1जब दुनिया क सुरूआत भइ, तब ओह समइ बचन पहिलेन स रहा। उहइ बचन परमेस्सर क साथ रहा। उहइ बचन परमेस्सर रहा।
1जगाची उत्पत्ति होण्यापूर्वी शब्द अस्तित्वात होता. तो शब्द देवाबरोबर होता. आणि शब्द देव होता.
2उहइ बचन एकदम सुरूआत मँ परमेस्सर क साथ रहा।
2तो शब्द सुरूवातीपासूनच देवाबरोबर होता.
3समूची दुनिया क सब चीज उहइ स पइदा भइ। ओकरे बिना कउनो चीज बनाईं नाहीं गइ।
3त्याच्याद्वारे (शब्दाच्या) सर्व काही निर्माण करण्यात आले त्याच्याशिवाय काहीच निर्माण करण्यात आले नाही.
4उहइ बचन मँ जिन्नगी रही अउर उहइ जिन्नगी पूरी दुनिया क सब मनई क बरे ज्योति (गियान, भलाई) क नाई रहा।
4त्याच्यामध्ये जीवन होते. ते जीवन जगातील लोकांसाठी प्रकाश (समजबुद्धी, चांगुलपण) असे होते.
5ज्योति आँधियारे मँ चमकत ह अउर आँधियारा ओका जीत न पावा।
5हा प्रकाश अंधारात प्रकाशतो. पण त्या प्रकाशाला अंधाराने पराभूत केले नाही.
6परमेस्सर क पठवा एक मनई आवा जेकर नाउँ यूहन्ना रहा।
6योहान नावाचा एक मनुष्य होता. देवाने त्याला पाठवीले.
7उ एक साच्छी क नाईं आवा जइसे कि उ सब मनई क ज्योति क बारे मँ अपने बचन मँ बताइ सकइ। अउर जउन उ बतावइ ओहमाँ सब मनई बिसवास कर सकइँ।
7तो लोकांना प्रकाशाविषयी (ख्रिस्ताविषयी) सांगण्यासाठी आला. यासाठी की, योहानाकडून प्रकाश विषयी ऐकून लोकांनी विश्वास ठेवावा.
8उ खुदइ ज्योति नाहीं रहा मुला उ सब मनई क ज्योति क साच्छी देइ आइ रहा।
8योहान तो प्रकाश नव्हता, परंतु लोकांना प्रकाशाविषयी सांगण्यासाठी योहान आला.
9उ इ बतावइ आइ रहा कि इ ज्योति बिल्कुल सच्ची अहइ, अउर उ इ हर एक मनई क प्रकासित करी। उ इ बतावइ आइ रहा कि सच्चा ज्योति इ दुनिया मँ आवइवाला अहइ।
9खरा प्रकाश जगात येणार होता. हा प्रकाश सर्व लोकांना प्रकाश देतो.
10उ तउ इहइ दुनिया मँ रहा अउर इ दुनिया क उहइ पइदा किहेस मुला दुनिया ओका पहिचान नाहीं पाएस।
10शब्द अगोदरच जगात होता. त्याच्याद्वारेच जग निर्माण झाले. परंतु जगाने त्याला ओळखले नाही.
11उ अपने संसार मँ आवा रहा, मुला ओकर आपन मनई ओका नाहीं अपनाएन।
11तो जगात आला, जे त्याचे स्वत:चे होते त्या लोकांकडे आला, परंतु त्याच्या स्वत:च्याच लोकांनी त्याला आपले मानले नाही.
12मुला जउन मनई ओका अपनाइ लिहेन्ह, ओनका सबका उ परमेस्सर संतान होइ क अधिकार दिहेस।
12काही लोकांनी त्याला आपले मानले. त्यांनी त्याच्यावर विश्वास ठेवला. विश्वास ठेवणाऱ्या सर्वांना त्याने देवाची मुले होण्याचा हक्क दिला.
13परमेस्सर क औलाद क नाई उ कुदरती तौर प न तउ लहू स पइदा भवा, न तउ कउनो तने क इच्छा स, अउर न तउ महतारी-बाप क योजना स। मुला उ परमेस्सर स पइदा भवा।
13ही मुले लहान बालके जन्मतात तशी जन्मली नाहीत. त्यांचा जन्म आईवडिलांच्या इच्छेने किंवा योजनेमुळे झाला नाही, तर त्यांचा जन्म देवाकडून झाला.
14उहइ बचन देह अपनाइ क हमरे सबके बीच मँ रहइ लाग। हम सब परमपिता क एकइ पूत क नाई ओकरी महिमा क दर्सन कीन्ह। उ बचन अनुग्रह अउर सच्चाई स भरा रहा।
14शब्द मनुष्य झाला आणि आमच्यामध्ये राहिला. आम्ही त्याचे गौरव पाहिले. ते देवपित्याच्या एकमेव अशा पुत्राचे गौरव ख्रिस्ताशिवाय दुसरे असू शकत नाही. तो शब्द कृपा (दयाळूपणा) आणि सत्य यांनी पूर्णपणे भरला होता.
15यूहन्ना ओकर साच्छी दिहेस अउर सबका सुनाइ क जोर स कहेस, “इ उहइ अहइ जेकरे बारे मँ मइँ बताए रहेउँ, ‘उ जउन मोरे बाद आवइवाला अहइ, उ मोसे महान अहइ, मेसे आगे अहइ, एह बरे कि उ मोहूँ स पहले मौजूद रहा।’“
15योहानाने त्याच्याविषयी लोकांना सांगितले. योहान म्हणाला, “ज्याच्याविषयी मी सांगत आहे तो हाच. मी म्हणालो, माझ्यानंतर येणारा माझ्याहून थोर आहे, तो मोझ्या अगोदरपासुन आहे.”
16ओकरी करूणा अउर सच्चाई क पूर्णता स हमका सबेन्क तमाम अनुग्रह पर अनुग्रह मिला।
16शब्द (ख्रिस्त) हा कृपा (दयाळूपणा) व सत्य यांनी पूर्णपणे भरला होता. त्याच्याकडून आम्हांला भरपूर आशीर्वाद मिळाले.
17हमका सबेन्क जउन व्यवस्था मिली अहइ, उ तउ मूसा क दीन्ह अहइ, मुला जउन अनुग्रह अउर सच्चाई इ दुनिया मँ अहइ, उ ईसू मसीह क दीन्ह अहइ।
17मोशेद्वारे नियमशास्त्र दिले, पण दया व सत्याचा मार्ग ही येशू ख्रिस्ताद्वारे प्राप्त झाली.
18परमेस्सर क कबहूँ कउनो आज तलक नाहीं देखे अहइ, मुला परमेस्सर क जउन एकइ पूत अहइ, अउर जउन हमेसा परमपिता क संग रहत ह, ओका हमरे सबके सामने परगट किहेस।
18कोणाही मनुष्याने आतापर्यत देवाला कधी पाहिले नाही. परंतु एकमेव देव (येशू) जो बापाच्या उराशी आहे, तो पुत्राद्वारे आम्हांला प्रकट झाला आहे.
19जब यरूसलेम क यहूदियन याजकन अउर लेवियन क यूहन्ना क पास इ पूछइ क बरे भेजेन्ह, “तू कउन अहूया?”
19यरूशलेम येथील यहूदी लोकांनी योहानाकडे काही याजक व लेवी ह्यांना पाठविले. “तू कोण आहेस?” हे विचारण्यासाठी यहूदी लोकांनी त्यांना पाठविले.
20तउ उ इ साच्छी दिहेस अउर बिना कउनो हिचकिचाहट क इ मानेस, “मइँ मसीह न अहउँ।”
20योहान अगदी मोकळेपणाने बोलला. त्याने उत्तर देण्यास नकार दिला नाही. तो स्पष्टपणे म्हणाला, ‘मी ख्रिस्त नाही.” योहानाने लोकांना तेच सांगितले.
21तउ उ पचे यूहन्ना स पूछेन्ह, “तउ तू फिन कउन अहूया, का तू एलिय्याह अहूया?” यूहन्ना इ जवाब दिहेस, “नाहीं, मइँ उहइ न अहउँ।” यहूदियन पूछेस, “तउ तू का कउनो नबी अहूया?” उ फिन इन्कार कइ दिहेस, “नाहीं।”
21यहूदी लोकांनी योहानाला विचारले, “तर मग तू कोण आहेस? तू एलीया आहेस काय?” योहानाने उत्तर दिले, “नाही, मी एलीया नाही.” यहूदी लोकांनी विचारले, ‘तू संदेष्टा आहेस काय?” योहानाने म्हटले, ‘नाही, मी संदेष्टा नाही.”
22फिन उ पचे ओसे पूछेन्ह, “तउ तू का अहूया? हमका बतावा जइसे कि हम ओनका जवाब दइ देई, जे हमका पचेन्क हियाँ भेजेस ह! तू अपने बारे मँ का कहत अहा?”
22यावर यहूदी लोक म्हणाले, “तू कोण आहेस?” तुझ्याविषयी आम्हांला सांग. ज्या लोकांनी आम्हांला पाठविले, त्यांना आम्ही काय उत्तर द्यावे हे तू आम्हांला सांग. तू स्वत:ला कोण म्हणवितोस?”
23यूहन्ना कहेस: ‘मइँ आवाज अहउँ जउन रेगिस्तान मँ पुकारत अहइ: ‘पर्भू क बरे सोझ सोझ रास्ता बनावा।” यसायाह 40:3
23योहानाने त्यांना यशया संदेष्ट्याच्या शब्दात सांगितले, ‘मी वैराण रानात ओरडणाऱ्या मनुष्याची वाणी आहे: ‘प्रभूसाठी सरळ मार्ग तयार करा.’ “ यशाया 40:3
24इन सबन क फरीसियन भेजे रहेन्ह।
24परूशी लोकांनी या यहूदी लोकांना पाठविले होते.
25उ लोग ओसे पूछेन, “जदि तू न तउ मसीह अह्या, न एलिय्याह अह्या, अउर न तउ नबी अह्या, फिन काहे बरे तू सब लोगन क बपतिस्मा देत अहा?”
25हे लोक योहानाला म्हणाले, “तू म्हणतोस की, मी ख्रिस्त नाही; मी एलीया नाही किंवा मी संदेष्टाही नाही, मग तू लोकांचा बाप्तिस्मा का करतोस?”
26यूहन्ना ओन पचेन्क जवाब दिहेस, “मइँ ओन सबेन्ह का पानी स बपतिस्मा देत अहउँ। तोहरे सबन क बीच मँ एक ठु मनई अहइ, ओका तू पचे नाहीं जानत अहा।
26योहानाने उतर दिले, “मी लोकांचा बाप्तिस्मा पाण्याने करतो. परंतु तुम्हांला माहीत नाही असा एक मनुष्य येथे तुमच्यात आहे.
27उ मोरे बाद आवइवाला उहइ अहइ। मइँ तउ ओकरे पनहीं क फीता खोलइ लायक नाहीं अहउँ।”
27माझ्यानंतर येणारा तो हाच मनुष्य आहे. त्याच्या वहाणांचे बंद सोडण्याइतकीही माझी लायकी नाही.”
28इ सब घटना यरदन क पार बैतनिय्याह मँ घटिन ह जहाँ प यूहन्ना बपतिस्मा देत रहा।
28यार्देन नदीपलीकडील बेथानी गावात या सर्व गोष्टी घडल्या. योहान तेथेच लोकांचा बाप्तिस्मा करीत असे.
29ओकरे दूसरे दिन यूहन्ना ईसू क अपने लगे आवत देखेस तउ कहेस, “परमेस्सर क मेमना क देखा जउन दुनिया क सब पाप हर लेत ह।
29दुसऱ्या दिवशी योहानाने येशूला आपणांकडे येताना पाहिले. योहान म्हणाला, “पाहा, हा देवाचा कोकरा. जगाचे पाप वाहून नेणारा.
30इ उहइ अहइ जेकरे बावत मइँ बताए रहेउँ, ‘एक मनई मोरे बाद आवइवाला अहइ, जउन मोसे भी महान अहइ, उ मोसे भी आगे अहइ, उ मोसे पहले स मौजूद रहा।’
30याच्याविषयी मी बोलत होतो. मी म्हणालो, ‘माझ्यानंतर एक मनुष्य येणार आहे. परंतु तो माझ्याहून थोर आहे. तो माझ्या अगोदरपासून आहे. तो सदाजीवी आहे.’
31पहले मइँ खुद ओका नाहीं जानत रहेउँ, मुला मइँ इही बरे बपतिस्मा देत चला आवत अहउँ, जइसे कि इस्राएल क सब मनई ओका जान लेइँ।”
31तो कोण होता हे मलाही माहीत नव्हते. परंतु मी पाण्याने बाप्तिस्मा करीत आलो यासाठी की, येशू हाच ख्रिस्त आहे हे इस्राएलाला (यहूदी लोकांना) कळावे.”
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33[This verse may not be a part of this translation]
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34मइँ ओका देखे अहउँ अउर मइँ साच्छी देत अहउँ कि उहइ परमेस्सर क पूत अहइ।”
34म्हणून मी लोकांना सांगतो: ‘तो (येशू) देवाचा पुत्र आहे.’ “
35दूसरे दिन यूहन्ना अपने दुइ चेलन क साथ फिन उहइ जगह प मौजूद रहा।
35दुसऱ्या दिवशी योहान पुन्हा तेथे आला. योहानाबरोबर त्याचे दोन शिष्य होते.
36जब ईसू क उ अपने पास देखेस तउ कहेस, “देखा! इ इहइ परमेस्सर क मेमना!”
36योहानाने येशूला जाताना पाहिले, योहान म्हणाला, “पाहा हा देवाचा कोकरा!”
37जब उ दुइनउँ चेलन ओनका इ कहत सुनेन तउ उ दुइनउँ ईसू क पाछे चल पड़ेन्ह।
37योहान हे बोलत असता त्या दोघा शिष्यांनी ऐकले, म्हणून ते योहानाचे शिष्य येशूच्या मागे गेले.
38ईसू ओन पचे क जबहिं अपने पाछे आवत देखेस तउ ओसे पूछेस, “तोहका का चाही?” उ पचे जवाब दिहेन, “रब्बी, तू कउन जगह प रहत ह” (“रब्बी” अर्थात “गुरू”)
38येशूने मागे वळून पाहिले तो दोघेजण आपल्यामागे येत आहेत असे त्याला दिसले. येशूने विचारले, “तुम्हांला काय पाहिजे?” ते दोघे म्हणाले, “गुरुजी (रब्बी), तुम्ही कोठे राहता?”
39ईसू ओनका जवाब दिहेस, “आवा अउर देखा।” ओकरे बाद उ दुइनउँ चेलन ओनके पाछे चल दिहेन। उ पचे फिन ओकर रहइ क जगह देखेन। ओह दिन उ दुइनउँ चेलन ओनके साथ ठहरेन्ह, काहेकि साँझ क करीब चार बज चुका रहा।
39येशूने उतर दिले, “माझ्याबरोबर या म्हणजे तुम्हांला दिसेल.” तेव्हा ते दोघेजण येशूबरोबर गेले. येशु राहत होता ती जागा त्यांनी पाहिली. ते त्या दिवशी येशूबरोब तेथे राहिले. त्यावेळी सुमारे दुपारचे चार वाजले होते.
40जउन दुइनउँ चेलन यूहन्ना क बात सुने रहेन्ह अउर ईसू क पाछे चला गएन, ओनमाँ स एक समौन पतरस क भाई अन्द्रियास रहा।
40येशूविषयी योहानाकडून ऐकल्यावर ते दोघे जण येशूच्या मागे गेले. त्यांच्यापैकी एकाचे नाव अंद्रिया होते. अंद्रिया हा शिमोन पेत्राचा भाऊ.
41उ पहले अपने भाई समौन क देखके ओसे कहेस, “हमका मसीह मिल गवा अहइ।”
41अंद्रियाने पहिली गोष्ट ही केली की, आपला भाऊ शिमोन याला शोधून काढले. अंद्रिया शिमोनाला म्हणाला, “आम्हांला मशीहा सापडला आहे.”
42फिन अन्द्रियास समौन पतरस क ईसू क लगे लियाइ गवा। ओनक देखके ईसू कहेस, “तू यूहन्ना क बेटवा समौन अह्या। तोहका लोग कैफा (अर्थात् पतरस) कहिहइँ।”
42शिमोनाला घेऊन अंद्रिया येशूकडे आला. शिमोनाकडे पाहून येशू म्हणाला, “तू योहानाचा पुत्र शिमोन आहेस. तुला केफा म्हणतील.”
43दूसरे दिन ईसू गलील जाइके बरे ठान लिहेस। फिन फिलिप्पुस क देखके ईसू ओसे कहेस, “मोरे पाछे चला आवा।”
43दुसऱ्या दिवशी येशूने गालील प्रांतात जाण्याचे ठरविले. तेव्हा तो फिलिप्पाला भेटला, येशु त्याला म्हणाला, “माझ्यामागे ये.”
44फिलिप्पुस अन्द्रियास अउर पतरस क नगर बैतसैदा क रहइवाला रहा।
44जसे अंद्रिया व पेत्र तसाच फिलिप्पही बेथसैदा या गावचा होता.
45फिलिप्पुस क नतनएल मिला अउर उ ओसे कहेस, “हम पचन्क उ मिल गवा अहइ जेकरे बारे मँ व्यवस्था मँ मूसा अउर तमाम नबियन लिखे अहइँ। उहइ यूसुफ क बेटवा, नासरत क ईसू अहइ।”
45फिलिप्प नथनेलास भेटला व म्हणाला, “मोशेने नियमशास्त्रात जे लिहिले आहे त्याची आठवण कर. जो येणार आहे त्या मनुष्याविषयी मोशेने व संदेष्ट्यांनीही लिहिले. तो आम्हांला सापडला आहे. त्याचे नाव येशू आहे, तो योसेफाचा पुत्र असून नासरेथ गावचा आहे.”
46फिन नतनएल ओसे पूछेस, “का नासरतउ स कउनो अच्छी चीज पैदा होइ सकत ह” फिलिप्पुस जवाब दिहेस, “जाइके खुदइ देखि ल्या।”
46परंतु नथनेल फिलिप्पाला म्हणाला. “नासरेथ! नासरेथमधून काही चांगले निघेल काय?” फिलिप्प म्हणाला, “येऊन पहा.”
47ईसू नतनएल क अपनी कइँती आवत देखेस अउर ओकरे बारे मँ कहेस, “इ एक सच्चा इस्त्राएली अहइ जेहमाँ कउनो खोट नाहीं बा।”
47येशूने नथनेलाला आपल्याकडे येताना पाहिले, येशू म्हणाला, “हा येत असलेला मनुष्य खरोखर देवाच्या लोकांपैकी एक आहे. त्याच्यात खोटे काहीच नाही.”
48नतनएल पूछेस, “तू मोका कइसे जानत अहा?” ईसू जवाब दिहेस, “फिलिप्पुस क बोलावइ क पहिले मइँ तोहका अंजीर क पेड़ क नीचे खड़ा देखे रहेउँ।”
48“तुम्ही मला कसे ओळखता?” नथनेलाने विचारले. येशूने उत्तर दिले, “तू अंजिराच्या झाडाखाली उभा होता. तेव्हाच मी तुला पाहिले. फिलिप्पने तुला माझ्यााविषयी सांगण्यापूर्वीच.”
49नतनएल जवाब दिहेस, “रब्बी (गरू) तू परमेस्सर क पूत अह्या, तू इस्त्राएल क राजा अह्या।”
49मग नथनेल येशूला म्हणाला, “रब्बी (गुरूजी) तुम्ही देवाचे पुत्र आहात. तुम्ही इस्राएलाचे राजे आहात.
50एकरे जवाब मँ ईसू कहेस, “तू इ बरे बिसवास करत अहा, काहेकि मइँ कहत अहउँ कि तोहका अंजीर क पेड़ क खाले देखे रहेउँ। तू अगवा (बाद मँ) अउर बड़ी बड़ी बातन देखब्या।”
50येशू नथनेलला म्हणाला, “तू अंजिराच्या झाडाखाली उभा असतानाच मी तुला पाहिले, असे मी सांगितले म्हणून तुझा माझ्यावर विश्वास बसला. परंतु यापेक्षा मोठमोठ्या गोष्टी तू पाहशील!”
51उ ओसे (नतनएल स) फिन कहेस, “मइँ तोहका सही सही बतावत अहउँ कि तू सरग क खुलत अउर परमेस्सर क दूतन क मनई क पूत प उतरत चढ़त देखब्या।”
51येशू पुढे म्हणाला, “खरे तेच मी तुला सांगतो. स्वर्ग उघडलेला तुम्ही सर्व जण पाहाल. देवदूत वर चढताना आणि मनुष्याच्या पुत्रावर खाली उतरताना तुम्ही पाहाल.”