Awadhi: NT

Hebrew: Modern

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8

1ओनही दिनन मँ दूसर अउसर प भारी भीर जमा होइ गइ अउर ओनके पास खाइ क कछू नाहीं रहा। उ आपन चेलन क निअरे बोलाएस अउर ओनसे कहेस,
1ויהי בימים ההם בהקבץ עם רב ואין להם מה יאכלו ויקרא אל תלמידיו ויאמר אליהם׃
2“मोका इन मनइयन प तरिस आवत ह, अइसे कि उ पचे मोरे साथ पहिले क तीन दिनन स अहइँ। ओनेके लगे खाइ क कछू नाहीं।
2נכמרו רחמי על העם כי זה שלשת ימים עמדו עמדי ואין להם לחם לאכל׃
3उ जदि मइँ ओनका घरे भूखा पठवत हउँ, उ सबइ राहे मँ मर बिलाय जइहीं। ओहमाँ स कछू तू ढेर दूरी स आइ अहइँ।”
3והיה בשלחי אותם רעבים לבתיהם יתעלפו בדרך כי יש מהם אשר באו ממרחק׃
4अउर ओकर चेलन जवाब दिहन, “इ जंगल मँ एनका खिआवइ क बरे कतहूँ का कउनो खूब खाइ क पाइ सकत ह, जेहसे एनका खियाइ दीन्ह जाइ?”
4ויענו אתו תלמידיו מאין יוכל איש להשביע את אלה פה במדבר לחם׃
5उ ओनसे पूछेस, “तोहरे पास केतनी रोटी अहइँ?” “सात ठु” उ पचे जवाब दिहेन।
5וישאל אותם כמה ככרות לחם יש לכם ויאמרו שבע׃
6तब ईसू हुकुम दिहेस-भीर मइदान मँ बैठि जाइ। उ सात रोटी लिहस, फिन परमेस्सर क धन्यवाद दिहस। उ ओनका तोड़ेस। ओकरे बाद आपन चेलन क बाँटइ बरे दिहस। अउर उ पचे भिड़िया क लोग क बाँटेन।
6ויצו את העם לשבת לארץ ויקח את שבע ככרות הלחם ויברך ויפרס ויתן אותם לתלמידיו לשום לפניהם וישימו לפני העם׃
7ओनके लगे नान्ह नान्ह थोड़ी स मछरी भी रही। अउर उ धन्यबाद दइके ओनका बाँटइ बरे कहेस।
7ויהי להם מעט דגים קטנים ויברך ויאמר לשום לפניהם גם את אלה׃
8मनइयन अघाइ गएन अउर बचा खुचा रोटी क टुकड़न स सात झउआ उ पचे एकट्ठा करेन।
8ויאכלו וישבעו וישאו מן הפתותים הנותרים שבעת דודים׃
9हुवाँ करीब चार हजार पुरुसन रहेन। तब उ ओनका बिदा करेस।
9והאכלים היו כארבעת אלפי איש וישלחם׃
10अउर तुरंतहिं उ चेलन्क लइ क नाउ मँ बइठि के दलमनूता पहँटा मँ गवा।
10אז ירד באניה עם תלמידיו ויבא אל גלילות דלמונתא׃
11फिन फरीसियन आएन अउर ओसे सवाल करइ लागेन। उ सब ओसे एक ठु अद्भुत कारज बरे कहेन। उ पचे ओका परखइ बरे अइसा किहन।
11ויצאו הפרושים ויחלו להתוכח אתו וישאלו מעמו אות מן השמים והם מנסים אתו׃
12आपन मनवा मँ गहरी सांस भरत ईसू कहेस, “काहे ई पीढ़ी क मनई अद्भुत चीन्ह चाहत हीं? मइँ तोहका सच सच कहत हउँ। कउनो अद्भुत चीन्ह क पीढ़ी क न दीन्ह जाई।”
12ויאנח ברוחו ויאמר מה הדור הזה מבקש לו אות אמן אמר אני לכם אם ינתן אות לדור הזה׃
13तबहिं उ ओनका छोड़ि दिहस। फिन नाउ मँ बइठ गवा, अउर झील क उ पार गवा।
13ויעזב אותם וירד באניה וישב ויעבר אל עבר הים׃
14ईसू क चेलन खइया क जिआदा लइ आउब बिसर गएन। ओनके लगे एक ठु रोटी क बजाय कछू नाहीं रहा।
14וישכחו לקחת אתם לחם ולא היה להם באניה בלתי אם ככר לחם אחת׃
15ईसू ओनका चितावनी देत कहेस, “हुसियार! फरीसियन अउर हेरोदेस क खमीर स बचा रहा।”
15ויזהר אותם לאמר ראו השמרו לכם משאר הפרושים ומשאר הורדוס׃
16“हमरे लगे एक ठु रोटी नाहीं इस प उ पचे आपुस मँ छानबीन करइ लागेन।
16ויחשבו ויאמרו איש אל רעהו על כי לחם אין אתנו׃
17उ सबइ क कहत अहइँ इ जानत भवा ईसू ओनसे कहेस, “रोटी नाहीं होइ क कारण तू सबइ काहे सोचत बिचारत अहा? का तू अबहुँ समझत बुझत नाहीं बाट्या? का तोहार बुद्धि जड़ अहइ?
17וידע ישוע ויאמר להם מה תחשבו על כי לחם אין לכם העוד לא תשכילו ולא תבינו ולבכם עודנו מטמטם׃
18तोहरे आँखिन अहइँ, का तू देखि सकत्या नाहीं? तोहरे कान अहइँ, का तू सुन सकत्या नाहीं? ता तोहका याद नाहीं?
18עינים לכם ולא תראו ואזנים לכם ולא תשמעו ולא תזכרו׃
19जबहिं मइँ पाँच रोटिन्क पाँच हजार मनइयन मँ तोड़िउँ। केतना झउआ रोटी क टुकड़न स भरा भवा तू बटोर्या?” उ पचे कहेन, “बारह।”
19כאשר פרסתי את חמשת ככרות הלחם לחמשת אלפי איש כמה סלים מלאי פתותים נשאתם ויאמרו אליו שנים עשר׃
20“अउर जबहिं मइँ सात रोटिन्क क चार हजार बरे तोड़यों। कइ झउआ रोटिन्क टुकड़न क तू बटोर्या?” उ सबई कहेन, “सात।”
20ובשבע לארבעת אלפי איש כמה דודים מלאי פתותים נשאתם ויאמרו אליו שבעה׃
21तबहिं उ ओनसे पूछेस, “का तू पचे अबहुँ नाहीं बूझया?”
21ויאמר אליהם איך לא תבינו׃
22उ पचे बैतसैदा गएन। हुँवा कछू लोग ओकरे पास एक ठो आँधर पकड़ि ले आइन अउर उ सबइ ईसू स ओका छुअइ क बिनती करेन।
22ויבא אל בית צידה ויביאו אליו איש עור ויתחננו לו לגעת בו׃
23उ आँधर मनई क हथवा पकड़ेस अउर ओका गाउँ क बाहेर लइ गवा। ईसू आँधर क आँखिन प थूकेस, “का तू कउनो चीज निहारत ह”
23ויאחז ביד העור ויוליכהו אל מחוץ לכפר וירק בעיניו וישם את ידיו עליו וישאלהו לאמר הראה אתה דבר׃
24आँधर मनई निहारेस अउर कहेस, “मइँ मनइयन क देखात हउँ, उ सबई बिरवा क नाईं आसि पासि चलत देखत अहइँ।”
24ויבט ויאמר אראה את בני האדם כי מתהלכים כאילנות אני ראה׃
25तबहिं ईसू आपन हथवा मनई क आँखिन प पुनि धरेस। फिन उ आपनि आँखिन पूरी पूरी खोलि दिहेस। ओका आँखिन क जोती मिलि गइ। अउर उ सबहुँ क नीक-नीक निहारइ लाग।
25ויוסף לשום את ידיו על עיניו ותפקחנה עיניו וירפא וירא הכל היטב עד למרחוק׃
26तब ईसू ओका घरे पठइ दिहस, इ कहत कहत, “गाउँ मँ जिन जा।”
26וישלחהו אל ביתו לאמר אל תבא בתוך הכפר ואל תדבר לאיש בכפר׃
27अउर ईसू अउर ओकर चेलन कैसरिया फिलिप्पी क पड़ोसी गाउँन मँ चलेन। ईसू राहे मँ चेलन स पूछेस, “लोग का कहत हीं कि मइँ कउन हउँ?”
27ויצא ישוע ותלמידיו ללכת אל כפרי קיסרין של פילפוס ויהי בדרך וישאל את תלמידיו ויאמר אליהם מה אמרים עלי האנשים מי אני׃
28अउर उ सबई जवाब दिहेन, “बपतिस्मा देइवाला यूहन्ना। मुला दूसर कछू लोग एलिय्याह अउर दूसर कछू तोहका नबियन मँ एक नबी कहत हीं।”
28ויענו ויאמרו יוחנן המטביל ויש אמרים אליהו ואחרים אמרים אחד מן הנביאים׃
29फिन उ ओनसे पूछेस, “तू का कहत ह मइँ कउन हउँ?” पतरस ओसे जवाब दिहेन, “तू मसीह अहा।”
29וישאל אתם לאמר ואתם מה תאמרו עלי מי אני ויען פטרוס ויאמר אליו אתה הוא המשיח׃
30तबहिं ईसू ओन चेलन क चितावनी दिहेस, कि ओकरे बारे मँ कउनो स जिन कहइँ।
30ויצו אתם בגערה לבלתי דבר עליו לאיש׃
31अउर उ ओनका समझाउब सुरु करेस, “मनई क पूत क बहोत दुःख झेलइ पड़इ क होइ अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन, मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन स धकियाइ दीन्ह जाइ। अउर उ निहचइ ही मारि डावा जाइ अउर फिन उ तिसरे दिन जी उठी।”
31ויחל ללמדם כי צריך בן האדם לענות הרבה וימאס על ידי הזקנים והכהנים הגדולים והסופרים ויומת ומקצה שלשת ימים קום יקום׃
32ईसू ओनका इ बात सच सच बताइ दिहस। फिन पतरस ओका एक कइँती लइ गवा अउर फटकारइ लाग।
32והוא בגלוי דבר את הדבר הזה ויקחהו פטרוס ויחל לגער בו׃
33मुला ईसू पाछे घूमि के आपन चेलन निहारेस अउर पतरस क फटकारि के कहेस, “सइतान! मोसे पाछे जा। परमेस्सर क बातन स तोहका कउनो मतलब नाहीं, मुला मनई क बातन्क तोहका मतलब अहइ।”
33ויפן אחריו ויבט את תלמידיו ויגער בפטרוס לאמר סור מעל פני השטן כי אין לבך לדברי האלהים כי אם לדברי האדם׃
34तब उ भीर क चेलन संग निअरे बोलाएस अउर उ ओनसे कहेस, “जदि कउनो मोरे पाछे आवा चाहत ह तउ उ आपन सब कछू तजि दे। ओका आपन क्रूस उठाइ लेइ चाही अउर ओका मोरे पाछे होइ चाही।
34ויקרא אל העם ואל תלמידיו ויאמר אליהם החפץ ללכת אחרי יכחש בנפשו וישא את צלבו וילך אחרי׃
35मुला जउन आपन जिन्नगी क बचावा चाहत ह, उ एका खोइ देइ। अउर जउन आपन जिन्नगी मोका अउर सुसमाचार बरे खोई उ एका बचावा चाही।
35כי כל אשר יחפץ להושיע את נפשו תאבד נפשו ממנו וכל אשר תאבד לו נפשו למעני ולמען הבשורה הוא יושיענה׃
36अगर कउनो मनई आपन आतिमा खोइ के समूची दुनिया लइ लेत ह, तउ ओसे का फाइदा?
36כי מה יסכן לאדם כי יקנה את כל העולם ונשחתה נפשו׃
37अइसे कउनो मनई कउनो ठो चीज क बदले आतिमा नाहीं पाइ सकत।
37או מה יתן איש פדיון נפשו׃
38जदि कउनो व्यभिचार अउर पापी पीढ़ी मँ मोर नाउँ अउर उपदेस क कारण सर्मात ह तउ मनई क पूत जब पवित्तर सरगदूतन क संग आपन परमपिता क महिमा लइ के आई तउ उहउ सर्माइ जाई।”
38כי כל איש אשר הייתי אני ודברי לו לחרפה בדור הנאף והחוטא הזה אף הוא יהיה לחרפה לבן האדם בבואו בכבוד אביו עם המלאכים הקדושים׃