Awadhi: NT

Marathi

Luke

22

1अब फसइ नाउँ क बे खमीरे क रोटी क त्यौहार आवइ क रहा।
1नंतर बेखमीर भाकरीचा सण ज्याला वल्हांडण म्हणतात, तो समय जवळ येत होता.
2ओहॅर मुख्य याजकन अउर धरम सास्तिरियन काहेकि मनइयन स डेरात रहेन एह बरे कउनो अइसे चाल क ताक मँ रहेन जेहसे उ ईसू क मारि डावइँ।
2आणि मुख्य याजक, नियमशास्त्राचे शिक्षक, येशूला कसे मारता येईल हे बघत होते. कारण त्यांना लोकांची भीति वाटत होती.
3फिन इस्करियोति कहावइवाला उ यहूदा मँ, जउन उन बारहु मँ एक रहा, सइतान समाइ गवा।
3नंतर सैतान यहूदामध्ये, ज्याला इस्कर्योत म्हणत, व जो बारा जणांपैकी एक होता, त्याच्यात शिरला.
4उ मुख्ययाजकन अउर सैनिकन क लगे गवा अउर ओनसे ईसू क कइसे पकड़वाइ सकत ह, इ बारे मँ बातचीत किहेस।
4यहूदा मुख्य याजक व मंदिराचे अधिकारी यांच्याकडे गेला आणि येशूला त्यांच्या हाती कसे धरुन देता येईल याविषयी त्याने बोलणी केली.
5उ सबइ बहोत खुस भएन अउर ओका ऍकरे बरे धन देइ क राजी होइ गएन।
5त्यांना फार आनंद झाला व त्यांनी त्याला पैसे देण्याचे मान्य केले.
6उ भी राजी होइ गवा अउर उ अइसे अउसरे क ताड़ मँ रहइ लाग जब भीड़-बड़ी न होइ अउर उ ईसू का ओकरे हथवा मँ धराइ देइ।
6म्हणून त्याने संमति दर्शविली आणि तो येशूला गर्दी नसेल तेव्हा धरुन त्यांच्या हाती देण्याची संधि शोधू लागला.
7फिन बे खमीर क रोटी क उ दिन आवा जब फसह क मेमने क बलि दीन्ह जात ह।
7बेखमीर भाकरीचा सण, ज्या दिवशी वल्हांडणाचे कोकरु मारावयाचे तो दिवस आला.
8तउ उ इ कहत भवा पतरस अउर यूहन्ना क पठएस, “जा अउर हमरे बरे फसह क भोज तइयार करा जेसे हम पचे ओका खाइ सकी।”
8तेव्हा त्याने पेत्र व योहान यांना सांगून पाठविले की, “जा आणि आपणांसाठी वल्हांडण सणाचे भोजन तयार करा म्हणजे आपण ते खाऊ.”
9उ सबइ ओसे पूछेन, “तू हम पचन स ओकर तइयारी कहाँ करावइ चाहत ह” उ ओनसे कहेस,
9पेत्र व योहान येशूला म्हणाले, “आम्ही ते कोठे करावे अशी तुमची इच्छा आहे?”
10“तू जइसे ही सहर मँ घुसब्या तोहका पानी क गगरी लइ जात भवा एक मनई मिली, ओकरे पाछे होइ जाया अउ प जउन घरे मँ उ जाइ तू भी पाछे चला जाया।
10तो त्यांना म्हणाला, “तुम्ही नगरात प्रवेश कराल तेव्हा पाण्याचे भांडे घेऊन जाणारा एक मनुष्य तुम्हांला भेटेल. तो ज्या घरात जाईल तेथे जा.
11अउर घरे क स्वामी स कह्या ‘गुरु, तोहसे पूछेस ह कि उ मेहमान क कमरा कहाँ बा जहाँ मइँ आपन चेलन क संग फसह क भोज क खइया क खाइ सकउँ।’
11आणि घरमालकांस सांगा, “गुरुजींनी तुम्हांला विचारले आहे की, माझ्या शिष्यांसह वल्हांडण सणाचे भोजन करता येईल ती पाहुण्यांची खोली कोठे आहे?’
12फिन उ मनई सिढ़ियन क ऊपर तोहका सजा सजावा एक बड़ा कमरा देखॉई, हुवँई तइयारी कर्या।”
12तो मनुष्य तुम्हांला माडीवरील सजविलेली खोली दाखवील. तेथे तयारी करा.”
13उ पचे चल पड़ेन अउर वइसा ही पाएन जइसा उ ओनका बताए रहे। फिन उ पचे फसह क भोज क तइयार किहेन।
13तेव्हा पेत्र व योहान तेथून निघाले. जसे येशूने सांगितले तसेच सर्व घडले तेव्हा त्यांनी वल्हांडणाच्या भोजनाची तयारी केली.
14फिन उ घड़ी आइ तब ईसू खाइ बरे बइठा अउर प्रेरितन ओनके साथ बइठेन।
14वेळ झाली तेव्हा येशू त्याच्या शिष्यांसह भोजनास बसला.
15उ ओनसे कहेस, “यातना झेलइ स पहिले इ फसह क भोज संग करइ क मोर प्रबल इच्छा रही।
15तो त्यांना म्हणाला, “मी दु:ख भोगण्यापूर्वी तुमच्याबरोबर वल्हांडण सणाचे भोजन घ्यावे अशी माझी फार इच्छा होती.
16काहेकि मइँ तोहसे कहत हउँ कि जब तलक परमेस्सर क राज्य मँ फसह क भोज का पूरा मतलब न समझ लिया तब तलक मइँ ऍका दूसरी दाई न खाब।”
16कारण मी तुम्हांस सांगतो की, देवाच्या राज्यात हे परिपूर्ण होईपर्यंत मी पुन्हा हे भोजन करणार नाही.”
17फिन उ खोरा उठाइके धन्यबाद दिहेस अउर कहेस, “ल्या ऍका आपुस मँ बाँटि ल्या।
17नंतर त्याने पेला घेतला आणि उपकार मानले. तो म्हणाला, “हे घ्या, आणि आपसात वाटून घ्या.
18काहेकि मइँ तोहसे कहत हउँ आजु क पाछे जब ताई परमेस्सर क राज्य नाहीं आइ जात मइँ कइसी भी दाखरस कबहुँ न पिअब।”
18कारण मी तुम्हांस सांगतो की, देवाचे राज्य येईपर्यंत यापुढे मी द्राक्षफळांचा रस घेणार नाही.”
19फिन उ तनिक रोटी लिहस अउर धन्यबाद दिहस। उ रोटी का तोड़ेस अउर ओनका देत भवा कहेस, “इ मोर देह अहइ जउन तोहरे बरे दीन्ह ग अहइ। मोरे याद मँ अइसा ही कर्या।”
19नंतर त्याने भाकर घेतली आणि उपकार मानले. त्याने ती मोडली आणि त्यांना दिली व म्हणाला, “हे माझे शरीर आहे जे तुम्हांसाठी दिले आहे. माझ्या आठवणीसाठी हे करा.”
20अइसे ही जब उ पचे भोजन कइ चुकेन तउ उ खोरा उठाएस अउर कहेस, “इ दाखरस मोरे उ लहू क रूप मँ एक नवा करार क प्रतीक अहइ जउन तोहरे बरे उड़ेला गवा अहइ।”
20त्याचप्रमाणे त्यांचे भोजन झाल्यावर त्याने प्याला घेतला आणि म्हणाला, “हा प्याला माझ्या रक्तात नवा करार आहे, जो तुमच्यासाठी ओतला जात आहे.”
21“मुला देखा, मोका जउन धोखा स पकड़वाइ, ओकर हाथ हिअँइ मेजे प मोर संग अहइ।
21परंतु पाहा! माझा विश्वासघात करणाऱ्याचा हात माझ्याबरोबरच मेजावर आहे.
22काहेकि मनई क पूत तउ मारा ही जाइ जइसा कि तइ अहइ मुला धिक्कार उ मनई क अहइ जेकरे जरिए उ पकड़वाइ जाइ।”
22कारण मनुष्याचा पुत्र जसे निश्चित केले आहे, त्याप्रमाणे मरावयास जाईल. परंतु ज्याने त्याचा विश्वासघात केला आहे, त्याचा धिश्चार असो.”
23ऍह पइ उ आपुस मँ एक दुसरे स सवाल करइ लागेन, “ओहमाँ स उ कउन होइ सकत ह जउन अइसा करइ जात अहइ?”
23आणि ते आपापसात एकमेकाला प्रश्न विचारु लागले, “हे करणारा आपणापैकी कोण असावा?”
24फिन ओहमाँ इ बात भी उठी कि ओहमाँ स सब स बड़कवा केका समुझा जावइ
24ततेच, त्यांच्यामध्ये अशासंबंधी वाद निर्माण झाला की, त्यांच्यामध्ये सर्वांत श्रेष्ठ कोण आहे.
25मुला ईसू ओनसे कहेस, “गैर यहूदियन क राजा ओन प रुतवा राखत हीं अउर उ सबइ जउन ओन प हुकुम चलावत हीं, खुद मनइयन क ‘उपकारी’ कहवावत हीं।
25पण येशू त्यांना म्हणाला, विदेश्यांचे राजे त्यांच्या लोकांवर (प्रजेवर) सत्ता गाजवितात. इतर लोकांवर अधिकार असणारी माणसे लोकांनी त्यांना लोकांचे उपकारकर्ते म्हणण्यास भाग पाडतात. (स्वत:ला उपकारकर्ते म्हणवून घेतात.)
26मुला तू वइसे नाहीं अहा तउ भी तोहमाँ स सब स बड़कावा सब ते छोटकवा जइसा होइ चाही अउर जउन राज करत ह ओका चाकर क नाईं होइ चाही।
26परंतु तुम्ही तसे नाही. त्याऐवजी तुमच्यातील सर्वांत मोठा असलेल्याने सर्वांत लहान व्हावे व जो अधिकारी आहे त्याने सेवक व्हावे.
27काहेकि बड़कवा कउन अहइ: उ जउन खाइ क मेज प बइठा अहइ या उ जउन परसत ह का उहइ नाहीं जउन मेज प अहइँ मुला तोहरे बीच मइँ वइसा हउँ जउन परोसत ह!
27तेव्हा मोठा कोण: जो मेजावर बसतो तो की जो सेवा करतो तो? जो मेजावर बसतो तो नाही का? परंतु मी तुम्हांमध्ये सेवा करणारासारखा आहे.
28मुला तू उ सबइ अहा जउन मोरी परीच्छा मँ मोर साथ दिहा ह।
28परंतु माझ्या परीक्षेमध्ये माझ्या पाठीशी उभे राहिलेले असे तुम्हीच आहात.
29अउर मइँ तोहका वइसे ही एक राज्य देत अही जइसे मोर परमपिता ऍका मोका दिहे रहेन।
29ज्याप्रमाणे माझ्या पित्याने माझी नियुक्ति केली तशी मी तुमची नियुक्ति राज्यावर करतो.
30काहेकि मोरे राज्य मँ तू मोरे मेज प खा अउर पिआ अउर इस्राएल क बारहू जनजातिन क निआव करत भवा सिंहासने प बइठा।
30म्हणून तुम्ही माझ्या राज्यात माझ्या मेजावर खावे व प्यावे आणि आसनावर बसून इस्राएलाच्या बारा वंशाचा न्याय करावा.
31‘समौन, ओ समौन! सुना, तू सबन क गोहूँ क तरह फटकइ बरे सइतान चुन लिहे बा।
31शिमोना, शिमोना, ऐक! सैतानाने तुम्हांला गव्हासारखे चाळावे म्हणून मागितले आहे.
32मुला मइँ तोहरे बरे पराथना कीन्ह ह कि जेहसे की परमेस्सर पर तोहार बिसवास खतम न होइ अउर जब तू वापस आवा तउ तोहरे भाइयन क ताकत बढ़इ।”
32परंतु शिमोना, तुझा विश्वास ढळू नये, म्हणून मी तुझ्यासाठी प्रार्थना कसून केली आहे आणि तू पुन्हा माझ्याकडे वळलास म्हणजे तुझ्या भावांस स्थिर कर.
33मुला समौन ओसे कहेस, “पर्भू, मइँ तोहरे संग जेल जाइ अउर मरइ तलक तइयार अहउँ!”
33परंतु शिमोन पेत्र त्याला म्हणाला, “प्रभु, मी तुझ्याबरोबर तुरुंगात जाण्यासाठी व मरण्यासाठी तयार आहे.”
34फिन ईसू कहेस, “पतरस मइँ तोहसे बतावत हउँ कि आजु तब तलक मुर्गा बाँग न देइ जब ताईं तू तीन दाईं मना नाहीं कइ लेब्या कि तू मोका जानत ह!”
34पण येशू म्हणाला, “पेत्रा, मी तुला सांगतो, तू मला ओळखतोस हे तीन वेळा नाकारीपर्यंत आज कोंबडा आरवणार नाही.”
35फिन ईसू आपन चेलन स कहेस, “मइँ तोहका जब वे बटुआ बे थैली या बे चप्पल क पठए रहेउँ तउ का तोहका कउनो चीजे क कमी रही?” उ पचे कहेन, “कउनो चीजे क नाहीं।”
35येशू शिष्यांना म्हणाला, “जेव्हा मी तुम्हांला थैली, पिशवी व वहाणांशिवाय पाठविले, तेव्हा तुम्हांस काही कमी पडले का?” ते म्हणाले, “काहीही नाही.”
36उ ओनसे कहेस, “मुला अब जउन कउनो क लगे भी कउनो बटुआ अहइ, उ ओका लइ लेइ अउर थैला भी लइ लेइ अउर उ थैला क भी लइके चलइ। जेकरे लगे तरवार न होइ, उ आपन चोगा तलक बेंचिके ओका बेसहि लेइ।
36तो त्यांना म्हणाला, “पण आता, ज्याच्याजवळ थैली आहे त्याने ती घ्यावी व त्याने पिशवीसुद्धा घ्यावी. आणि ज्याच्याजवळ तलवार नाही त्याने आपला झगा विकावा आणि एक विकत घ्यावी.
37काहेकि मइँ तोहका बतावत हउँ कि पवित्तर सास्तर क इ लिखा मोह प सचमुच ही पूरा होइ जाइ: ‘उ एक अपराधी माना गवा।’ यसायाह 53:12 हाँ मोरे बारे मँ लिखी गइ इ बात पूरा होइ जाइ प आवति अहइ।”
37कारण मी तुम्हांस सांगतो, हा शास्त्रभाग माझ्यामध्ये परिपूर्ण झालाच पाहिजे: “आणि तो अपराधी असा गणला गेला.’ यशया 53:12 होय, हा माझ्याविषयीचा संदर्भ पूर्ण होत आहे.”
38उ सबइ कहेन, “पर्भू, देखा हिआँ दुइ तरवार अहइँ!” ऍह प ओनसे कहेस, “बस बहोत अहइ।”
38ते म्हणाले, “प्रभु, पहा, येथे दोन तरवारी आहेत.” तो त्यांना म्हणाला, “तेवढे पुरे!”
39[This verse may not be a part of this translation]
39तो निघाला आणि नेहमीप्रमाणे जैतूनाच्या डोंगराकडे गेला व शिष्यही त्याच्या मागोमाग गेले.
40[This verse may not be a part of this translation]
40तो त्या ठिकाणी आला तेव्हा त्यांना म्हणाला, “तुम्ही मोहात पडू नये म्हणून प्रार्थना करा.”
41फिन उ ओनसे पाथर फेंकई क तरह पूरी दूरी तक चला गवा। फिन उ घुटना क सहारे निहुरा अउर पराथना करइ लाग,
41तो त्यांच्यापासून दगडाच्या टप्प्याइतका दूर गेल्यानंतर त्याने गुडघे टेकले. आणि अशी प्रार्थना केली,
42“हे परमपिता, अगर तोहार इच्छा होइ इ यातना क कटोरा मोहसे दूर हटावा मुला फिन भी नाहीं बल्कि तोहार इच्छा पूरा होई।”
42“पित्या, जर तुझी इच्छा असेल तर हा प्याला माइयाकडून घे. तरी माझ्या इच्छेप्रमाणे नको तर तुझ्या इच्छंप्रमाणे होऊ दे.”
43तबहीं एक सरगदूत हुवाँ परगट भवा अउर ओका सक्ती देइ लाग।
43स्वर्गातून एक देवदूत आला व तो त्याला सामर्थ्य देत राहिला
44ओहर ईसू ब्याकुल होइके बड़े आग्रह पूर्वक पराथना करइ लाग। ओकर पसीना लोहू क बूँदे क नाईं धरती पइ गिरत रहा।
44दु;खाने ग्रासलेला असतानासुद्धा त्याने अधिक काकुळतीने प्रार्थना केली. आणि त्याचा घाम रक्ताच्या थेंबासारखा जमिनीवर पडत होता.
45अउर जब उ पराथना स उठिके आपन चेलन क लगे आवा तउ उ ओनका दुःखे मँ थकिके सोवत पावा।
45आणि जेव्हा प्रार्थना करुन तो उठला आणि शिष्यांकडे आला तेव्हा ते त्यांच्या दु:खामुळे थकून जाऊन झोपी गेलेले आढळले.
46तउ उ ओनसे कहेस, “तू पचे सोवत काहे अहा? उठा अउर पराथना करा कि तू कउनो परीच्छा मँ न पड़ा।”
46तो त्यांना म्हणाला, “तुम्ही का झोपत आहात? उठा, आणि मोहात पडू नये म्हणून प्रार्थना करा.”
47उ अबहीं बोलत ही रहा कि एक भीड़ जमा होइ गइ। यहूदा नाउँ क एक मनई जउन बारहु मँ स एक रहा, ओनकइ अगुवई करत रहा। उ ईसू क चुम्मा लेइ ओकरे लंगे आवा।
47तो बोलत असता लोकांचा जमाव आला. आणि बारा शिष्यातील यहूदा इस्कर्योत म्हटलेला एक जण त्यांच्यापुढे चालत होता. येशूचे चुंबन घेण्यासाठी तो त्याच्याजवळ आला.
48मुला ईसू ओनसे कहेस, “अरे यहूदा का तू एक चुम्मा स मनई क पूत क धोखा दइके पकड़वावइ जात अहा?”
48परंतु येशू त्यास म्हणाला, “यहूदा, चुंबन घेऊन मनुष्याच्या पुत्राचा तू विश्वासघात करतोस काय?”
49जउन घटइ जात रहा, ओका लखिके ओकरे नगिचे क मनइयन कहेन, “पर्भू का हम पचे तरवारि क वार करी?”
49त्याच्याभोवती जे होते ते काय होणार हे पाहून म्हणाले, “प्रभु. आम्ही तलवारीने मारावे काय?”
50अउर ओहमाँ स एक तउ महायाजक क नउकर प वारि कइके ओकर दाहिन कान काट डाएस।
50त्यांच्यापैकी एकाने मुख्य याजकाच्या नोकरावर वार केला आणि त्याचा उजवा कान कापला.
51मुला ईसू फउरन कहेस, “ओनका इ भी करइ द्या।” फिन ईसू ओकर कनवा छुइके चंगा किहेस।
51येशूने उत्तर दिले, “असे काही करु नका. त्याने त्याच्या कानाला स्पर्श केला व त्याला बरे केले.
52फिन ईसू ओह प चढ़ाई करइ आएन मुख्ययाजकन, मन्दिर क सैनिकन अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन स कहेस, “का तू तरवारि अउर लाठिन लइके कउनो डाकू क मुकाबला करइ निकरा अहा?
52नंतर येशू मुख्य याजक, मंदिराचे मुख्य अधिकारी आणि वडील जे त्याच्यावर चालून आले होते, त्यांना म्हणाला, “तुम्ही तलवारी आणि सोटे घेऊन माझ्यावर चालून आलात, जसा काय मी लुटारु आहे.
53मन्दिर मँ मइँ हर दिन तोहरे ही संग रहेउँ, मुला तु मोह पइ हाथ नाहीं राख्या। मुला इ समइ तोहार अहइ-अँधियारे (पाप) क हुकुम क काल।”
53मी तर तुम्हांबरेबर दररोज मंदिरात असे आणि तुम्ही माझ्यावर हात टाकला नाही. परंतु ही तुमची आणि अंधाराची राज्य करण्याची वेळ आहे.”
54उ पचे ओका कैदी बनाइ लिहन अउर हुवाँ स लइ गएन। फिन उ सबइ ओका महायाजक क घर लइ गएन। पतरस कछू दूरी प ओकरे पाछे पाछे आवत रहा।
54त्यांनी त्याला अटक केली व ते त्याला मुख्य याजकाच्या घरी घेऊन गेले. पण पेत्र दुरुन त्यांच्या मागे चालला.
55अँगने क बीच उ पचे आगी सुलगएन अउर एक साथे खाले बैठि गएन। पतरस भी हुवँई ओनही मँ बइठा रहा।
55त्यांनी अंगणाच्या मध्यभागी विस्तव पेटविला, आणि त्याच्याभोवती बसले. पेत्रही त्यांच्यात बसला.
56आगी क रोसनी मँ एक नउकरानी ओका हुवाँ बइठे लखेस। उ ओह पइ आँखी गड़ावत भइ कहेस, “इ मनई तउ ओकरे साथे भी रहा।”
56एका दासीने तेथे त्याला विस्तवाच्या उजेडात बसलेले पाहिले. तिने त्याच्याकडे निरखून पाहिले आणि ती म्हणाली, “हा मनुष्यही त्याच्याबरोबर होता.”
57मुला पतरस इन्कार करत भवा कहेस, “हे स्त्री, मइँ ओका नाहीं जानत हउँ।”
57पेत्र ते नाकारुन म्हणाला, “बाई, मी त्याला ओळखत नाही!”
58तनिक दरे पाछे एक ठु दूसर मनई ओका लखेस अउर कहेस, “तू भी ओनही मँ स एक अहइ।” मुला पतरस बोला, “भल मनई, मइँ उ नाहीं हउँ।”
58थोड्या वेळानंतर दुसऱ्या मनुष्याने त्याला पाहिले आणि म्हणाला, “तू सुद्धा त्यांच्यापैकी एक आहेस!” पण पेत्र म्हणाला, “गृहस्था, मी नाही!”
59कउनो लगभग एक घड़ी बीत भइ होइ कि कउनो अउर भी जोर स कहइ लाग, “सचमुच ही इ मनई ओकरे संग भी रहा। काहेकि लखा उ गलील वासी भी अहइ।”
59नंतर सुमारे एक तास झाल्यावर आणखी एक जण ठामपणे म्हणाला, “खात्रीने हा मनुष्यसुद्धा त्याच्याबरोबर होता, कारण हा गालीलाचा आहे.”
60मुला पतरस बोला, “भल मनई, मइँ नाहीं जानता हउँ तू केकरे बारे मँ बतियात अहा!” उहइ घड़ी, उ अबहीं बातन करत ही रहा कि एक ठु मुर्गा बाँग दिहस।
60परंतु पेत्र म्हणाला, “गृहस्था तू काय बोलतोस ते मला कळत नाही!” तो बोलत असताना त्याच क्षणी कोंबडा आरवला.
61अउर पर्भू मुड़िके पतरस पइ आँखी गड़ाएस। तबहिं पतरस क पर्भू क उ वचन याद आवा जउन उ ओसे कहे रहा: “आजु मुर्गा क बाँग देइ स पहिले मोका तीन दाई मुकरि जाब्या।”
61आणि प्रभुने वळून पेत्राकडे पाहिले. पेत्राला प्रभूने उच्चारलेले वाक्य आठवले. “आज कोंबडा आरवण्यापूर्वी तू तीन वेळा माल नकारशील,” असे सांगितलेले त्याला आठवले.
62तब उ बाहेर चला गवा अउर फूटि फूटि को रोवइ लाग।
62मग तो बाहेर गेला आणि अतिदु:खाने रडला.
63[This verse may not be a part of this translation]
63येशूवर पहारा देणाऱ्या लोकांनी त्याचा उपहास करायला व त्याला मारायला सुरुवात केली.
64[This verse may not be a part of this translation]
64त्यांनी त्याचे डोळे बांधले, व त्याला प्रश्न विचारु लागले. ते म्हणाले, “ओळख बघू! तुला कोणी मारले?”
65उ सबइ ओका बेज्जत करइ बरे ओसे अउर भी बातन कहेन।
65आणि ते त्याचा अपमान करण्यासाठी आणखी पुष्कळ काही बोलले.
66जबहिं दिन भवा कि मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन संग मनइयन क बुजुर्ग नेतन क एक सभा भइ। फिन उ पचे ओका आपन महासभा मँ लइ गएन।
66दिवस उगवला तेव्हा वडील लोकांची म्हणजे त्यात दोन्ही प्रकारचे लोक, मुख्य याजक, व नियमशास्त्राचे शिक्षक यांची सभा भरली. आणि ते त्याला त्यांच्या सभेत घेऊन गेले.
67उ सबइ पूछेन, “हमका बतावा का तू मसीह अहा?” ईसू ओनसे कहेस, “जदि मइँ तोहसे कहउँ तउ तू मोर बिसवास नाहीं करब्या।
67ते म्हणाले, “जर तू ख्रिस्त आहेस तर आम्हांला सांग.” येशू त्यांना म्हणाला, “जरी मी तुम्हांला सागितले तरी तुम्ही माझ्यावर विश्वास ठेवणार नाही.
68अउर जदि मइँ पूछउँ तउ तू जवाब नाहीं देब्या।
68आणि जरी मी तुम्हांला प्रश्न विचारला तरी तुम्ही उत्तर देणार नाही.
69मुला अब स मनई क पूत सबन स सक्तीवाला परमेस्सर क दाहिन कइँती बइठाइ जाइ।”
69पण आतापासून मनुष्याचा पुत्र सर्वसमर्थ देवाच्या उजवीकडे बसलेला असेल.”
70उ पचे बोलेन, “तब तउ का तू परमेस्सर क पूत अहा?” उ कहेस, “हाँ, मइँ हउँ।”
70ते सर्व म्हणाले, “तर मग तू देवाचा पुत्र आहेस काय? त्याने त्यांना उत्तर दिले, “मी आहे असे तुम्ही म्हणता ते बरोबर आहे.”
71फिन उ पचे कहेन, “अब हमका कउनो अउर प्रमाण क जरूरत नाहीं अहइ? हम पचे खुद एकरे आपन मुँहना स इ सुन तउ लिहा ह।”
71मग ते म्हणाले, “आता आपल्याला आणखी साक्षीची काय गरज आहे? आपण स्वत: त्याच्या तोंडचे शब्द ऐकले आहेत.”