1अउर ईसू जैतून पर्वत प चला गवा।
1येशू जैतुनाच्या डोंगरावर निघून गेला.
2एकदम सबेरे उ फिन मन्दिर मँ गवा। सब मनई ओकरे पास आएन। ईसू बइठके ओनका सबेन्हका उपदेस देइ लाग।
2दुसऱ्या दिवशी सकाळीच येशू परत मंदिरात गेला. सर्व लोक येशूकडे आले. येशू बसला आणि त्याने लोकांना शिक्षण दिले.
3तबहीं धरम सास्तरी अउर फरीसी लोग व्यभिचार क अपराध मँ एक ठु स्त्री क पकरि लइ आएन। अउर ओका सबके सामने ठाढ़ करि दिहेन्ह।
3नियमशास्त्राचे शिक्षक व परुशी एका स्त्रीला घेऊन तेथे आले. त्या स्त्रीला व्यभिचाराचे पाप करताना पकडले होते. या यहूदी लोकांनी त्या स्त्रीला बळजबरीने लोकांपुढे उभे केले.
4अउर ईसू स कहेन्न, “हे गुरू, इ स्त्री व्यभिचार करत रंग हाथ पकड़ी गइ अहइ।
4ते येशूला म्हणाले ‘गुरूजी, जो हिचा नवरा नाही, अशा माणसाशी व्यभिचार करताना ह्या स्त्रीला पकडले.
5मूसा क व्यवस्था हमका पचेन्ह क आदेस देत ह क अइसी स्त्री क पाथर मारइ चाही। अब बतावा तोहार क कहब अहइ?”
5मोशेच्या नियमशस्त्रात अशी आज्ञा दिलेली आहे की, असे कर्म करणाऱ्या प्रत्येक स्त्रीला आम्ही धोंडमार करुन जिवे मारले पाहिजे. आम्ही काय करावे असे तुमचे मत आहे?”
6ईसू क अजमावइ क बरे उ सबेन्ह पूछत रहेन्ह जइसे कि ओनका सबन्क ओकरे खिलाफ कउनो अभियोग लगावा जाइ सकइ। मुला ईसू नीचे झुका अउर अपनी अंगुरी स जमीन प लिखिइ लाग।
6येशूला पेचात पकडावे म्हणून यहूदी लोकांनी हा प्रश्न विचारला होता. काही तरी चुकीचे बोलताना येशूला धरावे अशी त्यांची इच्छा होती. म्हणजे मग त्यांना येशूवर आरोप ठेवता आला असता. पण येशूने गुडघे टेकले व आपल्या बोटाने जमिनीवर लिहू लागला.
7यहूदी नेता पूछत जात रहेन्ह, इ बरे ईसू सोझ सोझ तनि क ठाढ़ि होइ गवा अउर ओनसे कहेस, “तोहरे सब मँ स जउन मनई पापी न होइ, सबसे पहिले उहइ इ स्त्री क पाथर मारइ।”
7हूदी पुढारी येशूला प्रश्न विचारीतच राहिले, म्हणून येशू मान वर करुन त्यांच्याकडे पाहत म्हणाला, “ज्याने कधीच पाप केले नाही असा एकतरी मनुष्य येथे आहे काय? निष्पाप मनुष्य या स्त्रीवर पहिला दगड फेकू शकतो.”
8अउर फिन उ झुक कर जमीन प लिखइ लाग।
8मग येशूने पुन्हा गुडघे टेकले व जमिनीवर लिहू लागला.
9जब सब मनई इ सुनेन्ह तउ सबसे पहिले बुढ़वा मनइयन अउर फिन एक एक कइके हुवाँ स खिसकइ लागेन अउर हुवाँ अकेले ईसू बचा रहा। ईसू क सामने उ स्त्री अबहीं तलक ठाढ़ि रही।
9येशूचे हे शब्द ज्या लोकांनी ऐकले, ते एक एक करुन निघून जाऊ लागले. जे वयस्कर होते ते अगोदर गेले. मग इतर लोक गेले. येशू एकटाच त्या स्त्रीसह तेथे राहिला होता. ती त्याच्यासमोर उभी होती.
10ईसू खड़ा भवा अउर उ स्त्री स कहेस, “ऐ स्त्री, उ पचे कहाँ चला गएन। का तोहका कउनो दोखी नाहीं ठहराएस?”
10येशूने पुन्हा वर पाहिले आणि तिला विचारले, “बाई, ते सर्व लोक निघून गेले आहेत, त्यातील एकानेही तुला दोषी ठरविले नाही काय?”
11उ स्त्री बोली, नाहीं महासय! कउनो नाहीं।” ईसू कहेस, “मइँ भी तोहका दण्ड न देब। जा अउर अब फिन कबहूँ पाप न करिउ।”
11त्या स्त्रीने उत्तर दिले. ‘महाराज, मला कोणीही दोषी ठरविले नाही.’ मग येशू म्हणाला, ‘मग मीही तुझा न्याय करीत नाही. आता तू जाऊ शकतेस, पण परत पाप करु नकोस.’ ------------------------------- (वचने 7:53 ते 8:11 अति जुन्या व उत्तम ग्रीक प्रतीमध्ये ही वचने नाहीत)
12फिन हुवाँ मौजूद मनइयन स ईसू कहेस, “मइँ दुनिया क ज्योति अहउँ, जउन मोरे पाछे चलत ह, उ कबहुँ अंधेरे मँ नाहीं रहत। ओका तउ उ ज्योति मिली जउन जीवन देत ह।”
12नंतर येशू पुन्हा लोकांशी बोलू लागला. तो म्हणाला, “मी जगाचा प्रकाश आहे, जो माझ्यामागे येतो तो कधीही अंधारात राहणार नाही. त्या माणसाजवळ जीवन देणारा प्रकाश राहील.”
13इ सुनिके फरीसियन ओनसे कहेन, “तू आपन साच्छी खुदइ देत अहा, इ बरे तोहार साच्छी न मानी जाई।”
13परंतु परुशी लोक येशूला म्हणाले, “जेव्हा तुम्ही स्वत: आपल्याविषयी बोलता, तेव्हा ह्या गोष्टी खऱ्या आहेत असे म्हणणारे तुम्ही एकटेच असता. तेव्हा तुम्ही सांगता त्या गोष्टी आम्ही स्वीकारु शकत नाही.”
14एकरे जवाब मँ ईसू ओनसे कहेस, “जदि मइँ आपन साच्छी अपनी कइँती स आप देत अहउँ, तबहूँ मोर साच्छी सही अहइ, काहेकि मइँ इ जाना चाहित ह, कि मइँ कहाँ स आवा अहउँ अउर कहाँ जात अहउँ।
14येशूने उत्तर दिले, “होय, मी स्वत:च माझ्याविषयी हा गोष्टी सांगत आहे. परंतु मी सांगतो त्या गोष्टीवर लोक विश्वास ठेवू शकतील. कारण मी कोठून आलो हे मला माहीत आहे व कोठे जाणार हे मला माहीत आहे. मी तुमच्यासारखा नाही. मी कोठून आलो व कोठे जाणार हे तुम्हांला माहीत नाही.
15तू पचे मनइयन क बनाए नेमॅन प निआव कहत ह, मइँ कउनो क निआव नाहीं करत अहउँ।
15तुम्ही एखाद्याचा न्याय करता तसाच माझाही करता. मी कोणाचा न्याय करीत नाही.
16जदि मइँ निआव करी तउ मोर निआव उचित होइ। काहेकि मइँ अकेलि नाहीं अहउँ, बल्कि परमपिता जउन मोका हियाँ भेजे अहइ, दुइनउँ मिलके निआव करित ह।
16पण जर मी न्याय केला तर त्यात माझा न्याय खरा असतो. कारण जेव्हा मी न्याय करतो तेव्हा मी एकटा नसतो. ज्या पित्याने मला पाठविले, तो माझ्याबरोबर असतो.
17तोहरे व्यवस्था मँ लिखा अहइ कि दुइ मनइयन क साच्छी सच्ची होत ह।
17तुमचे स्वत:चेच नियमशास्त्र असे म्हणते की, दोन साक्षीदार एकाच गोष्टीविषयी साक्ष देतात तेव्हा ते काय म्हणतात, ते तुम्हांला स्वीकारावेच लागते.
18मइँ आपन साच्छी खुदइ देत अहउँ अउ परमपिताा, जउन मोका भेजे अहइ, मोरी ओर स साच्छी देत ह।”
18स्वत:विषयी बोलणाऱ्या दोघा साक्षीदारांपैकी मी एक साक्षीदार आहे. आणि ज्या पित्याने मला पाठविले, तो दुसरा साक्षीदार आहे.”
19इ सुनिके उ सब मनइयन ओसे कहेन, “तोहार परमपिता कहाँ अहइ?” ईसू जवाब दिहेस, “न तउ तू पचे मोका जानत अहा अउर न तउ मोरे परमपिता क। जदि तू मोका जानत होत्या, तउ मोरे परमपिता क जानि लेत्या।”
19लोकांनी येशूला विचारले, “तुमचा पिता कोठे आहे.?” येशूने उत्तर दिले, “तुम्ही मला अगर माझ्या पित्याला ओळखत नाही. जर तुम्ही मला ओळखले असते तर माझ्या पित्यालाही ओळखले असते.”
20मंदिर मँ उपदेस देत भए जउन मनई भेंट पात्रन क पास रहेन, ओनसे इ बात ईसू कहेस। मुला कउनो ओकाा बन्दी नाहीं बनाएस, काहेकि ओकर समइ अबहीं नहीं रहा।
20येशू मांदिरात शिक्षण देत असता या गोष्टी बोलला. ज्या पेटीत लोक पैसे टाकीत त्या पेटीजवळच तो होता. परंतु येशूला कोणी अटक केली (पकडले) नाही. कारण त्याची वेळ अजून आलेली नव्हती.
21ईसू ओनसे एक बार फिन कहेस, “मइँ चला जाब अउर तू पचे मोका खोजब्या। मुला तू पचे अपने पापन क कारण मरि जाब्या। जहाँ मइँ जात अही तू पचे हुँवा नाहीं आइ सकत ह।”
21येशू पुन्हा लोकांना म्हणाला, “मी लवकरच तुम्हांला सोडून जाईन. तुम्ही माझा शोध कराल, परंतु तुम्ही आपल्या पापात मराल. मी जातो तेथे तुम्ही येऊ शकत नाही.”
22फिन यहूदी कहइ लागेन, “का तू इ सोचत अहा। कि उ खुदकुसी करइवाला अहइ? काहेकि उ कहेस ह, ‘तू पचे हुवाँ नाहीं आइ सकत ह जहाँ मइँ जात अहउँ।
22म्हणून यहूदी लोक एकमेकांस विचारु लागले. “येशू स्वत:ला ठार करणार नाही ना? यासाठी तो असे म्हणाला का, ‘की मी जाणार आहे, तिकडे तुम्ही येऊ शकणार नाही?’
23एह पइ ईसू ओनसे कहेस, “तू पचे नीचे क अहा अउर मइँ ऊपर स आवा हउँ, तू पचे संसारिक अहा अउर मइँ इ दुनिया मँ नाहीं हउँ।
23पण येशू म्हणाला, “तुम्ही लोक येथील खालचे आहात. पण मी वरचा आहे. तुम्ही या जगाचे आहा; परंतु मी या जगाचा नाही.
24इ बरे मइँ तू सबन स कहत हउँ तू पचे अपने पाप मँ मरि जाब्या। जब तू बिसवास नाहीं करत अहा कि उ मइँ अहउँ। तउ तू अपने पाप मँ मरि जाब्या।”
24तुम्ही आपल्या पापात मराल असे मी म्हणालो, होय. ‘मी आहे’ यावर तुम्ही विश्वास ठेवीत नाही, तर तुम्ही पापात मराल.”
25उ पचे ईसू स फिन पूछेन, “तू कउन अह्या?” ईसू ओनका जवाब दिहेस, “मइँ उहइ अहउँ, जइसे कि सुरूआत मँ मइँ तोहका बताए रहेउँ।
25यहूदी लोकांनी विचारले. “मग तुम्ही कोण आहात?” येशूने उत्तर दिले, “मी सुरुवातीपासून तुम्हांला सांगत आलो तोच मी आहे.
26तू पचेन्क बतावइ क बरे अउर तू पचन क निआव करइ क मोरे पास बहुत कछू अहइ। मुला सच्ची बात इ अहइ कि सत्य उहइ अहइ जउन मोका भेजेस। मइँ उहइ बतावत अही जउन मइँ ओसे सुने अहउँ।”
26तुमच्याविषयी बोलण्यासारख्या बऱ्याच गोष्टी माझ्याकडे आहेत. मी तुमचा न्याय करु शकतो. परंतु ज्याने मला पाठविले त्याच्याकडून ऐकलेल्या गोष्टीच मी लोकांना सांगतो. आणि तो सत्य सांगतो.”
27उ पचे इ नाहीं जान पाएन्ह कि ईसू ओनका परमपिता क बाबत बतावत अहइ।
27येशू कोणाविषयी बोलत आहे, हे लोकांना समजेना. येशू त्यांन पित्याविषयी सांगत होता.
28फिन ईसू ओनसे कहेस, “जब तू मनई क पूत क ऊँचा उठाय लेब्या तू जान लेब्या कि उ मइँ अहउँ। मइँ अपनी ओस स कछू नाहीं करत अहउँ। मइँ जउन करत अहउँ, इ उहइ अहइ जउन मोका परमपिता सिखाए अहइ
28म्हणून येशू लोकांना म्हणाला. “तुम्ही मनुष्याच्या पुत्राला उंच कराल (वधस्तंभावर ठार माराल). मग तो मी आहे हे समजू शकाल. मी ज्या गोष्टी करतो त्या माझ्या स्वत:च्या अधिकारात करीत नाही, हे तुम्हांला समजेल. तुम्हांला समजेल की, ज्या गोष्टी मला पित्याने शिकविल्या त्याच गोष्टीविषयी मी बोलतो.
29अउर उ जउऩ मोका इहाँ भेजेस, उ मोरे साथ अहइ। उ कबहूँ मोका अकेले नाहीं छोड़ेस, इ बरे कि मइँ उहइ कारज करित ह जइसा उ चाहत ह।”
29ज्याने मला पाठविले तो माझ्याबरोबर आहे. त्याला ज्यामुळे संतोष होतो तेच मी नेहमी करतो. म्हणून त्याने मला एकटे सोडले नाही.”
30ईसू जब इ बात बातवत रहा, तउ बहुत मनई ओकर बिसवासी होइ गएन।
30येशू या गोष्टी बोलत असता अनेकांनी त्याच्यावर विश्वास ठेवला.
31ईसू ओन यहूदियन क बतावइ लाग, जउन ओहमाँ बिसवास करत रहेन, “जब तू पचे मोरे उपदेस प चलब्या तउ तू मोर सच्चा चेलन बन जाब्या।
31ज्यांनी येशूवर विश्वास ठेवला, त्या यहूदी लोकांना तो म्हणाला, “तुम्ही जर नेहमी माझ्या शिकवणुकीचे पालन कराल, तरच तुम्ही माझे खरे शिष्य आहात.
32अउर सच्चाई क जान लेब्या। अउर सच्चाई तोहका मुक्ति दइ देइ।”
32मग सत्य काय आहे हे तुम्हांला समजेल. आणि सत्य तुम्हांला मोकळे करील.”
33इ सुनिके उ सबेन्ह ईसू स पूछेन, “हम सब इब्राहीम क खानदान क अही अउर हम सबे आज तक केहू क गुलामी नाहीं कीन्ह। फिन तू कइसे कहत अहा कि तू पचे छुटकारा पाइ जाब्या?”
33यहूदी लोकांनी उत्तर दिले, “आम्ही अब्राहामाचे लोक आहोत आणि आम्ही कधीच गुलाम नव्हतो तर आम्ही मोकळे होऊ असे तुम्ही का म्हणता?”
34ईसू ओनका इ जवाब दिहेस, “मइँ तोहसे सच्चाई का बखान करत अहउँ। जउन मनई पाप करत रहत ह, पाप क दास अहइ।
34येशूने उत्तर दिले, “मी तुम्हांला खरे तेच सांगतो, जो प्रत्येक पाप करतो तो गुलाम आहे. पाप त्याचा मालक आहे.
35अउर कउनो दास परिवार के साथे नाहीं रहि सकत। केवल पूत हमेसा परिवार क साथे रहत ह।
35गुलाम कुटुंबात कायमचा राहत नाही. परंतु पुत्र कायमचा आपल्या कुटुंबात राहतो.
36इ बरे अगर पूत तोह सबन क छुटकारा देइ सकत ह, तउ तू पचे जरूर छुटकारा पाय जाब्या। मइँ जानत अहउँ तू इब्राहीम क खानदान क अह्या।
36म्हणून जर पुत्र तुमजी सुटका करतो, तर तुम्ही खरोखरच मोकळे व्हाल.
37मुला तू पचे मोरा मारि डावइ क कोसिस करत अहा। काहेकि तू पचे मोरा मारि उपदेस नाहीं मनत्या।
37तुम्ही अब्राहामाचे लोक आहात हे मला माहीत आहे. परंतु तुम्ही मला जिवे मारावयास टपलेले आहात. कारण तुम्हांला माझे शिक्षण स्वीकारायला नको आहे.
38मइँ उहइ बतावत अहउँ, जउन मोर परमपिता मोका देखॉएस अउर तू उहइ करत अहा। जउन तोहार पिता तोहका करइ क बताएस ह।”
38माझ्या पित्याने जे काही मला दाखवून दिले, तेच मी तुम्हांला सांगत आहे. परंतु तुमच्या पित्याने तुम्हांला सांगितले तेच तुम्ही करता.”
39इ सुनिके उ पचे ईसू क जवाब दिहेन, “हमरे पिता इब्राहीम अहीं।” ईसू कहेस, “जब तू इब्राहीम क सन्तान होत्या, तउ तू उहइ कारज करत्या जउन कारज इब्राहीम करत रहा।
39यहूदी लोकांनी उत्तर दिले. “आमचा पिता अब्राहाम आहे.” येशू म्हणाला, “तुम्ही जर खरोखरच अब्राहामाची संतति असता तर अब्राहामाने केल्या त्याच गोष्टी तुम्ही केल्या असत्या.
40मुला तू पचे तउ मोर जइसे मनई का जउन परमेस्सर स सुनि सच्चाई का बतावत अहइ, मारि डावा चाहत अहा। इब्राहीम तउ अइसा कबहूँ नाहीं किहेस।
40देवाकडून जे सत्य ऐकले ते तुम्हांला सांगणारा मी एक मनुष्य आहे. परंतु तुम्ही मला जिवे मारायला पाहता. अब्राहामाने तसे केले नाही.
41तू पचे अपने पिता क काम करत अहा।” फिन उ सबेन्ह ईसू स कहेन, “हम सबन उ सबइ गदेलन क तरह नाहीं जउन व्यभिचार क सरूप पइदा भएन ह। हमार केवल एक पिता अहइ, उ अहइ परमेस्सर।”
41पण अब्राहामाने जे केले नाही ते तुम्ही करता याचा अर्थ तुम्ही त्याची मुले नाहीत तर तुमचा पिता अब्राहाम नसून कोणी वेगळा आहे.” परंतु यहूदी म्हणाले, “ज्या मुलांना आपला पिता कोण आहे ते माहीत नाही त्यांच्यासारखे आम्ही नाही! देव आमचा पिता आहे. तोच एक आमचा पिता आहे.”
42ईसू ओनका जवाब दिहेस, “जदि परमेस्सर तोहार पिता होतइ तउ तू पचे मोका पियार करत्या, काहेकि मइँ ही परमेस्सर क पास स आइ अहउँ। अउर अबहीं मइँ हियाँ अहउँ। मइँ अपने आप हियाँ नाहीं आइ बाटी, बल्कि मोका परमेस्सर भेजेस।
42येशू त्या यहूदी लोकांना म्हणाला, “जर देव खरोखरच तुमचा पिता असता, तर तुम्ही माझ्यावर प्रीति केली असती. मी पित्याकडून आलो आणि आता मी येथे आहे. मी माझ्या स्वत:च्या अधिकारात आलो नाही. देवानेच मला पाठिले.
43जउन कछू मइँ बतावत अहउँ ओका तू सबेन्ह काहे नाहीं समझत अहा? एकर कारण इ अहइ कि तू मोर उपदेस नाहीं स्वीकार करत अहा।
43मी म्हणतो, मी देत असलेली शिकवण तुम्हांला समजत नाही का? कारण की तुम्हांला माझी शिकवण स्वीकारता येत नाही.
44तू सबेन्ह अपने पिता सइतान क सन्तान अह्या अउर तू सबेन्ह अपने पिता क इच्छा प चलइ चाहत अहा। उ सुरूआतइ स एक हत्यारा रहा अउर सच्चाई क तरफदारी कबहूँ नाहीं करेस। काहेकि ओहमाँ सच्चाई क कउनो हिस्सा नाहीं रहा। जब उ झूठ बोलत ह तउ सहल भाव स बोलत ह, काहेकि उ झूठा अहइ अउर तमाम झूठ क पइदा करत ह।
44तुमचा पिता सैतान आहे. तुम्ही त्याचे आहात, त्याला करायला पाहिजे तेच तुम्ही करता. सैतान सुरुनातीपासूनच खुनी आहे. सैतान सत्याच्या विरूद्ध आहे. आणि सैतानाच्या ठायी सत्य नाही. तो सांगतो त्या लबाड्याप्रमाणेच तो आहे. सैतान लबाड आहे. आणि तो असत्याचा पिता आहे.
45मुला मइँ सच्ची बात कहत अहउँ, तू सबेन्ह इ बरे मोहमाँ बिसवास नाहीं करत अहा।
45मी सत्य बोलतो म्हणून तुम्ही माझ्यावर विश्वास ठेवित नाही.
46तोहरे मँ स कउन अइसा मनई अहइ जउन मोरे ऊपर लगावा पाप सिद्ध कइ सकत ह। जदि मइँ सत्य कहत अहउँ तउ तू मोर बिसवास काहे बरे नाहीं करत अहा?
46मी एखाद्या पापाविषयी दोषी आहे असे तुमच्यातील कोणी सिद्ध करु शकेल काय? जर मी सत्य सांगतो तर तुम्ही माझ्यावर विश्वास का ठेवीत नाही?
47जउऩ मनई परमेस्सर क अहइ, परमेस्सर क वचन क सुनत ह। तू सबेन्ह मोर बात नाहीं सुनत अहा, इ बरे कि तू सबेन्ह परमेस्सर क नाहीं अह्या।”
47जो देवाचा आहे, तो देवाचे म्हणणे ऐकतो. परंतु तुम्ही देवाचे म्हणणे ऐकत नाही. कारण तुम्ही देवाचे लोक नाहीत.”
48ईसू क बात क जवाब मँ यहूदियन ईसू स कहेन, “का हमार सबेन्ह क इ बात सच्ची न अहइ कि तू सामरी अह्या अउर तोहरे ऊपर कउनो दुस्ट आतिमा सवार अहइ?”
48यहूदी म्हणाले, “तुम्ही शोमरोनी आहात, तुम्हांला भूताने पछाडले आहे, असे आम्ही म्हणालो तर आम्ही म्हणतो तेच बरोबर नाही काय?”
49ईसू जवाब दिहेस, “मोरे ऊपर कउनो दुस्ट आतिमा सवार नाहीं अहइ। मइँ तउ अपने परमपिता क आदर करित ह, मुला तू पचे मोर अपमान करत अहा।
49येशूने उत्तर दिले. “मला भूत लागले नाही, मी तर आपल्या पित्याचा मान राखतो. परंतु तुम्ही माझा मान राखीत नाही.
50मइँ आपन महिमा नाहीं चाहत अहउँ मुला एक ठु अइसा अहइ जउन मोर महिमा चाहत ह अउर निआव करत ह।
50स्वत:ला सन्मान मिळविण्याचा प्रयत्न मी करीत नाही. माझा सन्मान व्हावा असे एकाला (देवाला) वाटते. तोच न्यायाधीश आहे.
51मइँ तोहका सच्ची बात कहत अहउँ कि जउन मनई मोरे उपदेस क अनुसरण करी उ मउत क कबहूँ न देखी।”
51मी तुम्हांला खरे तेच सांगतो. जो कोणी माझ्या शिक्षणाचे पालन करतो तो कधीही मरणार नाही.
52इ सुनिके यहूदियन ओसे कहेन, “अब हम पचे जानि गए कि तोहरे अन्दर कउनो दुस्ट आतिमा समाइ गइ अहइ। हियाँ तक कि इब्राहीम अउर नबी दुइनउँ मरि गएन मुला तू कहत अहा कि जउन मनई तोहार उपदेस प चली ओकर कबहूँ मउत न होई।
52यहूदी लोक म्हणाले, “तुमच्यात खरोखर भूत संचारले आहे. हे आता आम्हांला माहीत झाले. अब्राहाम आणि संदेष्टे मेले. परंतु तुम्ही म्हणता, ‘जो माझ्या शिकवणूकीचे पालन करतो तो कधीच मरणार नाही.’
53एहमाँ कउनो सक नाहीं अहइ कि तू मोरे पिता इब्राहीम स बड़ा नाहीं अहा जउऩ कि मर गवा। अउ नबियन क मउत होइ गइ। मुला तू पता नाहीं का सोचत अहा? तू अह्या के?”
53तुम्ही आमचा पिता अब्राहाम याच्यापेक्षाही थोर आहात असे तुम्हांला वाटते काय? अब्राहाम मेला, तसेच संदेष्टेही मेले. तुम्ही स्वत:ला समजता तरी कोण?”
54ईसू जवाब दिहेस, “जदि मइँ अपनी महिमा क बखान करी, तउ ऊ मोर महिमा कछू न अहइ। जउन मोका महिमा देत ह, उ मोर परमपिता अहइ। जेकरे बारे मँ तू दावा करत अहा कि उ तोहार परमेस्सर अहइ।
54येशूने उत्तर दिले, “जर मी स्वत:च स्वत:चा सन्मान केला तर त्या सन्मानाला काहीच अर्थ नाही. माझा पिता माझा सन्मान करतो. तो आमचा देव आहे असे तुम्ही म्हणता.
55तू पचे ओका कबहुँ नाहीं जनत्या। मुला मइँ ओका जानत अहउँ जब मइँ कहउँ कि मइँ भी ओका नाहीं जानत अहउँ तउ तोहरे सबेन्ह क तरह मइँ भी झूठा होइ जाब। मइँ ओका अच्छी तरह स जानित ही अउर जउन उ कहत ह ओका पालन करित ही।
55परंतु तुम्ही खरोखर त्याला ओळखीत नाही. पण मी त्याला ओळखतो. तो सांगतो त्याचे पालन मी करतो. मी त्याला ओळखीत नाही असे जर मी म्हणालो, तर तुम्ही लबाड आहात तसा मीही लबाड ठरेन. परंतु मी त्याला नक्कीच ओळखतो. आणि तो जे काही सांगतो त्याचे पालन करतो.
56तोहार पिता इब्राहीम इ जानिके कि उ अइसा दिन देखी जब मइँ आउब, तउ उ आनन्द स भरि भवा रहा: उ एका देखेस अउर बहुत खुस भवा।”
56माझ्या येण्याचा दिवस पाहण्याच्या आशेने तुमचा पिता अब्राहाम आनंदित झाला होता. त्याने तो दिवास पाहिला आणि त्याला आनंद झाला.”
57फिन यहूदियन ओसे कहेन, “तू अबहीं पचास बरिस क भी नाहीं अहा अउर तू इब्राहीम क लखि लिहा।”
57यहूदी लोक येशूला म्हणाले. “तुम्ही अब्राहामाला कधीच पाहिले नाही. तुम्ही पन्नास वर्षांचेही नाही!”
58ईसू एकरे जवाब मँ कहेस, “मइँ तोहका सत्य बतावत अहउँ कि इब्राहीम स पहले भी मइँ रह्यो, मइँ अहउँ।”
58येशूने उत्तर दिले, “मी तुम्हांला खरे तेच सांगतो: अब्राहामाच्या जन्मापूर्वि पासून मी आहे.”
59इ सुनिके उ सबेन्ह ईसू क मारइ क बरे बड़ा बड़ा पाथर उठाइ लिहन मुला ईसू लुकत छिपत मन्दिर स चला गवा।
59जेन्हा येशू असे बोलला तेव्हा लोकांनी त्याला मारण्यासाठी दगड उचलले. पण येशू गुप्त झाला आणि नंतर मंदिरात निघून गेला.