उदार होइ क देइ मँ खुस होत ह।
5ⲓⲥϫⲉ ⲇⲉ ⲟⲩⲟⲛ ⲟⲩⲁⲓ ϧⲉⲛ ⲑⲏⲛⲟⲩ ⲉϥϫⲟⲣϩ ⳿ⲛ⳿ⲥⲃⲱ ⲙⲁⲣⲉϥⲉⲣⲉⲧⲓⲛ ⳿ⲛⲧⲉⲛ ⲫϯ ⲫⲏⲉⲧϯ ⳿ⲛⲟⲩⲟⲛ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⲁⲡⲗⲱⲥ ⳿ⲛ⳿ϥϣⲱϣϥ ⲁⲛ ⲟⲩⲟϩ ⲉⲩ⳿ⲉϯ ⲛⲁϥ.
6बस बिसवास क साथे माँगा जाइ। तनिकउ भी संदेह न होइ चाही काहेकि जेका संदेह होत ह, उ सागर क ओह लहर क समान बा जउन हवा स उठत ह अउर थरथरात ह।
6ⲙⲁⲣⲉϥⲉⲣⲉⲧⲓⲛ ⲇⲉ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲛⲁϩϯ ⳿ⲛ⳿ϥⲟⲓ ⳿ⲛϩⲏⲧ ⲃ̅ ⲁⲛ ⲫⲏ ⲅⲁⲣ ⲉⲧⲟⲓ ⳿ⲛϩⲏⲧ ⲃ̅ ⲁϥⲟⲓ ⳿ⲙ⳿ⲫⲣⲏϯ ⳿ⲛⲛⲓϫⲟⲗ ⳿ⲛⲧⲉ ⳿ⲫⲓⲟⲙ ⲉⲣⲉ ⳿ⲡⲑⲏⲟⲩ ϭⲓ ⳿ⲙⲙⲱⲟⲩ ⲟⲩⲟϩ ⲉϥ⳿ⲓⲛⲓ ⳿ⲙⲙⲱⲟⲩ.
7[This verse may not be a part of this translation]
7⳿ⲙⲡⲉⲛ⳿ⲑⲣⲉϥⲙⲉⲩⲓ ⲅⲁⲣ ⲛⲁϥ ⳿ⲛϫⲉ ⲡⲓⲣⲱⲙⲓ ⳿ⲉⲧⲉ⳿ⲙⲙⲁⲩ ϫⲉ ⳿ϥⲛⲁϭⲓ ⳿ϩⲗⲓ ⳿ⲛⲧⲟⲧϥ ⳿ⲙⲠ⳪.
8[This verse may not be a part of this translation]
8ⲡⲓⲣⲱⲙⲓ ⲇⲉ ⲉⲧⲟⲓ ⳿ⲛϩⲏⲧ ⲃ̅ ⲟⲩⲁⲧⲥⲉⲙⲛⲓ ⲡⲉ ϩⲓ ⲛⲉϥⲙⲱⲓⲧ ⲧⲏⲣⲟⲩ.
9साधारण परिस्थितियन वाला भाइयन क गरब करइ चाही कि परमेस्सर तउ ओका आतिमा क धन दिहे अहइ।
9ⲙⲁⲣⲉϥϣⲟⲩϣⲟⲩ ⲇⲉ ⳿ⲙⲙⲟϥ ⳿ⲛϫⲉ ⲡⲓⲥⲟⲛ ⲉⲧⲑⲉⲃⲏⲟⲩⲧ ϧⲉⲛ ⲡⲉϥϭⲓⲥⲓ.
10अउर धनी भाइ क गरब करइ चाही कि परमेस्सर ओका आत्मिक गरीबी देखाए अहइ। काहेकि ओका त घास खिलइवाला फूल क नाई झर जाइ क बा।
10ⲡⲓⲣⲁⲙⲁ⳿ⲟ ⲇⲉ ⳿ⲛ⳿ϩⲣⲏⲓ ϧⲉⲛ ⲡⲉϥⲑⲉⲃⲓⲟ ϫⲉ ⳿ⲙ⳿ⲫⲣⲏϯ ⳿ⲛⲟⲩ⳿ϩⲣⲏⲣⲓ ⳿ⲛⲧⲉ ⲟⲩⲥⲱⲟⲩⲃⲉⲛ ⳿ϥⲛⲁⲥⲓⲛⲓ.
11सूरज कड़कड़ात धूप लइके उगत ह अउर पउधा क झुराइ डावत ह। ओनकर फूल पत्तियन झर जात हीं अउर सुन्दरता समाप्त होइ जात ह। इही तरह धनी मनई धन बरे योजना बनाने मँ ही समाप्त होइ जात ह।
11ⲁϥϣⲁⲓ ⲅⲁⲣ ⳿ⲛϫⲉ ⳿ⲫⲣⲏ ⲛⲉⲙ ⲡⲓⲕⲁⲩⲥⲱⲛ ⲟⲩⲟϩ ⲁϥ⳿ⲧϣⲟⲩⲓ⳿ⲉ ⲡⲓⲥⲱⲟⲩⲃⲉⲛ ⲟⲩⲟϩ ⲧⲉϥ⳿ϩⲣⲏⲣⲓ ⲁⲥϥⲟⲣϥⲉⲣ ⳿ⲡⲥⲁⲓ ⲇⲉ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲉϥϩⲟ ⲁϥⲧⲁⲕⲟ ⲡⲁⲓⲣⲏϯ ϩⲱϥ ⲡⲓⲣⲁⲙⲁ⳿ⲟ ⳿ⲛ⳿ϩⲣⲏⲓ ϧⲉⲛ ⲛⲉϥⲙⲱⲓⲧ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⳿ϥⲛⲁⲗⲱⲙ.
12उ मनई धन्य अहइ जउन परीच्छ मँ अटल रहत ह काहेकि परिच्छा मँ खरा उतरइ क बाद उ जीवन क ओह बिजय मुकुट क धारण करी जेका परमेस्सर अपने पिरेम करइवालन क देइ क बचन दिहे अहइ।
12ⲟⲩⲙⲁⲕⲁⲣⲓⲟⲥ ⲡⲉ ⲡⲓⲣⲱⲙⲓ ⲫⲏⲉⲑⲛⲁ⳿ⲁⲙⲟⲛⲓ ⳿ⲛⲧⲟⲧϥ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲡⲓⲣⲁⲥⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲁϥϣⲁⲛⲉⲣ ⲟⲩⲥⲱⲧⲡ ⳿ϥⲛⲁϭⲓ ⳿ⲙⲡⲓ⳿ⲭⲗⲟⲙ ⳿ⲛⲧⲉ ⳿ⲡⲱⲛϧ ⲫⲏⲉⲧⲁϥⲱϣ ⳿ⲙⲙⲟϥ ⳿ⲛⲛⲏⲉⲑⲛⲁⲙⲉⲛⲣⲓⲧϥ.
13परीच्छा क घड़ी मँ कीहीउ क इ नाहीं कहइ चाही, “परमेस्सर मोर परीच्छा लेत अहइ,” काहेकि खराब बातन स परमेस्सर क कउनउ लेब-देब नाहीं होत। उ कउनो क परीच्छा नाहीं लेत।
13⳿ⲙⲡⲉⲛ⳿ⲑⲣⲉ ⳿ϩⲗⲓ ϫⲟⲥ ⲉⲩⲉⲣⲡⲓⲣⲁⲍⲓⲛ ⳿ⲙⲙⲟϥ ϫⲉ ⲫϯ ⲡⲉⲧⲉⲣⲡⲓⲣⲁⲍⲓⲛ ⳿ⲙⲙⲟⲓ ⲫϯ ⲅⲁⲣ ⳿ϥⲉⲣⲡⲓⲣⲁⲍⲓⲛ ⲁⲛ ϧⲉⲛ ϩⲁⲛⲡⲉⲧϩⲱⲟⲩ ⳿ϥⲉⲣⲡⲓⲣⲁⲍⲓⲛ ⲇⲉ ⳿ⲛⲑⲟϥ ⳿ⲛ⳿ϩⲗⲓ ⲁⲛ.
14हर कउनो आपन ही खराब इच्छन स भ्रम मँ फंसिके परीच्छा मँ पड़त ह।
14ⲡⲓⲟⲩⲁⲓ ⲇⲉ ⲡⲓⲟⲩⲁⲓ ⲉⲩⲉⲣⲡⲓⲣⲁⲍⲓⲛ ⳿ⲙⲙⲟϥ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲉⲛ ⲧⲉϥⲉⲡⲓⲑⲩⲙⲓⲁ ⳿ⲙⲙⲓⲛ ⳿ⲙⲙⲟϥ ⲉⲥⲥⲱⲕ ⳿ⲙⲙⲟϥ ⲟⲩⲟϩ ⲉⲥⲥⲟⲡⲥⲉⲡ ⳿ⲙⲙⲟϥ.
15फिन जब उ इच्छा गर्भवती होत ह तउ पाप पूरा बढ़ जात ह अउर उ मउत क जनम देत ह।
15ⲓⲧⲁ ϯⲉⲡⲓⲑⲩⲙⲓⲁ ⲁⲥϣⲁⲛⲉⲣⲃⲟⲕⲓ ϣⲁⲥⲙⲉⲥ ⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ ⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ ⲇⲉ ⲁϥϣⲁⲛϫⲱⲕ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϣⲁϥ⳿ϫⲫⲟ ⳿ⲙ⳿ⲫⲙⲟⲩ.
16तऊन मोर पिआर भाइयो तथा बहिनियो, धोखा न खा।
16⳿ⲙⲡⲉⲣⲥⲱⲣⲉⲙ ⲛⲁ⳿ⲥⲛⲏⲟⲩ ⲛⲁⲙⲉⲛⲣⲁϯ.
17हर एक उत्तिम दान अउर परिपूर्ण उपहार उप्पर स मिलत ह। अउर उ सबइ ओह परमपिता क जरिये जे सरगीय प्रकास (सूरज चाँद अउर तारन) क जनम दिहे अहइ, नीचे लइ आवत ह। उ जउन सभन प्रकासन का पिता अहइ। जो न कभउ बदलत ह अउर न छाया स प्रभावित होत ह।
17ⲧⲁⲓⲟ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⲉⲑⲛⲁⲛⲉⲩ ⲛⲉⲙ ⲇⲱⲣⲟⲛ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⲉⲧϫⲏⲕ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲁⲛ⳿ⲉⲃⲟⲗ ⳿ⲙ⳿ⲡϣⲱⲓ ⲛⲉ ⲉⲩⲛⲏⲟⲩ ⲉⲡⲉⲥⲏⲧ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲉⲛ ⳿ⲫⲓⲱⲧ ⳿ⲛⲧⲉ ⲛⲓⲟⲩⲱⲓⲛⲓ ⲫⲏⲉⲧⲉ ⳿ⲙⲙⲟⲛ ϣⲓⲃϯ ⲛⲁϩⲣⲁϥ ⲟⲩⲇⲉ ⲟⲩ⳿ⲥⲙⲟⲧ ⳿ⲛⲧⲉ ⲟⲩϧⲏⲓⲃⲓ ⳿ⲉⲁⲥⲥⲓⲛⲓ.
18परमेस्सर अपने इच्छा स सत्य क बचन दुआरा हमे जनम दिहेस जेहसे हम ओकरे द्वारा रचे गएन प्रानियन मँ सबसे महत्वपूर्ण सिद्ध होइ सकी।
18ⲁϥⲟⲩⲱϣ ⲁϥ⳿ϫⲫⲟⲛ ϧⲉⲛ ⳿ⲡⲥⲁϫⲓ ⳿ⲛⲧⲉ ϯⲙⲉⲑⲙⲏⲓ ⲉⲑⲣⲉⲛϣⲱⲡⲓ ⳿ⲛⲟⲩⲁⲡⲁⲣⲭⲏ ⳿ⲛⲧⲉ ⲛⲉϥⲥⲱⲛⲧ.
19मोर पिआरे भाइयो तथा बाहिनियो, खियाल रखा, हर कीहीउ क पत्परता क साथे सुनइ चाही, बोलइ मँ जल्दी न करा, अउर जल्दी सा किरोध न करा कर।
19ⲧⲉⲛⲥⲱⲟⲩⲛ ⲇⲉ ⲛⲁ⳿ⲥⲛⲏⲟⲩ ⲛⲁⲙⲉⲛⲣⲁϯ ⲙⲁⲣⲉϥϣⲱⲡⲓ ⲇⲉ ⳿ⲛϫⲉ ⲣⲱⲙⲓ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⲉϥⲓⲏⲥ ⲉϥⲛⲁⲥⲱⲧⲉⲙ ⲉϥϩⲟⲣϣ ⲉϥⲛⲁⲥⲁϫⲓ ⲉϥ⳿ϩⲣⲟϣ ⲉϥⲛⲁϫⲱⲛⲧ.
20काहेकि मनई जब किरोध करत ह तब उ परमेस्सर क द्वारा बनाए भए रस्ता का पालन नाहीं कइ पावत।
20⳿ⲡϫⲱⲛⲧ ⲅⲁⲣ ⳿ⲙ⳿ⲫⲣⲱⲙⲓ ⳿ⲙⲡⲁϥⲉⲣϩⲱⲃ ⳿ⲉϯⲙⲉⲑⲙⲏⲓ ⳿ⲛⲧⲉ ⲫϯ.
21सब घिनौना आचरण अउर चारहुँ ओर फइलत दुस्टताई स दूर रहा। अउर नरमी क साथे तोहरे हिरदइ मँ रोपा भवा परमेस्सर क बचन क पालन करा जउन तोहार आतिमन क उद्धार देवाई सकत ह।
21ⲉⲑⲃⲉⲫⲁⲓ ⲭⲁ ⲑⲱⲗⲉⲃ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⳿ⲉ⳿ϧⲣⲏⲓ ⲛⲉⲙ ⳿ⲡϩⲟⲩ⳿ⲟ ⳿ⲛⲧⲉ ϯⲕⲁⲕⲓⲁ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲙⲉⲧⲣⲉⲙⲣⲁⲩϣ ϣⲉⲡ ⲡⲓⲥⲁϫⲓ ⳿ⲉⲣⲱⲧⲉⲛ ⲉϥⲣⲏⲧ ⳿ⲙⲃⲉⲣⲓ ⲫⲏⲉⲧⲉ ⲟⲩⲟⲛ ⳿ϣϫⲟⲙ ⳿ⲙⲙⲟϥ ⳿ⲉⲛⲟϩⲉⲙ ⳿ⲛⲛⲉⲧⲉⲛⲯⲩⲭⲏ.
22परमेस्सर क उपदेस पे चलइ वाला बना, न कि केवल ओका सुनइवाला। अगर तू केवल ओका सुनबइ भर रहत ह तउ अपने आप क छलत अहा।
22ϣⲱⲡⲓ ⲉⲣⲉⲧⲉⲛⲟⲓ ⳿ⲛⲣⲉϥ⳿ⲓⲣⲓ ⳿ⲙⲡⲓⲥⲁϫⲓ ⲟⲩⲟϩ ⳿ⲛⲣⲉϥϭⲓ⳿ⲥⲙⲏ ⳿ⲙⲙⲁⲩⲁⲧϥ ⲁⲛ ⳿ⲙⲙⲟⲛ ⲉⲣⲉⲧⲉⲛⲉⲣϩⲁⲗ ⳿ⲙⲙⲱⲧⲉⲛ ⳿ⲙⲙⲁⲩⲁⲧⲉⲛ ⲑⲏⲛⲟⲩ.
23काहेकि अगर केउॅ परमेस्सर क उपदेस क सुनत तउ बाटइ मुला ओह प चलत नाहीं, तउ उ ओह मनई क समान बाटइ जउन अपने भौतिक मुँहे क दरपन मँ देखतेइ भर बाटइ।
23ⲫⲏⲉⲧⲉ ⲛⲟⲩⲣⲉϥϭⲓ⳿ⲥⲙⲏ ⲡⲉ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲓⲥⲁϫⲓ ⲟⲩⲟϩ ⳿ⲛⲟⲩⲣⲉϥⲉⲣϩⲱⲃ ⲁⲛ ⲡⲉ ⲫⲁⲓ ⲁϥⲟⲛⲓ ⳿ⲛⲟⲩⲣⲱⲙⲓ ⳿ⲉⲁϥϯ⳿ⲛⲓⲁⲧϥ ⳿ⲙ⳿ⲡϩⲟ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲉϥϫⲓⲛⲙⲓⲥⲓ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲓⲁⲗ.
24उ खुद क अच्छी तरह देखतइ बा, पर जब उहाँ स चला जात ह तउ तुरन्त भूल जात ह कि उ कइसेन देखॉत रहा।
24ⲁϥϯ⳿ⲛⲓⲁⲧϥ ⲅⲁⲣ ⳿ⲙⲙⲟϥ ⲟⲩⲟϩ ⲁϥϣⲉ ⲛⲁϥ ⲟⲩⲟϩ ⲥⲁⲧⲟⲧϥ ⲁϥⲉⲣ⳿ⲡⲱⲃϣ ⳿ⲙⲡⲓⲣⲏϯ ⳿ⲉⲛⲁϥⲟⲓ ⳿ⲙⲙⲟϥ.
25किन्तु जो परमेस्सर क उहइ सम्पूर्ण व्यवस्था क नजदीक स देखत ह, जेससे स्वतन्त्रता प्राप्त होत ह, अउर उही प आचरण भी करत ह अउर सुनिके ओहका भूले बिना आपन आचरण मँ उतार लेत ह, उही अपने करमन क बरे धन्य होइ।
25ⲫⲏ ⲇⲉ ⲉⲧⲁϥⲥⲟⲙⲥ ⳿ⲥ⳿ⲫⲛⲟⲙⲟⲥ ⲉⲧϫⲏⲕ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ⳿ⲛϯⲙⲉⲧⲣⲉⲙϩⲉ ⲟⲩⲟϩ ⳿ⲛⲧⲉϥⲟϩⲓ ⳿ⲛϧⲏⲧϥ ⳿ⲙⲡⲁϥⲉⲣⲣⲉϥϭⲓ⳿ⲥⲙⲏ ⳿ⲛⲣⲉϥⲉⲣ⳿ⲡⲱⲃϣ ⲁⲗⲗⲁ ⳿ⲛⲣⲉϥ⳿ⲓⲣⲓ ⳿ⲙⲡⲓϩⲱⲃ ⲫⲁⲓ ⲉϥ⳿ⲉⲉⲣ ⲟⲩⲙⲁⲕⲁⲣⲓⲟⲥ ϧⲉⲛ ⲡⲉⲧⲉϥ⳿ⲓⲣⲓ ⳿ⲙⲙⲟϥ.
26अगर केऊ सोचत ह कि उ भक्त अहइ अउर अपने जीभ प कसिके लगाम नाहीं लगावत त उ धोखा मँ बा। ओकर भक्ति बेकार बा।
26ⲫⲏ ⲇⲉ ⲉⲑⲩⲙⲉⲩⲓ ⳿ⲉⲣⲟϥ ϫⲉ ⲟⲩⲣⲉϥϣⲉⲙϣⲓ ⲡⲉ ⳿ⲛ⳿ϥϭⲓⲭⲁⲗⲓⲛⲟⲩⲥ ⳿ⲙⲡⲉϥⲗⲁⲥ ⲁⲛ ⲁⲗⲗⲁ ⲁϥⲉⲣϩⲁⲗ ⳿ⲙⲡⲉϥϩⲏⲧ ⲟⲩⲉⲫⲗⲏⲟⲩ ⲡⲉ ⳿ⲡϣⲉⲙϣⲓ ⳿ⲙⲫⲁⲓ.
27परमेस्सर क सामने सच्चे अउर सुद्ध आराधना ऊहई अहइ: जेहमाँ अनाथ अउर विधवन क ओनके दुख दर्द मँ सुधि लीन्हि जाइ अउर खुद क कउनउ सांसारीक कलंक न लागइ दीन्ह जाइ।
27ⲡⲓϣⲉⲙϣⲓ ⲇⲉ ⲉⲑⲟⲩⲁⲃ ⲟⲩⲟϩ ⳿ⲛⲁⲧⲑⲱⲗⲉⲃ ϧⲁⲧⲉⲛ ⲫϯ ⲟⲩⲟϩ ⳿ⲫⲓⲱⲧ ⲫⲁⲓ ⲡⲉ ⳿ⲉϫⲉⲙ⳿ⲡϣⲓⲛⲓ ⳿ⲛⲛⲓⲟⲣⲫⲁⲛⲟⲥ ⲛⲉⲙ ⲛⲓⲭⲏⲣⲁ ⳿ⲛ⳿ϧⲣⲏⲓ ϧⲉⲛ ⲡⲟⲩϩⲟϫϩⲉϫ ⳿ⲉⲁⲣⲉϩ ⳿ⲉⲣⲟϥ ⲉϥⲟⲓ ⳿ⲛⲁⲧⲁϭ ⲛⲓ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲁ ⲡⲓⲕⲟⲥⲙⲟⲥ