1अइसा भवा कि ईसू आपन बारहु चेलन क इ तरह समझाइके हुवाँ स चला गवा अउर गलील देस क सहरन मँ उपदेस देत अउर प्रचार करत लाग।
1येशूने त्याच्या बारा शिष्यांना ह्या गोष्टी सांगण्याचे संपविल्यावर तो तेथून निघाला आणि गालील प्रांतातील गावांमध्ये फिरून शिकवू आणि उपदेश करू लागला.
2यूहन्ना जब जेल मँ मसीह क काम क बारे मँ सुनेस तउ उ आपन चेलन स संदेस पठइके पूछेस,
2बाप्तिस्मा करणारा योहान तुरूंगात होता. त्याने ख्रिस्त करीत असलेल्या गोष्टीविषयी ऐकले. तेव्हा योहानाने काही शिष्यांना येशूकडे पाठविले.
3“का तू उहइ अहा, जउन आवइवाला रहा, या हम पचे कउनो अउर आवइवाला क बाट जोही?”
3आणि त्याला विचारले, “जो येणार होता, तो तूच आहेस? किंवा आम्ही दुसऱ्याची वाट पाहावी?”
4ईसू जवाबे मँ ओनसे कहेस, “जउन कछू तू सबइ सुनत अहा, अउर देखत अहा, जाइके यूहन्ना क बतावा कि,
4येशूने उत्तर दिले, “जे तुम्ही ऐकता व पाहता ते योहानाला जाऊन सांगा.
5अँधरे क आँखी मिलति अहइँ, लूला लगँड़ा चल पावत अहइँ, कोढ़ी चंगा होत अहइँ, बहिर सुनत अहइँ अउ मुर्दा जिआइ जात अहइँ अउर गरीबन मँ सुसमाचार क प्रचार कीन्ह जात अहइ।
5आंधळे पाहू शकतात. पांगळे चालताल. कुष्ठरोगी शुद्ध केले जातात, बहिरे ऐकतात, मेलेले उठविले जातात व गरिबांना सुवार्ता सांगण्यात येते.
6उ धन्य अहइ जउन मोका अपनाइ सकत ह।”
6धन्य तो पुरूष जो माझ्यामुळे अडखळत नाही.”
7जब यूहन्ना क चेलन हुवाँ स जात रहेन तउ ईसू भीड़ मँ यूहन्ना क बारे मँ कहइ लाग, “तू पचे इ उसरे मँ का निहारइ आइ अहा? का कउनो सरपत? जउन हवा स उड़ि जात बा।
7मग ते जात असता येशू योहानाविषयी लोकांशी बोलू लागला, “तुम्ही वैरण प्रदेशात काय पाहायला गेला होता? वाऱ्याने हलविलेला बोरू काय?
8नाहीं, तउ फिन का देखइ आइ अहा? का एक मनई? जउन बहोत बढ़िया ओढ़ना पहिरे बा? देखा जउन उत्तिम बस्तर पहिरत हीं, उ सबइ तउ राजा क महले मँ मिलत हीं।
8तुम्ही काय पाहायला गेला होता? तलम वस्त्र घातलेल्या माणसाला पाहायला गेला होता काय? तलम वस्त्र घालणारे राजांच्या राजवाड्यात असतात.
9तउ तू सबइ का निहारइ आइ अहा? का कउनो नबी? हाँ, मइँ तोहका बतावत हउँ कि जेका तू देख्या ह उ कउनो भी नबी स जिआदा अहइ।
9तर मग तुम्ही बाहेर कशाला गेला होतात? संदेष्ट्याला पाहायला काय? होय. मी तुम्हांला सांगतो, आणि संदेष्ट्यांपेक्षा अधिक असा योहान होता.
10इ उहइ अहइ जेकरे बारे मँ पवित्तर सास्तर मँ लिखा बाटइ: ‘देखा, मइँ तोहसे पहिले ही आपन दूत पठवत हउँ। उ तोहरे बरे राह बनाई।’ मलाकी 3:1
10त्याच्याविषयी असे लिहिण्यात आले आहे: ‘पाहा, मी माझ्या दूताला तुझ्यापुढे पाठवितो तो तुझ्यासाठी मार्ग तयार करील.’ मलाखी 3:1
11मइँ तोहसे सच कहत हउँ बपतिस्मा देवइया यूहन्ना त बड़वार कउनो मनई पइदा नाहीं भवा। फिन भी सरगे क राज्य मँ छोट त छोट मनई भी यूहन्ना स बड़कवा अहइ।
11मी तुम्हांला खरे सांगतो की, स्त्रीयांपासून जन्मलेल्यांमध्ये बाप्तिस्मा करणारा योहान याच्यापेक्षा मोठा असा कोणी झाला नाही, तरीही स्वर्गाच्या राज्यात जो अगदी लहान आहे तो त्याच्यापेक्षा मोठा आहे.
12बपतिस्मा क देवइया यूहन्ना क समइ स आज तलक सरगे क राज्य खौफनाक हमला झेलत रहा अहइ अउ हिंसा करवइया ओका छीन चाहत हीं।
12बाप्तिस्मा करणाऱ्या योहानाच्या काळापासून आतापर्यंत लोक स्वर्गाच्या राज्याचा स्वीकार व प्रसार प्रभावीपणे करीत आहेत.
13यूहन्ना क आवइ तलक सारे नबियन अउर मूसा क व्यवस्था इ भविस्सबाणी किहेन,
13कारण योहानापर्यत सर्व संदेष्टे व नियमशास्त्र यांनी संदेश दिले.
14अउर जदि तुम व्यवस्था अउर नबियन जउन कछू कहइ, ओका स्वीकार करने क तैयार ह तउ जेकरे आने की भविस्सबाणी की गयी थी इ यूहन्ना उहइ एलिय्याह बाटइ।
14आणि जर तुम्ही ते स्वीकारण्यास तयार असाल तर येणारा एलीया तो हाच आहे.
15जउन सुनि सकत होइ, उ सुनि लेइ।
15ज्याला ऐकायला कान आहेत तो ऐको.
16“आजु क इ पीढ़ी क तुलना मइँ कउने स करउँ? उ सबइ बाजारे मँ वइठा भवा ओन गदेलन क नाईं अहइँ जउन एक दूसर क नरियाइके कहत रहेन,
16“या पिढीला मी कोणती उपमा देऊ? जी बाजारात बसून आपल्या सोबात्यांना हाक मारतात त्यांच्यासारखी ही पिढी आहे.
17‘हम तोहरे बरे बाँसुरी बजावा, मुला तू नाच्या नाहीं। हम पचे सोकगीत गावा मुला तू रोया नाहीं।
17ती म्हणतात, ‘आम्ही तुमच्यासाठी संगीत वाजविले तरी तुम्ही नाचला नाहीत आम्ही विलाप केला तरी तुम्ही ऊर बडवून घेतले नाही.’
18बपतिस्मा देवइया यूहन्ना आवा। जउन अउरन क नाईं खात रहा अउर न पिअत रहा। मुला लोग कहे रहेन, ‘ओहमा दुस्ट आतिमा समाइ गइ अहइ।’
18योहान काही न खाता व पिता आला, पण ते म्हणतात ‘त्याला भूत लागले आहे.’
19फिन मनई क पूत आवा। जउन अउरन क नाईं खात-पिअत ह, मुला मनई कहत हीं, ‘इ मनई क देखा, ई पेटू अहइ, पिअक्कड़ बाटइ। इ चुंगी क उगहिया अउर पापी क मीत अहइ।’ मुला बुद्धि क चमत्कार काम स सिद्ध होइ जात ही।”
19इतरांप्रमाणेच मनुष्याचा पुत्र खात पीत आला. लोक म्हणतात, पाहा हा किती खातो? किती पितो? जकातदार व पापी लेकांचा मित्र, परन्तु ज्ञानाची योग्याता त्याच्याद्वारे घडणाऱ्या योग्य गोष्टीमुळे ठरते.”
20फिन ईसू ओन नगरन क धिक्कारेस, जेहमाँ उ ढेर अद्भुत कारजन किहेस। काहेकि हुवाँ क मनइयन आपन पाप करबँ नाहीं छोड़ेन अउर मनफिराव नाहीं करेन।
20तेव्हा ज्या नगरांमध्ये त्याने सर्वात जास्त चमत्कार केले होते त्या नगरांतील लोकांनी पश्चात्ताप केला नाही, म्हणून येशूने त्यांना दोष दिला.
21ईसू कहेस, “अरे अभगे खुराजीन अरे अभगे बैतसैदा जउन अद्भुत कारजन तोहमा कीन्ह गएन जदि उ सबइ काम सूर अउ सैदा मँ कीन्ह जातेन तउ हुवाँ क मनई बहोत पहिले टाट क कपरा ओढ़िके सोक बरे अउर देह प राखि लगाइके दुख क परगट करत मनफिराव कइ चुका होतेन।
21“हे खोराजिना, तुझा धिक्कार असो, हे बेथसैदा तुझा धिक्कार असो, कारण तुमच्यामध्ये जी पराक्रमाची कृत्ये करण्यात आली ती जर सोर व सिदोन यांच्यामध्ये केली असती तर त्यांनी त्वरेने पूर्वीच गोणपाट नेसून व अंगाला राख फासून पश्चात्ताप केला असता.
22मुला मइँ तू सब लोगन स कहत हउँ कि निआव क दिन सूर अउर सैदा क दसा तोहसे जिआदा सहइ बरे जोग्ग होई।
22पण मी तुम्हांला सांगतो की, न्यायाच्या दिवशी सोर व सिदोन यांना तुमच्यापेक्षा अधिक सोपे जाईल.
23अउर अरे कफरनहूम का तू सोचत ह कि तोहका सरगे क महिमा तलक ऊँचे उठावा जाई? तू तउ अधोलोक मँ नरक तलक जाब्या। काहेकि जउन अद्भुत कारजन तोहमा कीन्ह गएन, जदि उ सबइ सदोम मँ कीन्ह जातेन तउ उ नगर आज तलक टिका होत।
23आणि तु कफर्णहूमा, तू आकाशापर्यंत उंच होशील काय? तू नरकापर्यंत खाली जाशील, कारण जे चमत्कार तुझ्यामध्ये करण्यात आले ते जर सदोमात करण्यात आले असते तर ते शहर आतापर्यत टिकले असते.
24मुला मइँ तोहका बतावत हउँ कि निआव क दिन तोहरे मनइयन क दसा ते सदोन क दसा कहूँ नीक होई।”
24पण मी तुम्हांस सांगतो की, न्यायाच्या दिवशी तुमच्यापेक्षा सदोम नगराला सोपे जाईल.”
25उ समइया प ईसू कहेस, “परमपिता, तू सरग अउर धरती क पर्भू अहा, मइँ तोहार गुन गावत हउँ काहेकि तू इन बातन क, ओनमाँ स जउन गियानी अउर समझदार अहइँ, छुपाइके रखे अहा। अउ जउन भोला भाला अहइँ ओनके बरे परगट किए अहा।
25मग येशू म्हणाला, “हे पित्या, आकाशाच्या व पृथ्वीच्या प्रभु मी तुझे उपकार मानतो. कारण तू या गोष्टी ज्ञानी व बुद्धिमान लोकांपासून गुप्त ठेवून बालकांना प्रकट केल्या
26हाँ परमपिता इ यह बरे भवा काहे कि तू ही एका अच्छे स जानत अहा।
26होय पित्या, तू हे केलेस, कारण खरोखर तुला असेच करायचे होते.
27मोर परमपिता सब कछू मोका सौंप दिहेस अउर असिल मँ परमपिता क बजाय कउनो भी पूत क नाहीं जानत। अउर हर उ मनई परमपिता क जानत ह, जेकरे बरे पूत ओका परगट करइ चाहत ह।
27माझ्या पित्याने मला सर्व काही दिले आहे. आणि पित्यावाचून कोणी पुत्राला ओळखीत नाही, आणि पुत्रावाचून ज्याला प्रगट करायची पुत्राची इच्छा आहे त्याच्याशिवाय कोणीही पित्याला ओळखीत नाही.
28“अरे, ओ थका माँदा, बोझवा स दबान मनइयन मोरे लगे आवा। मइँ तोहका सुख चइन देब।
28जे थकलेले व ओझ्याने लादलेले असे सर्व तुम्ही मजकडे या आणि मी तुम्हांला विश्रांति देईन.
29मोर जुआ ल्या अउर आपन उपर धरा। फिन मोसे सीखा काहेकि मइँ सहल हउँ अउर मोर मनवा कोमल अहइ। तोहका भी आपस बरे सुख-चइन मिली।
29माझे जू आपणांवर घ्या, माझ्यापासून शिका, म्हणजे तुमच्या आत्म्यास विश्रांति मिळेल.
30काहेकि उ जुआ जउन मइँ तोहका देइत ह बहोत सहल बाटइ। अउर उ बोझावा जउन मइँ तोह पर डारत अही, हल्का बाटइ।”
30कारण माझे जू सोपे आहे आणि माझे ओझे हलके आहे.”