Awadhi: NT

Marathi

Ephesians

6

1गदेलन, पर्भू मँ आस्था रखत महतारी-बाप क आज्ञा क पालन करा काहेकि इहइ तरीका पर्भू चाहत बा।
1मुलांनो, प्रभूशी प्रामणिक राहून आपल्या आईवडिलांच्या आज्ञा पाळा. कारण ते योग्य आहे.
2"अपने महतारी-बाप क सम्मान करा।" इ पहली आज्ञा अहइ जउन इ परितिसिया स युक्त बा
2“तुझ्या वडिलाचा व आईचा मान राख.”
3कि "तोहार भला होई अउर तू धरती पर चिरायु होब्या।"
3अभिवचनाबरोबरची ही पहिली आज्ञा असल्याने, “तुझ्यासाठी सर्व काही चांगले असावे आणि पृथ्वीवर तुला दीर्घ आयुष्य लाभावे.”
4अउर हे पिता लोगो, तू पचे अपने गदेलन क गुस्सा न दिआवा बल्कि पर्भू स मिली सिच्छा अउर निर्देसन क देत ओनकर पालन-पोसन करा।
4आणि वडिलांनो, आपल्या मुलांना राग येईल असे करु नका. उलट, देवापासून जी माहिती व शिक्षण येते त्यान त्यांना वाढवा.
5हे सेवक लोगो, तू पचे अपने संसारी स्वामियन क आज्ञा निष्कपट हिरदइ स भय अउर आदर क साथे उही तरह माना जइसे तू मसीह क आज्ञा मानत ह।
5गुलामांनो, तुमच्या पृथ्वीवरील मालकांची आज्ञा आदराने, थरथर कांपत, आणि तुमच्या अंत:करणाच्या प्रामाणिकतेने पाळा. ज्याप्रमाणे तुम्ही ख्रिस्ताची आज्ञा पाळता तशी पाळा.
6केवल कीहीउँ क देखत रहत ही रहा काम न करा जइसे तोहे लोगन क समर्थन क आवश्यकता होइ। बल्कि मसीह क सेवक क रूप मँ करा जउन आपन मन लगाइके परमेस्सर क इच्छा पूरी करत हीं।
6जेव्हा माणसे तुमच्याकडे पाहत असतील तेव्हाच फक्त काम करु नका. मनुष्याला पसंत पडावे यासाठी प्रयत्न करु नका. उलट ख्रिस्ताच्या गुलामासारखे काम करा, कारण (ख्रिस्ताचे गुलाम) देवाची इच्छा आपल्या अंत:कारणापासून पूर्ण करतात.
7उत्साह क साथे एक सेवक क रूप मँ अइसेन काम करा जइसे माना तू लोगन, क नाहीं पर्भू क सेवा करत अहा।
7गुलाम म्हणून उत्साहाने जणू काय माणसांची नव्हे, तर ‘प्रभुची’ सेवा करीत आहात, असे काम करा.
8याद रखा, तोहमें हर एक चाहे उ सेवक होइ या स्वतंत्र होइ या केउ अच्छा काम करत ह, तउ पर्भू स ओका पुरस्कार मिली।
8लक्षात ठेवा की, तुम्हांतील प्रत्येकजण जर काही चांगले करतो तर तो गुलाम असो किंवा स्वतंत्र असो, ते त्याला प्रभूकडून परत मिळेल.
9[This verse may not be a part of this translation]
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10मतलब इ कि पर्भू मँ स्थित होइके ओकर असीम सक्ती क साथे अपने आपक सक्तिसाली बनावा।
10शेवटी, प्रभूमध्ये तुम्ही त्याच्या महान शक्तीसामर्थ्याने सशक्त व्हा.
11परमेस्सर क सम्पूर्ण कवच क धारण करा। ताकि तू राच्छस (दुस्टन) क सबइ योजन क सामने टिक सका।
11देवाने दिलेले संपूर्ण चिलखत धारण करा. यासाठी की तुम्हांला सैतानाच्या दुष्ट योजनांविरुद्ध उभे राहता यावे.
12काहेकि हमार संघर्ष मनइयन स नाहीं बा, बल्कि सासकन, अधिकारियन, एक अन्धकार भरा जुग क आकास क सक्तियन अउर अम्बर क दुस्टात्मिक सक्तियन क साथे बा।
12कारण आपले झगडणे, रक्तमांसाबरोबर नाही, तर सताधीशांविरुद्ध, अधिकान्याविरुद्ध, या अंधकारातील जगाच्या सामर्थ्याबरोबर आणि आकाशातील दुष्ट आत्म्यांविरुद्ध आहे.
13इही बरे परमेस्सर क सम्पूर्ण कवच क धारण करा ताकि जब बुरा दिन आवइ तउ जउन कछू संभव बा ओका कइ चुकइ क बाद तू दृढतापूर्वक अडिग रहि सका।
13म्हणून देवाने दिलेली संपूर्ण शस्रसामग्री घ्या. म्हणजे तुम्हाला सर्व ते केल्यावर टिकून राहता येईल व वाईट दिवस आल्यावर तुम्हाला प्रतिकार करता येईल.
14[This verse may not be a part of this translation]
14म्हणून भक्क मपणे उभे राहा! सत्याने आपली कंबर बांधा, नीतीमत्त्वाचे उररत्राण धारण करा.
15[This verse may not be a part of this translation]
15आणि सुवार्ता व शांती यांची घोषणा करण्यासाठी सज्जतेच्या वहाणा पायी घाला.
16इ सबसे बड़ी बात इ बा कि विस्व क ढाल क रूप मँ लइ ल्या। जेकरे द्वारा तू ओन दुस्टन (सइतान) क समस्त अग्नि बाणन का बुझाई सका, जउन बन्दी क द्वारा छोड़ा गवा अहइँ।
16या सर्व गोष्टींबरोबर ढाल म्हणून विश्वास घ्या. ज्यामुळे त्या दुष्टाने मारलेले सर्व जळते बाण तुम्हांला विझविणे शक्य होईल.
17उद्धार क बरे क सिरस्त्राण पहिन ल्या अउर परमेस्सर क सँदेसा रूपी आतिमा क तलवार उठाइ ल्या।
17आणि तारणाचे शिररत्राण घ्या, आणि आत्म्याची तलवार जो देवाचा संदेश आहे, तो घ्या.
18सब तरह क पराथना अउर निवेदन सहित आतिमा क सहायता सब अवसर पर विनती करत रहा। एह लच्छ स सभन प्रकार क यत्न करत सावधान रहा। अउर सभन सन्तन क बरे पराथना करा।
18प्रत्येक प्रंसांगी सर्व प्रकारे प्रार्थनापूर्वक विनंति करुन आत्म्यात प्रार्थना करा. चिकाटी व प्रार्थनेसह सर्व संतांसाठी प्रार्थना करीत जागृत राहा.
19अउर मोरे बरे पराथना करा कि मइँ जब आपन मुँह खोलउँ, मोका एक सुसंदेस मिलइ ताकि निर्भयता क साथ सुसमाचार क रहस्य भरा सच क, परगट कइ साकउँ।
19आणि माझ्यासाठी प्रार्थना करीत राहा. कारण जेव्हा मी तोंड उघडेन तेव्हा मला संदेश प्राप्त व्हावा. यासाठी की धैर्याने मला सुवार्तेचे रहस्य माहीत करुन देणे शक्य व्हावे.
20इही बरे मइँ जंजीर मँ जकड़ा भआ राजदूत क समान सेवा करत हउँ। पराथना करा कि, जेह तरह मोका बोलइ चाही उही तरह निर्भयता क साथे सुसमाचार क प्रबचन कइ सकउँ।
20त्याच्या वतीने मी साखळदंडनी बांधलेला राजदूत म्हणून सेवा करीत आहे. धैर्याने मला ती सांगता यावी म्हणून प्रार्थना करा.
21तूहउ, मइँ कइसेन हउं अउर का करत हउँ, एका जान जा। सो तुखिकुस तोहे सबन कछू बताइ देई। इ हमार पिआरा बंधु अहइ अउर पर्भू मँ स्थित एक बिसवासपूर्ण सेवक अहइ।
21यासाठी तुम्हाला हे कळावे की मी कसा आहे आणि काय करीत आहे, म्हणून तुखिक तुम्हांला सर्व काही सांगेल. तो आमचा प्रिय भाऊ आणि प्रभूमध्ये विश्वासू सेवक आहे.
22इही बरे मइँ ओका तोहरे लगे भेजत हउँ ताकि तू मोर समाचार जानि सका अउर इही बरे कि उ तोहरे मने क सान्ति देइ सकइ।
22मी त्याला केवळ या कारणासाठीच तुमच्याकडे पाठवीत आहे की माझ्याविषयीचे वर्तमान तुम्हांला कळावे आणि तुमच्या अंत:करणाचे समाधान व्हावे.
23भाइयो, तू सबे क परमपिता परमेस्सर अउर पर्भू ईसू मसीह कइँती स सान्ति, पिरेम अउर बिसवास मिलइ।
23देवपिता आणि प्रभु येशू ख्रिस्तापासून आता बंधु बहिणींना विश्वासासह प्रीति आणि शांति लाभो.
24जउन हमरे पर्भू ईसू मसीह स अमर पिरेम रखत हीं, ओन पइ परमेस्सर क अनुग्रह होत ह।
24जे सर्व जण आपल्या प्रभु येशू ख्रिस्तावर अविनाशी प्रीति करतात, त्या सर्वाबरोबर देवाची कृपा असो.