1अन्ताकिया क कलीसिया मँ कछू नबी अउर बरनाबस, समौन (नीगर) कहा जाइवाला समौन कुरेनी क लूकियुस, देस क चउथाई हींसा क राजा हेरोदेस क संग पालितयोसित मनाहेम अउर साऊल जइसे कछू सिच्छक रहेन।
1अंत्युखिया येथील ख्रिस्ती मंडळीत काही संदेष्टे व शिक्षक होते. ते पुढीलप्रमाणे: बर्णबा, निग्र शिमोन, लूक्य कुरेनेकर, मनाएन (जो हेरोदाबरोबर लहानाचा मोठा झाला), आणि शौल.
2उ पचे जब उपवास करत भए पर्भू क आराधना मँ लाग रहेन, तबहिं पवित्तर आतिमा कहेस, “बरनाबास अउर साऊल क जउने काम बरे मइँ बोलाएउँ ह, ओका करइ बरे मोरे नीस्बत, ओनका अलगाइ द्या।”
2ही सर्व माणसे देवाची सेवा करीत असत व उपास करीत असत. पवित्र आत्मा त्यांना म्हणाला, “बर्णबा व शौलाला माझ्याकडे द्या. एक खास काम त्यांच्याकडून मला करवून घ्यायचे आहे. हे काम करण्यासाठी मी त्यांना निवडले. आहे”
3तउ जब सिच्छक अउर नबी आपन उपवास अउर पराथना पूरी कइ चुकेन तउ उ पचे बरनाबास अउर साऊल प आपन हाथ धरेन अउर ओनका बिदा कइ दिहेन।
3म्हणून मंडळीने उपास व प्रार्थना केल्या, त्यांनी बर्णबा व शौल यांच्या डोक्यांवर हात ठेवून प्रार्थना केली, मग त्यांना पाठवून दिले.
4पवित्तर आतिमा क जरिए पठए भए उ सबइ सिलूकिया गएऩ जहाँ स जहान मँ बइठिके उ पचे साइप्रस पहोंचेन।
4पवित्र आत्म्याच्या द्वारे बर्णबा व शौल यांना पाठविण्यात आले. ते सलुकीया शहराला गेले. नंतर ते समुद्रमार्गे कुप्र बेटावर गेले.
5फिन जब उ पचे सलमीस पहोंचेन तउ उ पचे यहूदियन क आराधनालय मँ परमेस्सर क बचन क प्रचार किहेन यूहन्ना सहायक क रूप मँ ओनकइ संग रहा।
5जेव्हा बर्णबा व शौल सलमीन शहरात आले, तेव्हा त्यांनी देवाचा संदेश यहूदी लोकांच्या सभास्थानात दिला. मार्क म्हटलेला योहान त्यांच्या मदतीला होता.
6उ समूचइ द्वीप क जात्रा करत करत उ पचे पाफुस ताईं जाइ पहोंचेन। हुवाँ ओनका एक जादूगर मिला, उ झूठा नबी रहा। उ यहूदी क नाउँ रहा बार-ईसू।
6ते संपूर्ण बेट पार करुन पफे शहरास गेले. पफे येथे त्यांना एक यहूदी मनुष्य भेटला. तो जादूच्या करामती करीत असे. त्याचे नाव बर्येशू होते. तो खोटा संदेष्टा होता.
7उ एक बहोत बुद्धिमान पुरुस राज्यपाल सिरगियुस पौलुस क दोस्त रहा जउन फिन परमेस्सर क बचन सुनइ बरे बरनाबास अउर साऊल क बोलवाएस।
7बर्येशू नेहमी सिर्ग्य पौल याच्या निकट राहण्याचा प्रयत्न करायचा. सिर्ग्य पौल राज्यपाल होता. व तो हुशार होता. त्याने बर्णबा व शौल यांना आपणाकडे बोलाविले. त्याला त्यांचा संदेश ऐकावयाचा होता.
8मुला इलीमास जादूगर ओनकइ खिलाफत किहेस (इ बार-ईसू क अनुवाद क नाउँ बा।) उ नगर-पति क बिसवास डुगावइ क जतन किहेस।
8परंतु अलीम जादूगार हा बर्णबा व शौल यांच्या विरुद्ध होता. (ग्रीक भाषेत बर्येशूसाठी अलीम शब्द वापरतात. त्याचा अर्थ तोच आहे.) राज्यपालाने येशूवर विश्वास ठेवू नये म्हणून अलीमने त्याचे मन वळविण्याचा प्रयत्न केला.
9फिन साऊल जेका पौलुस भी कहा जात रहा, पवित्तर आतिमा स भरपूर होइके इलीमास प पैनी निगाह डारत भवा कहेस,
9पण शौल आत्म्याने भरला होता. (शौलाचे दुसरे नाव पौल) पौलाने अलीमकडे (बर्येशूकडे) पाहिले व म्हणाला,
10“सबहिं तरह क छल अउर धूर्तताई स भरा, अरे सइतान क बेटहना, तू हर नेकी क दुस्मन अहा। का तू पर्भू क सोझ सच्चे राह क तोड़ब मरोड़ब न तजब्या?
10“सैतानाच्या पुत्रा! जे काही योग्य असेल त्या सर्वांचा तू शत्रू आहेस. तू दुष्टाईने व खोटेपणाने भरलेला आहेस. तू देवाचे सत्य नेहमी खोटेपणात बदलण्याचा प्रयत्न करतोस!
11अब लखा पर्भू क हाथन तोह प आइ पड़ा बा। तू आँधर होइ जाब्या अउर कछू समइ बरे सूरज तक भी नाहीं लख पउब्या।” तुरंतहि एक धूँध अउर अँधियारा होइ पइ छाइ गवा अउर एहर-ओहर टोवइ लाग कि कउनो हथवा धइके ओका चलावइ।
11आता तुला देवाने स्पर्श करताच तू आंधळा होशील. भर दिवसाच्या उन्हातही तुला काही काळ दिसणार नाही.” मग अलीमसाठी सर्व काही अंधकारमय झाले, चाचपडत तो इकडेतिकडे फिरु लागला. कोणीतरी मदतीला घेऊन त्याचा हात धरुन जाण्यासाठी प्रयत्न करु लागला.
12तउ राज्यपाल, जउन कछू भवा रहा, जब ओका लखेस तउ उ बिसवास धरेस। उ पर्भू क बाबत उपदेसन स बहोत होइ गवा।
12जेव्हा राज्यपालाने ते पाहिले (सार्ग्य पौल) त्याने विश्वास ठेवला. प्रभूच्या शिक्षणाने तो चकित झाला.
13फिन पौलुस अउर ओकर संगी पाफुस स ऩाउ क जरिये पंफूलिया क पिरगा मँ आइ गएऩ। मुला यूहन्ना ओनका हुँवइ छोड़िके यरूसलेम लौटि आवा।
13पौल व जे लोक त्याच्याबरोबर होते ते पफेकडून समुद्रमार्गे निघाले. ते पंफुल्यातील पिर्गा गावी आले. परंतु योहान (मार्क) त्यांना सोडून परत यरुशलेमला गेला.
14ओहर उ पचे आपन जात्रा प बढ़त भए पिरगा स पिसिदिया क नजदीक नगर अन्ताकिया मँ आइ गएन। फिन सबित क दिना यहूदी आराधनालय मँ जाइके बइठि गएऩ।
14त्यांनी त्यांचा प्रवास पुढे चालू ठेवला. पिर्गापासून पुढे ते अंत्युखियास गेले. (जे पिसीडीयाजवळ होते.) अंत्युखियात असताना शब्बाथ दिवशी ते यहूदी सभास्थानात गेले आणि तेथे बसले.
15मूसा क व्यवस्था क मुताबिक अउर नबियन क पोथी क पाठ कइ चुके क पाछे यहूदी आराधनालय क अधिकारियन ओनकइ लगे इ संदेसा कहवाइ पठएन, “भाइयो, मनइयन क उपदेसन देइ बरे तोहरे लगे कहइ क प्रोत्साहन क कउनो अउर बचन अहइ जउन ओका सुनावा।”
15पवित्र शास्त्रातील नियमशास्त्र आणि संदेष्टयांच्या लोखाणाचे वाचन झाले, मग सभास्थानच्या अधिकाऱ्यांनी पौल व बर्णबाला निरोप पाठविला: “बधूनो, येथील लोकांना काही मदत होईल असे काही तरी तुम्हांला सांगायचे असेल तर कृपा करुन बोला!”
16ऍह पइ पौलुस खड़ा भवा अउर आपन हाथ हिलावत भवा बोलइ लाग, “हे इस्राएल क मनइयो अउर परमेस्सर स डेराइवाले गैर यहूदियो, सुना:
16पौल उभा राहिला. आणि आपला हात उंचावून (लोकांचे लक्ष वेधून घेऊन) म्हणाला, “माझ्या यहूदी बांधवानो व इतर लोकहो, जे तुम्ही खऱ्या देवाची उपासना करता, ते कृपा करुन माझे ऐका!
17इ इस्राएल क मनइयन क परमेस्सर हमरे पूर्वजन क चुने रहा अउर जब हमार लोग मिस्र मँ ठहरा रहेन, उ ओनका महान बनाए रहा अउर आपन महान सक्ति स उ ओनका उ धरती स बाहेर निकारि लइ आवा रहा।
17इस्राएलाच्या देवाने आपल्या वाडवडिलांची निवड केली. ते ज्या काळात इजिप्तमध्ये परकी म्हणून राहत होते, त्याकाळात देवाने त्यांना यशस्वी होण्यास मदत केली. मोठ्या सामर्थ्याने देवाने त्यांना त्या देशातून बाहेर आणले.
18अउर लगभग चालीस बरिस तलक उ जंगल मँ ओनकइ मदद करत रहा।
18आणि देवाने अरण्यातील चाळीस वर्षांत त्यांना सहनशीलता दाखविली.
19अउर कनान देस क सात जातियन क नास कइके उ धरती इस्राएल क मनइयन क वसीयत क रूप मँ दइ दिहेस।
19देवाने कनानच्या प्रदेशातील सात राष्ट्रांना नाश केला. देवाने त्यांच्या जमिनी त्याच्या लोकांना दिल्या.
20इ सब कछू मँ लगभग साढ़े चार सौ बरिस लगेन। “ऍकरे पाछे समूएल नबी क समइ तलक उ ओनका अनेक निआव क न्यायकर्ता दिहेस।
20हे सर्व साधारणपणे चारशेपन्रास वर्षांत घडले. “त्यानंतर देवाने आपल्या लोकांना शास्ते (नेते) दिले. ते शमुवेल संदेष्टेयाच्या काळापर्यंत.
21फिन उ पचे एक राजा क निवेदन किहेन, तउ परमेस्सर बिन्यामीन क गोत क एक मनई कीस क बेटवा साऊल क चालीस बरिस बरे ओनका दइ दिहेस।
21मग लोकांनी राजाची मागणी केली. देवाने त्यांना किशाचा पुत्र शौल याला दिले. शौल हा बन्यामिनाच्या वंशातील होता. तो चाळीस वर्षेपर्यंत राजा होता.
22फिन साऊल क हटाइके उ ओनकइ राजा दाऊद क बनाएस जेकरे बारे मँ उ इ साच्छी दिहेस, ‘मइँ यिसै क बेटवा दाऊद क एक अइसे मनई क रूप मँ मिला ह, जउन मोरे मन क मुताबिक अहइ। जउन कछू मइँ ओसे करावइ चाहत हउँ, उ उ सब कछू क करी।’
22नंतर देवाने शौलाला काढून टाकले. देवाने दावीदाला त्यांचा राजा केले. दावीदाविषयी देव असे बोलला: दावीद, इशायाचा पुत्र, हा मला आवडला, मला ज्या गोष्टी पाहिजेत त्या सर्व तो करील.
23“इ ही मनई क एक बंसज क आपन प्रण क मुताबिक इस्राएल मँ उद्धार करइया ईसू क रूप मँ लाइ चुका अहइ।
23याच दाविदाच्या वंशजातून देवाने इस्राएल लोकांचा तारणारा आणिला. तो वंशज येशू आहे. देवाने हे करण्याचे अभिवचन दिले होते.
24ओकरे आवइ स पहिले यूहन्ना इस्राएल क सबहिं मनइयन मँ मनफिराव स बपतिस्मा क प्रचार करत अहइ।
24येशू येण्यापूर्वी सर्व यहूदी लोकांना योहानाने उपदेश केला. त्यांच्या अंत:करणात बदल व्हावा म्हणून योहानाने लोकांना सांगितले की, त्यांनी बाप्तिस्मा घेतला पाहिजे.
25यूहन्ना जब आपन काम क पूरा करइ क रहा, तउ उ कहेस रहा, ‘तू मोका जउन समुझत ह, मइँ उ नाहीं हउँ। मुला एक अइसा अहइ जउन मोरे पाछे आवत अहइ। मइँ जेकर पनही क फीतास खोलइ लायक भी नाहीं अहउँ।’
25जेव्हा योहान आपले काम संपवत होता, तेव्हा तो म्हणाला, ‘मी कोण आहे असे तुम्हांला वाटते? मी रिव्रस्त नाही. तो नंतर येत आहे. त्याच्या वहाणांचे बंद सोडण्याची सुद्धा माझी लायकी नाही.’
26“भाइयो, इब्राहीम क सन्तानो अउर सच्चे परमेस्सर क आराधक गैर यहूदियो, उद्धार क इ सुसमाचार हमरे बरे ही पठवा ग अहइ।
26“माझ्या बंधूनो, अब्राहामच्या कुटुंबातील पुत्रांनो, आणि तुम्ही यहूदी नसलेले पण खऱ्या देवाची उपासना करणारे, ऐका! या तारणाची बातमी आम्हांला सांगितली गेली.
27यरुसलेम मँ बसइयन अउर ओनकइ राजा लोगन ईसू क नाहीं पहिचानेन। अउर ओका दोखा ठहराइ दिहेन। इ तरह उ पचे नबी लोगन क उ बचन क पूरा किहन जेनकइ सबित क दिन पाठ कीन्ह जात ह।
27जे यरुशलेममध्ये राहतात ते यहूदी व यहूदी पुढारी यांना जाणीव झाली नाही की, येशू हा तारणारा होता. येशूविषयी जे शब्द भविष्यवाद्यांनी लिहिले ते यहूदी लोकांसाठी प्रत्येक शब्बाथाच्या वारी वाचले गेले. परंतु त्यांना ते समजले नाही. यहूदी लोकांनी येशूचा धिक्कार केला, जेव्हा त्यांनी असे केले, तेव्हा त्यांनी भविष्यावाद्यांचे म्हणणे खरे ठरविले!
28अउर जदि अपि ओनका ओकरे मउत क राजा क कउनो सबूत नाहीं मिला, तउ भी उ पचे पलातुस स ओका मरवाइ डावइ क माँग किहेन।
28येशूने का मरावे याचे खरे कारण ते शोधू शकले नाहीत. पण त्यांनी पिलाताला सांगितले की त्याला जिवे मारावे.
29“ओकरे बारे मँ जउन कछू लिखा रहा, जब उ पचे सब कछू क पूरा कइ चुकेन ओका ऋूस प स खाले उतारेन अउर एक कब्र मँ धइ दिहन।
29शास्त्रामध्ये येशूच्याबद्दल या गोष्टी लिहिल्या होत्या की, जे वाईट ते त्याच्याबाबतीत घडणारे होते. ते सर्व या यहूदी लोकांनी येशूला केले. मग त्यांनी येशूला वधस्तंभावरुन खाली घेतले. व त्याला कबरेत ठेवले.
30मुला परमेस्सर ओका मरइ क पाछे फिन जीवित कइ दिहस।
30पण देवाने त्याला मरणातून उठविले
31अउर फिन जउन लोग गलील स यरुसलेम तलक ओकरे संग गएऩ, उ ओनकइ अगवा कइउ दिना ताईं परगट होत रहा। इ सबइ अब मनइयन बरे ओकर साच्छी अहइँ।
31यानंतर, पुष्कळ दिवसांपर्यंत जे त्याच्याबरोबर होते, त्यांना गालीला पासून यरुशलेमपर्यंत येशूने दर्शन दिले. ते लोक आता त्याचे शाक्षीदार म्हणून लोकांसमोर आहेत.
32“हम तोहका उ प्रण क बारे मँ सुसमाचार सुनावत अही जउन हमरे पूर्वजन क संग कीन्ह गइ रही।
32आम्ही तुम्हांला देवाने जे अभिवचन आमच्या वाडवडिलांना (पूर्वजांना) दिले त्याविषयी सुवार्ता सांगतो.
33ईसू क, मरि जाए क पाछे फिन जीवित कइके, ओनकइ संताने क बरे परमेस्सर उहइ सपथ क हमरे बरे पूरा किहेस ह। जइसा कि दूसर भजन संहिता मँ लिखा भी अहइ: ‘तु मोर पूत अहा, मइँ तोहका आजु ही जनम दिहेउँ ह।’ भजन संहिता 2:7
33आम्ही त्यांची लेकरे (वंशज) आहोत आणि देवाने हे अभिवचन आमच्या बाबतीत खरे करुन दाखविले. देवाने हे येशूला मरणातून पुन्हा उठविण्याद्वारे केले. आम्ही याविषयी स्तोत्रसंहितातेमध्येसुद्धा वाचतो: ‘तू माझा पुत्र आहेस. आज मी तुझा पिता झालो आहे.’ स्तोत्र. 2:7
34अउर उ ओका मरे भएऩ मँ जिआइ के उठाएस जेहॅसे नास होइ स पहिले ओका फिन स लौटब न होइ। उ इ तरह कहे रहा: ‘मइँ तोहका उ सबइ पवित्तर अउर न टरइ क असीस देब जेनका देइ क बचन मइँ दाऊद क दिहेउँ।’ यसायाह 55:3
34देवाने येशूला मरणातून उठविले. येशू पुन्हा कबरेत जाऊन माती बनणार नाही. म्हणून देव म्हणाला: ‘दाविदाला देण्यात आलेली पवित्र व सत्यअभिवचने मी तुला देईन’ यशया 55:3
35इ तरह एक दूसर भजन मँ उ कहत ह: ‘तू आपन पवित्तर जने क नास क अनुभव नाहीं होइ दिहा।’ भजन संहिता 16:10
35पण दुसऱ्या ठिकाणी देव म्हणतो: ‘तू तुझ्या पवित्र पुरुषाला कबरेत कुजण्याचा अनुभव घडू देणार नाहीस.’ स्तोत्र. 16:10
36फिन दाऊद आपन जुग मँ परमेस्सर क प्रयोजन क मुताबिक आपन सेवा-काम पूरा कइके मर गवा, ओका ओकरे पूर्वजन क संग दफनाइ दीन्ह गवा अउर ओकर छय भवा।
36ज्या काळात दाविद राहत होता तेव्हा त्याने देवाच्या इच्छेप्रमाणे केले. मग तो मेला. आपल्या वाडवडिलांशेजारी त्याला पुरले. आणि कबरेत त्याचे शरीर कुजले
37मुला जेका परमेस्सर मरे भएऩ क बीच क जीवित कइके उठाएस, ओकर छय नाहीं भवा।
37पण ज्याला देवाने मरणातून पुन्हा उठविले, त्याला कुजण्याचा अनुभव आला नाही.
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40तउ होसियार रहा, कहूँ नबियन जउन कछू कहे बाटेन, तू सबन प न घटइ:
40संदेष्टेयांनी सांगितलेल्या काही गोष्टी घडतील, सावध राहा! या गोष्टी तुमच्याबाबत होऊ नयेत म्हणून जपा. भविष्यवादी म्हणाला:
41“निन्दा करइया लोगो, लखा, होइके भउचक्का मरि जाब्या, काहेकि तोहरे जुग मँ एक कारज अइसा करत हउँ, जेकर चर्चा तलक प तोहका कबहुँ ह बिसवास होई।”‘ हबक्कूक 1:5
41‘ऐका, जे तुम्ही संशय धरता! तुम्ही चकित होता पण मग दूर जाता व मरता; कारण तुमच्या काळामध्ये मी (देव) काही तरी करीन ज्याच्यावर तुमचा विश्वास बसणार नाही कोणी ते स्पष्ट करुन सांगितले तरी तुम्ही त्याच्यावर विश्वास ठेवणार नाही.”‘ हबक्कूक 1:5
42पौलुस अउर बरनावास जब हुवाँ स जात रहेन मनइयन ओनसे अगले सबित क दिन अइसी ही अउर बातन बतावइ बरे पराथना किहेन।
42जेव्हा पौल व बर्णबा (सभास्थानातून) जाऊ लागले, तेव्हा लोक म्हणाले की, पुढील शब्बाथाच्या दिवशी परत या आणि आम्हाला याविषयी अधिक सांगा.
43जब सभा खतम भइ तउ बहोत स यहूदियन अउर बहुत गैर यहूदी भक्तन पौलुस अउर बरनाबास क पाछा किहेन। पौलुस अउर बरनाबास ओनसे बातचीत करत भए बिनती किहेन कि उ सबइ परमेस्सर क अनुग्रह मँ बन रहइँ।
43सभास्थानातील बैठक संपल्यावर अनेक यहूदी लोक आणि यहूदी मतानुसारी चालणारे इतर धार्मिक लोक पौल व बर्णबा यांच्यामागे गेले. पौल व बर्णबा यांनी त्या लोकांना देवाच्या कृपेत टिकून राहण्यास कळकळीची विनंति केली.
44अगले सबित क दिन तउ लगभग समूचा सहर ही पर्भू क बचन सुनइ बरे उमड़ि आवा।
44पुढील शब्बाथवारी शहरातील जवळ जवळ सर्व लोक देवाचे वचन ऐकण्यासाठी एकत्र आले.
45इ बड़का मनइयन क मजमा क जब यहूदियन लखेन तउ उ पचे बहोत जरि भुनि गएन अउर भद्दा सब्द क बइपरत भए पौलुस जउन कछु कहे रहा, ओकर खिलाफत करइ लागेन।
45यहूदी लोकांनी त्या सर्वांना तेथे पाहिले. त्यामुळे यहूदी लोकांना मत्सर वाटू लागला. तेही काही फार वाईट गोष्टी बोलले आणि जे पौल बोलला त्याविरुद्ध वाद उपस्थित केला.
46मुला पौलुस अउर बरनाबास निडर होइके, “इ जरुरी रहा कि परमेस्सर क बचन पहिले तोका पढ़ावा जात मुला काहेकि तू पचे ओका नकारत अहा अउर तू सबइ आपन खुद क अनन्त जिन्नगी क जोग्ग नाहीं ठहरउत्या, तउ हम पचे अब गैर यहूदी लोग कइँती मुड़ि जात अही।
46पण पौल व बर्णबा फार धैर्याने बोलले. ते म्हणाले. “देवाचा संदेश तुम्हा यहूद्यांना प्रथम आम्हांला सांगितलाच पाहिजे. पण तुम्ही ऐकण्यास नकार देत आहात. तुम्ही तुमचे स्वत:चेच नुकसान करुन घेत आहात. व अनंतकाळचे जीवन प्राप्त करुन घेण्यासाठी अपात्र ठरत आहात! म्हणून आम्ही आता दुसऱ्या देशांतील यहूदीतर लोकांकडे जाऊ!
47काहेकि पर्भू हमका अइसि ही आग्या दिहे अहइ: ‘मइँ जोति बनाएउँ तोहका, ओनकइ बरे जउऩ नाहीं यहूदी, ताकि संसार के सब लोगन का उद्धार करइँ।”‘ यसायाह 49:6
47प्रभूने आम्हांला हे करण्यास सांगितले आहे. प्रभु म्हणाला: ‘दुसऱ्या देशांसाठी मी तुम्हाला प्रकाश असे केले यासाठी की, तुम्ही पृथ्वीवरील सर्व लोकांना तारणाचा मार्ग दाखवू शकाल.”‘ यशया 49:6
48गैर यहूदियन जब इ सुनेन तउ उ पचे बहोत खुस भएऩ अउर उ पचे पर्भू क बचन क सम्मान किहेन। फिन उ सबइ, जेनका अनन्त जिन्नगी पावइ बरे ठहरावा ग रहा, बिसवास धारण कइ लिहेन।
48जेव्हा यहूदी नसलेल्यांनी पौलाला असे बोलताना ऐकले तेव्हा ते फार आनंदित झाले, देवाच्या संदेशाचा त्यांनी बहुमान केला. आणि त्या लोकांपैकी पुष्कळांनी संदेशावर विश्वास ठेवला, कारण ते अनंतकाळच्या जीवनासाठी निवडले गेले होते.
49इ रतह समूचइ पहँटा मँ पर्भू क बचन क प्रचार होत रहा।
49आणि म्हणून देवाचा संदेश संपूर्ण देशात सांगितला गेला.
50ओहर यहूदी लोग ऊँच कुले क धार्मिक स्त्रियन अउर सहर क मुड्ढ मनइयन क उसकाएन अउर पौलुस अउर बरनाबास क खिलाफ अत्याचार करब सुरू कइ दिहेन अउर दबाव डाइके ओनका आपन पहँटा स बाहेर निकरिवाइ दिहेन।
50तेव्हा यहूदी लोकांनी शहरातील काही धर्मिक रित्रया व पुढारी यांना भडकावून दिले. त्या लोकांनी पौल व बर्णबा यांच्याविरुद्ध अनेक वाईट गोष्टी केल्या आणि त्यांना शहराबाहेर घालवून दिले.
51फिन पौलुस अउर बरनाबास ओनकइ खिलाफ आपन गोड़े क धूरि झारिके इकुनियुम क चला गएऩ।
51मग पौल व बर्णबा यांनी आपल्या पायाची धूळ झटकली. व ते इकुन्या शहराला गेले.
52मुला अतीक मँ ओनकइ चेलन आनंद अउर पवित्तर आतिमा स भरपूर होत रहेन।
52पण अंत्युखियातील येशूचे अनुयायी आनंदाने व पवित्र आत्म्याने भरुन गेले होते.