1ओकरे बाद ईसू गलील क झील यानी कि तिबिरियास क दूसरे पार चला गवा।
1नंतर येशू गालील (किंवा तिबिर्या) सरोवराच्या पलीकडे गेला.
2अउर ओकरे पाछे पाछे बहुत बड़ी बड़ी भीड़ चल दिहेस, काहेकि उ सब तमाम मरीजन क नीक होत समइ तमाम अचरज भरा चीन्हन देखे रहेन्ह।
2तेव्हा पुष्कळ लोक येशूच्या मागे गेले. कारण येशूने अनेक आजारी लोकांना बरे केले. व निरनिराळ्या मार्गांनी आपले जे सामर्थ्य दाखविले ते लोकांनी पाहिले. म्हणून ते त्याच्यामागे गेले.
3ईसू पहाड़ प चला गवा अउर हुँवा अपने चेलन क साथ बइठ गवा।
3मग येशू टेकडीच्या वर चढून गेला. तो आपल्या शिष्यांसह तेथे बसला.
4यहूदियन क फसह क त्यौहार निचके रहा।
4त्याच सुमारास यहूदी लाकांचा वल्हांडण सण जवळ आला होता.
5जबहीं ईसू आँख उठाइके देखेस कि एक बहुत बड़ी भीड़ ओकरी तरफ चली आवत अहइ तउ उ फिलिप्पुस स पूछेस, “इ सब लोगन्हे क खइया खियावइ क बरे रोटी कहाँ स खरीदी जाइ सकत ह”
5येशूने नजर वर करुन पाहिले तो लाकांचा मोठा समुदाय आपणांकडे येताना त्याला दिसला. येशू फिलिप्पाला म्हणाला, “आपण या लोकांना पुरेशा भाकरी कोठून विकत आणाव्या बरे?”
6(ईसू इ बात ओकर परीच्छा लेइ क बरे पूछेस, उ तउ जानत रहा कि उ क करइ जात अहइ।)
6(फिलिप्पची परीक्षा पाहण्यासाठी येशूने त्याला हा प्रश्न विचारला, कारण आपण काय करायचे याचा विचार येशूने अगोदरच करुन ठेवला होता.)
7फिलिप्पुस जवाब दिहेस, “दुई सौ चाँदी क सिक्कन स ऍतनी रोटी न मिली कि सब मनई क एक टुकड़े स तनिकउ जियादा मिल सकइ।”
7फिलिप्पने उत्तर दिले, “येथील प्रत्येकाला थोडी थोडी भाकर दिली तरी या सर्वांना पुरेशा भाकर विकत घेण्यासाठी आपणा सर्वांना महिनाभर काम करावे लागेल.”
8ईसू क एक दूसर चेला समौन पतरस क भाई अन्द्रियास कहेस,
8आंद्रिया नावाचा दुसरा एक शिष्य तेथे होता. आंद्रिया हा शिमोन पेत्राचा भाऊ होता.
9“हियाँ एक नान्ह क लरिका क लगे पाँच ठु जौ क रोटी अउर दुइ ठु मछरी अहइँ, मुला खाइवाले तउ बहुत जियादा मनई अहइँ ओनके बरे इ बहुत कम अहइ।”
9आंद्रिया म्हणाला, “येथे असलेल्या एका लहान मुलाजवळ जवाच्या पाच भाकरी आणि दोन लहान मासे आहेत. परंतु इतक्या लोकांना त्या पुरणार नाहीत.”
10ईसू जवाब दिहेस, “सब लोगन्ह क बैठावा” (उ जगह प अच्छी खासी घास रही) सब मनई हुवाँ बइठ गएन उ सब कुल मिलाइके करीब पांच हजार मनई रहेन्ह)।
10येशू म्हणाला, “लोकांना खाली बसण्यास सांगा.” ती बरीच गवताळ अशी जागा होती. तेथे खाली बसलेले सुमारे पाच हजार पुरुष होते.
11फिन ईसू रोटी लिहेस, अउर हुवाँ बइठे भए मनइयन क आवस्यकतानुसार सुक्रिया दइके रोटी परोस दिहेस। इहइ तरह जेतना उ सब जेतना चाहत रहेन, ओतनी मछलियन ओनका दइ दिहेस।
11मग येशूने त्या भाकरी हातात घेतल्या; येशूने भाकरीबद्दल देवाचे उपकार मानले आणि त्या तेथे बसलेल्या लोकांना दिल्या. मासे घेऊन त्याने तसेच केले. येशूने लोकांना पाहिजे तितके खाऊ दिले.
12जब ओनके सबके पेट भरि गएन तउ ईसू अपने चेलन स कहेस, “जउऩ टुकड़ा बचा अहइँ, ओनका बटोर ल्या जइसे उ बेकार स बरबाद न होइँ।”
12सर्व लोकांना खाण्यासाठी भरपूर होते. जेवण झाल्यावर येशू त्याच्या शिष्यांना म्हणाला, “लोकांनी खाऊन उरलेले भाकरींचे व माशांचे तुकडे गोळा करा. काहीही वाया जाऊ देऊ नका.”
13फिन चेलन लोगन क परोसी गइ जो क पांच रोटियन क बचे भएन टुकड़न स बारह टोकरी भरि दिहसे
13म्हणून शिष्यांनी उरलेले तुकडे जमा केले. लोकांनी जेवायाला सुरुवात केली, तेव्हा जवाच्या फत्त पाच भाकरी तेथे होत्या. शिष्यांनी उरलेल्या तुकडचांच्या बारा टोपल्या भरल्या.
14ईसू क ऍतना अद्भुत कराज क देखिके सब मनइयन कहइ लागेन, “जरूर इ मनई उहइ नबी अहइ जेका इ दुनियाँ मँ आवइ क रहा।”
14येशूने केलेला हा चमत्कार लोकांनी पाहिला, तेव्हा ते म्हणाले, “जगात येणारा संदेष्टा तो खरोखर हाच असला पाहिजे.”
15ईसु जब इ जानेस कि लोग आवइवाला अहइँ अउर ओनका लइ जाइके राजा बऩावा चाहत अहइँ, तउ उ अकेलेही पहाड़ प चला गवा।
15आपण राजा बनावे असे लोकांला वाटते हे येशूला माहीत होते. येशूला आपला राजा करावे असा बेत लोकांनी केला. तेव्हा येशू तेथून निघून एकटाच डोंगराळ भागात गेला.
16जब साँझ क बेला भइ अउर ओनके सब चेलन झील प चला गएन
16त्या संध्याकाळी येशूचे शिष्य (गालील) सरोवराकडे गेले.
17अउर एक ठु नाव प बइठके वापस झील क पार कफरनहूम क तरफ चला गएन। मजे क अंधेसा होइ ग रहा, मुला ईसू अबहीं तलक लौटिके ओनके सबन क पास नाहीं आवा रहा।
17शिष्य एका नावेत बसून सरोवरापलीकडील कफर्णहूम नगराकडे निघाले. आता अंधार पडला होता आणि येशू अजून त्यांच्याकडे आलेला नव्हता.
18तूफानी हवा बहत रही जेकरे कारण झील मँ लहर खूब तेज होत रहिन्ह।
18वारा फारच जोराने वाहत होता आणि सेरोवरात मोठमोठ्या लाटा उसळू लागल्या होत्या.
19जब उ पचे करीब पांच-छ: किलोमीटर आगे चला गएन तउ देखेन कि ईसू झील प चलत अहइ अउर नाव क पास आवत रहा। इ देखिके उ पचे डेराइ गएन।
19त्यांनी नाव तीन ते चार मैल वल्हवीत नेली तेव्हा त्यांना येशू नावेकडे येताना दिसला. तो सरोवराच्या पाण्यावरुन चालत होता, तो नावेकडेच येत होता. तेव्हा शिष्य घाबरले.
20मुला ईसू ओन सबसे कहेस, “इ मइँ अहउ, डेरा जिन।”
20परंतु येशू त्यांना म्हणाला. “मी आहे, भिऊ नका.”
21फिन उ पचे ओका जल्दी स नाव प चढ़ाइ लिएन्ह अउर नाव जल्दी स हुवाँ पहुँच गइ जहाँ ओका जाइ क रहा।
21येशू असे बोलल्यावर त्यांनी आनंदोने येशूला नावेत घेतले. आणि त्यांना जायचे होते त्या ठिकाणी नाव लगेच येऊन काठाला लागली.
22दूसरे दिन सब मनइयन क भीड़ जउन झील क पार बच गइ रही, इ देखेस कि हुवाँ एक ठु नाव अकेले रही अउर अपने चेलन क साथ ईसू उ नाव प नाहीं सवार भवा बल्कि ओकर चेलन अकेल्ले ही रवाना भएन।
22दुसरा दिवस उजाडला. काही लोक सरोवराच्या दुसऱ्या काठावर राहिले होते. त्या लोकांना माहीत होते की, येशू शिष्यांबरोबर नावेतून गेलेला नव्हता, त्यांना समजले की, येशूचे शिष्य नावेत बसून निघून गेलेत आणि तेथे असलेली तेवढीच एक नाव होती हेही त्यांना ठाऊक होते.
23तिबिरियास क कई ठु नाव उ जगह प आइके रूकिन जउने जगह प उ पचे पर्भू क धन्यबाद दिहे क बाद रोटी खाए रहेन।
23पण मग तिबिर्याहून आणखी काही नावा आल्या. आदल्या दिवशी ज्या ठिकाणी लोकांनी अन्न खाल्ले त्या ठिकाणी त्या नावा येऊन काठाला लागल्या. प्रभू येशूने देवाचे उपकार मानल्यावर लोकांनी भाकरी खाल्ल्या तीच ही जागा होती.
24इ तरह जब उ भीड़ देखेस कि न तउ हुवाँ ईसू अहइ अउर न तउ ओनकइ चेलन अहइँ, तउ उ पचे नाव प चढ़िके अउर ईसू क दूँढ़त कफ़रनहूम क तरफ चल पड़ेन।
24आता येशू किंवा त्याचे शिष्य तेथे नाहीत हे लोकांनी पाहिले. म्हणून लोक नावांमध्ये बसले आणि कफर्णहूमला गेले. त्यांना येशूला शोधायचे होते.
25जब उ पचे ईसू क झील क दूसरे पार पाएन तउ ओसे कहेन, “हे गुरू, तू हियाँ कब आया?”
25लोकांना येशू सरोवराच्या दुसऱ्या काठावर भेटला. लोक म्हणाले, “गुरुजी, तुम्ही इकडे कधी आलात?”
26ऍकरे जावब मँ ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहका सच्ची बात बतावत अहउँ, तू पचे मोका इ बरे नाहीं खोजत अहा कि तू सब अदभुत कारजन देखे अहा, मुला तू पचे इ बरे मोका दूँढ़त अहा, काहेकि तू सब पेट भरिके रोटी खाए अहा।
26येशूने उत्तर दिले, “तुम्ही माझा शोध का करता? माझे सामर्थ्य सिद्ध करणारे चमत्कार पाहिले म्हणून तुम्ही माझा शोध करता का? मी तुम्हांस खरे सांगतो, तुम्ही मला शोधता, कारण तुम्ही भाकरी खाल्या आणि तुमची तृप्ती झाली.
27उ खाना क बरे मेहनत न करइ चाही जउन खराब होइ जाइ मुला ओकरे बरे जतन करइ चाही जउन हमेसा उत्तिम बना रहत ह अउर अनन्त जीवन देत ह, जउन तोहका सबक मनई क पूत देई। काहेकि परमपिता ओका मानके आपन मोहर ओह पइ लगाइ दिहे अहइ।”
27ऐहिक अन्न नाश पावते. म्हणून नाश पावणाऱ्या अन्नासाठी कष्ट करु नका. परंतु जे अन्न कायम टिकते आणि अनंतकाळचे जीवन देते, अशा अन्नासाठी तुम्ही कष्ट करा. मनुष्याचा पुत्र ते अन्न तुम्हांला देईल. देव जो पिता याने दाखवून दिले आहे की, तो मनुष्याच्या पुत्राबरोबर आहे.
28मनइयन ईसू स पूछेन, “परमेस्सर क कारज क बरे हम सब का करी?”
28लोकांनी येशूला विचारले, “आम्ही कोणत्या गोष्टी कराव्यात अशी देवाची इच्छा आहे?”
29ईसू ओनका इ जवाब दिहेस, “जउन परमेस्सर चाहत ह कारज इ अहइ कि तू पचे ओह पइ बिसवास करा जेहिका उ भेजे अहइ।”
29येशूने उत्तर दिले, “तुम्ही जे काम करावे अशी देवाची इच्छा आहे, ते हेच की, देवाने ज्याला पाठविले, त्याच्यावर तुम्ही विश्वास ठेवावा.”
30तउ उ पचे ओसे कहेन, “फिन तू कउन स अद्भुत कारज देखॉवत अहा जेहिका देखिके हम तोह पर बिसवास करी? तू कउन स कारज देखॉवत अहा?”
30मग लोक येशूला म्हणाले, “देवाने तुम्हांलाच पाठविले आहे हे पटविण्यासाठी तुम्ही कोणता चमत्कार कराल? तुम्हांला एखादा चमत्कार करताना जर आम्ही पाहिले तर आम्ही तुमच्यावर विश्वास ठेवू. तुम्ही काय कराल?
31हमाक पूर्वजन रेगिस्तान मँ मन्ना खाएन, जइसे कि पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा, ‘परमेस्सर ओनका खाइ क बरे सरग स रोटी दिहेस।’“
31अरण्यात आमच्या पूर्वजांनी देवाने दिलेला मान्ना खाल्ला. पावित्र शास्त्रात असे लिहिले आहे की, देवाने त्यांना स्वर्गातील भाकर खायाला दिली.”
32एह पइ ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहका सच बतावत अहउँ कि मूसा नाहीं, मुला मोर परमपिता तोहका सरग स सच्ची रोटी देत ह।
32येशू म्हणाला, “मी तुम्हांला खरे सांगतो. मोशेने तुमच्या लोकांना स्वर्गातील भाकर दिली नाही. माझा पिता तुम्हांला खरी स्वर्गीय भाकर देतो.
33उ रोटी जउन परमेस्सर देत ह, उ सरग स उतरी अहइ, अउर इ संसार क जीवन देत ह।”
33देवाची भाकर कोणती? देवाची भाकर म्हणजे जो स्वर्गातून खाली उतरतो आणि जगाला जीवन देतो, तोच ती भाकर.”
34तउ उ पचे ओसे कहेन, “हे पर्भू, अब हम पचे क उ रोटी द्या अउर हमेसा देत रहा।”
34ते लोक येशूला म्हणाले, “महाराज, आम्हांला हीच भाकर नेहमी द्या.”
35ईसू ओनसे कहेस, “मइँ उ रोटी अहउँ जीवन देत ह। जउन मनई मोरे पास आवत ह, उ कबहूँ भूखा नाहीं रहत अउर जउन मोरे मँ बिसवास करत ह, उ कबहूँ पियासा नाहीं रहत।
35मग येशू म्हणाला. “मीच ती जीवनाची भाकर आहे. जो माझ्याकडे येतो त्याला कधीही भूक लागणार नाही. आणि जो माझ्यावर विश्वास ठेवतो त्याला कधीही तहान लागणार नाही.
36मइँ तोह सबन क पहले स बताइ चुका अहउँ कि तू मोका देख लिए अहा, तबहूँ मोहमाँ बिसवास नाहीं कर त्या।
36मी तुम्हांला पूर्वीच सांगितले की, तुम्ही मला पाहिले, तरीही विश्वास ठेवीत नाही.
37एक एक मनई जेहिका परमपिता मोका सौंपे अहइ, मोरे पास आई जउन मोरे पास आवत ह, मइँ ओका कबहूँ न लौटाउब।
37पिता माझे लोक मला देतो. त्यातील प्रत्येकजण माझ्याकडे येईल आणि माझ्याकडे येणाऱ्या प्रत्याकाला मी स्वीकारीन.
38मइँ सरग स अपनी मर्जी स काम करइ नाहीं आइ अहउँ, मइँ तउ ओकर मरजी क पूरा करइ आइ बाटेउँ, जउन मोका हिआँ भेजे अहइ।
38मी स्वर्गातून खाली आलो, ते नेहमीच देवाच्या इच्छेप्रमाणे करण्यास आलो आहे. मला पाहिजे ते करायला मी आलो नाही.
39अउर उ भेजइवाले क इच्छा इ बाटइ कि जेका जेका उ मोका सौपे अहइ, ओहमाँ म एकउ क न खोइ देउँ अउर आखिरी दिन ओनका सबका जिन्दा कइ देउँ।
39देवाने मला दिलेल्या लोकांपैकी एकालाही मी गमवू नये. परंतु त्या सर्वांना मी शेवटच्या दिवशी जिवंत असे उठवायला हवे. ज्याने मला पाठविले त्याची मी हेच करावे अशी इच्छ आहे.
40इहइ मोरे परमपिता क इच्छा अहइ कि हर एक मनई जउन पूत क देखत ह अउर ओहमाँ बिसवास करत ह, अनन्त जीवन पाई अउर आखिरी दिन मइँ ओका जियाइ देइ।”
40पुत्राला पाहून त्याच्यावर विश्वास ठेवणाऱ्या प्रत्थेक व्यक्तीला अनंतकाळचे जीवन आहे. मी त्या व्यक्तीला शेवटच्या दिवशी उठवीन, हेच माझ्या पित्याल हवे.”
41इ सुनिके यहूदियन ईसू प बड़बड़ाय लागेन, काहेकि उ कहत रहा, “मइँ उ रोटी अहउँ जउन सरग स उतरी अहउँ।”
41मग यहुदी लोक येशूविरुद्द कुरकुर करु लागले. कारण “स्वर्गातून खाली आलेली भाकर मी आहे” असे तो म्हणाला.
42अउर उ पचे कहेन, “का इ यूसुफ क पूत ईसू न अहइ का हम एनके महतारी बाप क नाहीं जानित? फिन इ कइसे कहत बा कि ‘मइँ सरग स उतरा हउँ?”
42यहूदी लोक म्हणाला, “हा येशू आहे. आपण त्याच्या आईवडिलांना ओळखतो. येशू तर योसेफाचाच पुत्र आहे. ‘मी स्वर्गातून खाली आलो आहे’ असे तो कसे काय म्हणू शकतो?”
43एकरे जवाब मँ ईसू ओनसे कहेस, “एक दूसरे प बड़बड़ाब छोड़ द्या,
43पण येशूने उत्तर दिले, “आपापसात कुरकूर करु नका.
44मोरे लगे तब तलक कउनो नाहीं आइ सकत जब तक मोका भेजइवाला परमपिता ओका मोरे तरफ न खींचइ। मइँ आखिरी दिन ओका फिन जियाइ देब।
44पित्यानेच मला पाठिले आहे. पिताच लोकांना माझ्याकडे पाठवितो, त्या लोकांना मी शेवटच्या दिवशी परत उठवीन. पित्याने जर एखाद्या व्यक्तीला आकर्षित केले नाही, तर ती व्यक्ति माझ्याकडे येऊ शकत नाही.
45नबियन लिखे अहइँ, ‘अउर उ सब परमेस्सर दवारा सिखावा भए होइहीं।’
45संदेष्टयांनी असे लिहिले आहे की, ‘देव सर्व लोकांना शिक्षण देईल.’ लोक देवाचे ऐकतात आणि त्याच्याकडून शिक्षण घेतात, तेच लोक माझ्याकडे वळतात.
46जउन मनई परमपिता क सुनत ह, अउर ओसे सीखत ह, मोरे पास आवत ह। मुला सच-सच जेहिका परमपिता भेजे अहइ, ओका छाँड़िके कउनो नाहीं लखे अहइ। परमपिता क बस उहइ लखे अहइ।
46देवाने ज्याला पाठिले त्याच्याशिवाय दुसऱ्या कोणीही देवाला पाहिले नाही. फक्त त्यानेच देवाला पाहिले आहे.
47मइँ तोहसे सच-सच कहत बाटेउँ कि जउन मनई बिसवास करत ह उ अनन्त जीवन पावत ह।
47मी तुम्हांला खरे तेच सांगतो, “जो विश्वास ठेवतो त्याला अनंतकाळचे जीवन मिळाले आहे.
48मइँ उ रोटी अहउँ जउऩ जीवन देत ह।
48मी जीवन देणारी भाकर आहे.
49तोहार पचेन्क पूर्वजन रेगिस्तान मँ मन्ना खाए रहेन्ह तबहूँ उ पचे मरि गएन।
49तुमच्या वाडवडिलांनी अरण्यांत असताना देवाने दिलेला मान्ना खाल्ला. परंतु इतर सर्व लोकांप्रमाणेच ते मरण पावले.
50इ उ रोटी अहइ जउन सरग स उतरत ह जउने कि मनई ओहमाँ स खात ह उ न मरी।
50जी स्वर्गातून उतरते ती भाकर मी आहे. जर ही भाकर कोणी खाईल तर तो कधीच मरणार नाही.
51जीवन क रोटी जउन सरग स उतरी अहइ, उ मइँ अहउँ। जउऩ मनई इ रोटी खाई, उ हमेसा जीवित रही, अउर जउऩ रोटी मइँ दुनिया क जिन्नगी क बरे देब, उ मोर माँस अहइ। इहइ संसार जिअत रही।”
51स्वर्गातून खाली उतरलेली जिवंत भाकर मी आहे. जर कोणी ती भाकर खाईल तर तो अनंतकाळासाठी जिवंत राहील. आणि ती भाकर म्हणजे माझे शरीर आहे. जगातील लोकांना जीवन मिळावे मी माझे शरीर देईन.”
52इ सुनिके यहूदियन आपस मँ झगड़ा करइ लागेन कि “कइसे इ मनई हम पचेन्क आपन माँस खाइ क बरे देत ह”
52नंतर यहुदी आपापसात वाद घालू लागले. ते म्हणाले, “हा मनुष्य आपले स्वत:चे शरीर आम्हांला कसे काय खायला देऊ शकेल?”
53ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहसे सच-सच कहत अहउँ, जब तक तू पचे मनई क पूत क माँस न खाब्या अउर ओकर लहू न पीब्या, तब तक तोहरे मँ असली जीवन नाहीं आई।
53येशू म्हणाला, “मी तुम्हांला खरे सांगतो, तुम्ही मनुष्याच्या पुत्राचे शरीर खाल्ले पाहिजे आणि त्याचे रक्त प्याले पाहिजे. जर तुम्ही हे करणार नाही, तर तुमच्यात खरे जीवन नाही.
54जउन मोर माँस खात ह अउर हमार लहू पियत ह, अनन्त जीवन उहइ पावत ह अउर आखिरी दिन ओका मइँ फिन जीवित करि देब।
54जो कोणी माझे शरीर खातो आणि माझे रक्त पितो, त्याला अनंतकाळचे जीवन मिळेल. शेवटच्या दिवशी मी त्याला उठवीन.
55काहेकि मोर माँस सब खाइवाली चीज अहइ अउर मोर लहू सच-सच पियइवाली चीज अहइ।
55माझे शरीर खरे अन्न आहे आणि माझे रक्त खरे पेय आहे.
56जउन मोर माँस खात ह अउर मोर लहू पियत ह, उ मोरे मँ रहत ह अउर मइँ ओहमाँ समाइ जाइत हउँ।
56जो माझे शरीर खातो आणि माझे रक्त पितो तो माझ्यात राहतो आणि मी त्याच्यामध्ये राहतो.
57इ बात बिल्कुल उहइ तरह अहइ कि जइसे जिअत-पिता मोका भेजे अहइ, अउर उहइ परमपिता क कारण मइँ जीवित अहउँ ठीक उहइ तरह जउन मनई खात रही, उ मोरे कारण जीवित रही।
57पित्याने मला पाठविले. तो जिवंत आहे आणि पित्यामुळे मीही जगतो. म्हणून जो कोणी मला खातो तो माझ्यामुळे जिवंत राहील.
58इ उहइ रोटी अहइ जउन सरग स उतरी अहइ। इ रोटी वइसे नाहीं अहइ जइसे मोरे पचे क पूर्वजन खाए रहेन। अउर बाद मँ उ सब मरि गएन। जउन मनई इ रोटी क खात रही, उ हमेसा जिन्दा रही।”
58आपल्या वाडवडिलांनी अरण्यांत जी भाकर खाल्ली, त्या भाकरीसारखा मी नाही. त्यांनी ती भाकर खाल्ली परंतु इतर सर्व लोकांप्रमाणेच ते मरुन गेले. मी स्वर्गातून उतरलेली भाकर आहे. जो कोणी ही भाकर खाते तो अनंतकाळ जगेल.”
59ईसू इ सब बात कफरनहूम आराधनालय मँ सिच्छा देत कहे रहा।
59कफर्णहूम नगरातील सभास्थानात शिक्षण देताना येशूने या सर्व गोष्टी सांगितल्या.
60जब ईसू क चेलन क इ बात पता चली तउ उ कहेन्ह, “इ सिच्छा बहुतइ कठिन अहइ, एका कउन सुनि सकत ह”
60येशूच्या शिष्यांनी हे ऐकले, त्यांपैकी अनेकजण म्हणाले, “हे शिक्षण स्वीकारण्यास फार कठीण आहे. कोण हे शिक्षण मान्य करील?”
61ईसू क खुदइ पता चलि गवा रहा कि ओनके चेलन क उपदेस क बारे मँ सिकायत रही। एह बरे उ ओनसे कहेस, “का इ उपदेस तोहका ठेस पहुँचावत ह
61आपले शिष्य याविषयी कुरकूर करीत आहेत, हे येशूने ओळखले. म्हणून तो त्यांना म्हणाला. “ही शिकवण तुम्हांला त्रासदायक वाटेल काय?
62अइसी बात अहइ कि तउ तोहका अगर मनई क पूत क जहाँ उ पहिले रहा, हुवाँ फिन लौटत देखइ क पड़इ तउ का होई?
62तर मग मनुष्याचा पुत्र जेथून आला तेथे परत जाताना पाहून तुम्हांला तसेच त्रासदायक वाटेल काय?
63आतिमा उहइ अहइ जउन जीवन देत ह। सरीर क कउनो उपयोग नाहिं बाटइ। जउन बात मइँ तोहसे कहे बाटेउँ, उहइ आतिमा अहइ अउर उहइ जीवन देत ह।
63शरीराद्दरे मनुष्याला जीवन मिळत नाही. परंतु आत्म्याकडून ते जीवन मिळते. मी तुम्हांला सांगितलेल्या गोष्टी आत्म्याविषयी आहेत, म्हणूनच या गोष्टीपासून जीवन मिळते.
64मुला तोहरे पचे क बीच मँ कछू मनई अइसे अहइँ, जउन ओहमाँ बिसवास नाहीं करतेन।” (ईसू तउ सुरू मँ इ जानत रहा कि उ पचे कउन मनई अहइँ, जउन बिसवास नाहीं करत अहइँ अउर उ मनई कउन बा जउन ओका धोखा देइ।)
64परंतु तुमच्यातील काहीजण विश्वास ठेवीत नाहीत.’ जे लोक विश्वास ठेवीत नव्हते, ते येशूला माहीत होते. येशूला हे अगदी सुरुवातीपासूनच माहीत होते. आणि जो मनुष्य त्याचा विश्वासघात करणार होता, तोही त्याला माहित होता.
65ईसू फिन कहेस, “इहइ बरे मइँ तोहसे कहे अहउँ, ‘मोरे पास तब तलक कउनो नाहीं आइ सकत जब तलक कि परमपिता ओका मोरे पास आवइ क इजाजत न देइ।”
65येशू म्हणाला, “म्हणूच मी तुम्हांला म्हटले की, जर पिता एखाघा व्यक्तीला माझ्याकडे येऊ देत नसेल तर ती व्यरक्ती येणारच नाही.”
66इहइ कारण रहा कि ईसू क ढेर चेलन लौट गएऩ। अउर फिन कबहूँ ओकरे पाछे नाहीं चलेन।
66येशूने हे सर्व सांगितल्यावर त्याच्या शिष्यांपैकी बरेच जण त्याल सोडून गेले; येशूच्या मागे जाण्याचे त्यांनी सोडून दिले.
67फिन ईसू अपने बारहु प्रेरितन स कहेस, “का तू पचे भी जाइ चाहत अहा?”
67नंतर येशूने आपल्या बारा शिष्यांना विचारले, “तुम्हांलासुद्धा मला सोडून जावेसे वाटते काय?”
68समौन परतस जवाब दिहेस, “पर्भू हम पचे केहिके लगे जाइ? उ सब्दन तउ तोहरे लगे अहइँ जउन अनन्त जीवन देत ही।
68शिमोन पेत्राने उत्तर दिले, “प्रभुजी आम्ही कोठे जाणार? अनंतकलच्या जीवनाची वचने तर तुमच्याजवळ आहेत.
69अब हम पचे तोह पर बिसवास करित ह अउर हम जानित ह कि तू सबसे पवित्तर अहा जेहिका परमेस्सर भेजे अहइ।”
69आम्ही तुमच्यावर विश्वास ठेवतो. तुम्ही पवित्र व्यक्ति आहात हे आम्हांला माहीत आहे.”
70ईसू ओनका इ जवाब दिहेस, “का तोहका बारहु प्रेरितन का मइँ नाहीं चुने अहउँ। मुला तोहरे बीचे मँ एक ठु सइतान अहइ।”
70मग येशूने उत्तर दिले, “तुम्हा बारा जणांना मी निवडले. पण तुमच्यातील एक सैतान आहे.”
71उ समौन इस्करियोती क बेटवा यहूदा क बारे मँ कहत रहा, जउन ईसू क धोखा देइवाला रहा। बारह प्रेरितन मँ उहइ एक रहा।
71शिमोन इस्कर्योत याचा मुलगा यहूदा याच्याविषयी येशू बोलत होता. यहूदा बारा शिष्यांपैकी एक होता. परंतु पुढे हाच यहूदा येशूच्या विरुद्ध उठणार होता.