1भाइयो तथा बहिनियो, अब मइँ चाहत हउँ कि तू आतिमा क बरदान क बारे मँ जाना।
1ⲉⲑⲃⲉ ⲛⲓⲡⲛ̅ⲁ̅ⲧⲓⲕⲟⲛ ⲇⲉ ⲛⲁ⳿ⲥⲛⲏⲟⲩ ⳿ⲛϯⲟⲩⲉϣ ⲑⲏⲛⲟⲩ ⲁⲛ ⳿ⲉⲣⲉⲧⲉⲛⲟⲓ ⳿ⲛⲁⲧ⳿ⲉⲙⲓ..
2तू जानत अहा कि जब तू विधर्मी रह्या तब तोहे गूॅगी जड़ मूर्तियन कइँती जइसेन भटकावा जात रहा, तू वइसेन ही भटकत रह्य।
2ⲧⲉⲧⲉⲛ⳿ⲉⲙⲓ ϫⲉ ⲉⲣⲉⲧⲉⲛⲟⲓ ⳿ⲛⲉⲑⲛⲟⲥ ⲉⲣⲉⲧⲉⲛⲭⲏ ϧⲁ ⲛⲓ⳿ⲓⲇⲱⲗⲟⲛ ⳿ⲛⲁⲧ⳿ϧⲣⲱⲟⲩ ⲛⲁⲣⲉⲧⲉⲛⲙⲟϣⲓ ⳿ⲙ⳿ⲫⲣⲏϯ ⲉⲧⲁⲩ⳿ⲉⲛ ⲑⲏⲛⲟⲩ ⳿ⲉ⳿ϩⲣⲏⲓ ⳿ⲙⲙⲟϥ..
3तउन मइँ तोहे बतावत हउँ कि परमेस्सर क आतिमा क बोलइ वाला कउनउ इ नाही कहत, “ईसू क स्राप लगइ” अउर पवित्तर आतिमा क बगैर मदद द्वारा कहइवालन क न केउ इ कहि सकई, “ईसू पर्भू अहइ।”
3ⲉⲑⲃⲉ ⲫⲁⲓ ϯⲧⲁⲙⲟ ⳿ⲙⲙⲱⲧⲉⲛ ϫⲉ ⳿ⲙⲙⲟⲛ ⳿ϩⲗⲓ ⲉϥⲥⲁϫⲓ ϧⲉⲛ ⲡⲓⲡⲛ̅ⲁ̅ ⳿ⲛⲧⲉ ⲫϯ ϫⲱ ⳿ⲙⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲟⲩ⳿ⲁⲛⲁⲑⲉⲙⲁ ⲡⲉ Ⲓⲏ̅ⲥ̅ ⲟⲩⲟϩ ⳿ⲙⲙⲟⲛ ⳿ϣϫⲟⲙ ⳿ⲛⲧⲉ ⳿ϩⲗⲓ ϫⲟⲥ ϫⲉ Ⲡ⳪ Ⲓⲏ̅ⲥ̅ ⳿ⲓⲙⲏϯ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲡⲛ̅ⲁ̅ ⲉϥⲟⲩⲁⲃ..
4हर एक क आतिमा क अलग-अलग बरदान मिला बा। मुला ओनका देइवाली आतिमा तउ एक्कइ बा।
4ⲟⲩⲟⲛ ϩⲁⲛⲧⲟⲓ ⲇⲉ ⳿ⲙⲫⲱϣ ϣⲟⲡ ⳿ⲛⲧⲉ ϩⲁⲛ⳿ϩⲙⲟⲧ ⳿ⲉⲡⲁⲓⲡⲛ̅ⲁ̅ ⲣⲱ ⲡⲉ..
5सेवा कइउ तरह क निस्चित कीन्ह गइ बाटिन मुला हम सब जेकर सेवा करत अही उ पर्भू तउ एक ही अहइ।
5ⲟⲩⲟϩ ⲟⲩⲟⲛ ϩⲁⲛⲧⲟⲓ ⳿ⲙⲫⲱϣ ⲉⲩϣⲟⲡ ⳿ⲛⲧⲉ ϩⲁⲛⲇⲓ⳿ⲁⲕⲱⲛⲓ⳿ⲁ ⳿ⲉⲡⲁⲓ ⳪ ⲣⲱ ⲡⲉ..
6काम-काज बहुत स बतावा गवा बाटेन मुला सबहिं क बीच सब कामन क करइवाला उ परमेस्सर तउ एक ही अहइ।
6ⲟⲩⲟϩ ⲟⲩⲟⲛ ϩⲁⲛⲧⲟⲓ ⳿ⲙⲫⲱϣ ⳿ⲛⲧⲉ ϩⲁⲛ⳿ϩⲃⲏⲟⲩ⳿ⲓ ⳿ⲉⲡⲁⲓⲛⲟⲩϯ ⲣⲱ ⲡⲉ ⲉⲧⲉⲣϩⲱⲃ ⳿ⲛⲉⲛⲭⲁⲓ ⲛⲓⲃⲉⲛ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲟⲛ ⲛⲓⲃⲉⲛ..
7सब कउनो मँ आतिमा केउ न केउ रूपे मँ परगट होत ह जउन हर एक क भलाइ क बरे होत ह।
7ⲡⲓⲟⲩⲁⲓ ⲇⲉ ⲡⲓⲟⲩⲁⲓ ⲥⲉϯ ⲛⲁϥ ⳿ⲙ⳿ⲫⲟⲩⲱⲛϩ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲓⲡⲛ̅ⲁ̅ ⲕⲁⲧⲁ ⲡⲉⲧⲉⲣⲛⲟϥⲣⲓ..
8कउनो क आतिमा क जरिये परमेस्सर क गियान स युक्त भइ बोलइ क योग्यता दीन्ह गइ बा। तउ केउ क उही आतिमा क जरिये दिव्य गियान क प्रबचन क योग्यता।
8ⲟⲩⲁⲓ ⲙⲉⲛ ⲅⲁⲣ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲉⲛ ⲡⲓⲡⲛ̅ⲁ̅ ϣⲁⲩϯ ⲛⲁϥ ⳿ⲛⲟⲩⲥⲁϫⲓ ⳿ⲛⲥⲟⲫⲓⲁ ⲕⲉⲟⲩⲁⲓ ⲇⲉ ⳿ⲛⲟⲩⲥⲁϫⲓ ⳿ⲛ⳿ⲉⲙⲓ ⲕⲁⲧⲁ ⲡⲁⲓⲡⲛ̅ⲁ̅ ⲫⲁⲓ..
9अउर केउ क उही आतिमा द्वारा बिसवास क बरदान दीहा गवा बा तउ केउ क चंगा करइ क छमता ऊही आतिमा क जरिये दीन्ह गइ बा।
9ⲕⲉⲟⲩⲁⲓ ⲇⲉ ⳿ⲛⲟⲩⲛⲁϩϯ ϧⲉⲛ ⲡⲁⲓⲡⲛ̅ⲁ̅ ⲣⲱ ⲕⲉⲟⲩⲁⲓ ⲇⲉ ⳿ⲛϩⲁⲛ⳿ϩⲙⲟⲧ ⳿ⲛⲧⲁⲗϭⲟ ϧⲉⲛ ⲡⲁⲓⲡⲛ̅ⲁ̅ ⲣⲱ ⲟⲛ..
10अउर केउ दुसरे मनई क अद्भुत कारजन करइ क सक्ती दीन्ह गइ बा तउ केउ दूसरे क परमेस्सर कइँती स बोलइ क सामर्थ्य दीन्ह गवा बा। अउर केउ क मिली बा भली बुरी आतिमा क अन्तर क पहिचानइ क सक्ती कउनो क अलग-अलग भाखा बोलइ क सक्ती मिली भइ बा: तउ केउ क भाखा क बियाखिया कईके ओकर मतलब निकालइ क सक्ती।
10ⲕⲉⲟⲩⲁⲓ ⲇⲉ ⳿ⲛϩⲁⲛ⳿ϩⲃⲏⲟⲩ⳿ⲓ ⳿ⲛϫⲟⲙ ⲕⲉⲟⲩⲁⲓ ⲇⲉ ⲟⲩ⳿ⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲓⲁ ⲕⲉⲟⲩⲁⲓ ⲇⲉ ϩⲁⲛⲃⲱⲗ ⳿ⲙⲡⲛ̅ⲁ̅ ⲕⲉⲟⲩⲁⲓ ⲇⲉ ϩⲁⲛⲅⲉⲛⲟⲥ ⳿ⲛⲗⲁⲥ ⲕⲉⲟⲩⲁⲓ ⲇⲉ ⲟⲩⲉⲣⲙⲏⲛⲓⲁ ⳿ⲛⲗⲁⲥ..
11मुला इ उहई एक आतिमा बा जउन जेह-जेह क जइसेन-जइसेन ठीक समझत ह, देत भए इन सब बातन क पूरा कइ सकत ह।
11ⲛⲁⲓ ⲇⲉ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲡⲓⲟⲩⲁⲓ ⲉⲧⲉⲣϩⲱⲃ ⳿ⲛϧⲏⲧⲟⲩ ⲟⲩⲟϩ ⲡⲁⲓⲡⲛ̅ⲁ̅ ⲣⲱ ⲡⲉ ⲉϥⲫⲱϣ ⳿ⲙⲡⲓⲟⲩⲁⲓ ⲡⲓⲟⲩⲁⲓ ⲕⲁⲧⲁ ⳿ⲫⲣⲏϯ ⲉⲧⲉϩⲛⲁϥ..
12जइसेन हममें स हर एक क सरीर तउ एक्कइ बा, पर ओहमाँ अंग कइयउ बाटेन। अउर यद्यपि अंगन क कइयउ रहत भए ओनसे देह एकइ बनत ह वइसेन ही मसीह अहइ।
12ⲕⲁⲧⲁ ⳿ⲫⲣⲏϯ ⲅⲁⲣ ⲉⲧⲉ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ ⲟⲩⲁⲓ ⲡⲉ ⲟⲩⲟⲛⲧⲁϥ ⳿ⲛⲟⲩⲙⲏϣ ⳿ⲙⲙⲉⲗⲟⲥ ⳿ⲙⲙⲁⲩ ⲛⲓⲙⲉⲗⲟⲥ ⲇⲉ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ ⲉⲩⲟⲓ ⳿ⲛⲟⲩⲙⲏϣ ⲟⲩⲁⲓ ⲇⲉ ⳿ⲛⲥⲱⲙⲁ ⲡⲉ ⲡⲁⲓⲣⲏϯ ϩⲱϥ Ⲡⲭ̅ⲥ.̅.
13काहेकि चाहे हम यहूदी रहा अही, चाहे गैर यहूदी, सेवक होइ य स्वतन्त्र एकइ सरीर क विभिन्न अंग बनी जाइ क बरे हम सब क एकइ आतिमा द्वारा बपतिस्मा दीन्ह गवा अउर पियास बुझावइ क हम सब क एकइ आतिमा दीन्ह गइ बा।
13ⲕⲉ ⲅⲁⲣ ⳿ⲁⲛⲟⲛ ⲧⲏⲣⲉⲛ ⲉⲧⲁⲛϭⲓⲱⲙⲥ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲡⲛ̅ⲁ̅ ⳿ⲛⲟⲩⲱⲧ ⲉⲩⲥⲱⲙⲁ ⳿ⲛⲟⲩⲱⲧ ⲓⲧⲉ ⲛⲓⲓⲟⲩⲇⲁⲓ ⳿ⲓⲧⲉ ⲛⲓⲟⲩⲉⲓⲛⲓⲛ ⳿ⲓⲧⲉ ⲃⲱⲕ ⳿ⲓⲧⲉ ⲣⲉⲙϩⲉ ⲟⲩⲟϩ ⳿ⲁⲛⲟⲛ ⲧⲏⲣⲉⲛ ⲁⲩ⳿ⲧⲥⲟⲛ ⳿ⲛⲟⲩⲡⲛ̅ⲁ̅ ⳿ⲛⲟⲩⲱⲧ..
14अब देखा, मनई सरीर कउनो एक अंग स ही तउ बना नाहीं होत, बल्कि ओहमाँ बहुत स अंग होत हीं।
14ⲕⲉ ⲅⲁⲣ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ ⳿ⲛⲟⲩⲙⲉⲗⲟⲥ ⳿ⲛⲟⲩⲱⲧ ⲁⲛ ⲡⲉ ⲁⲗⲗⲁ ⲟⲩⲙⲏϣ..
15अगर गोड़ कहई, “काहेकि मइँ हाथ नाहीं हउँ, इही बरे मोर सरीर स कउनउ सम्बन्ध नाहीं तउ इही बरे क उ सरीर क अंग न रही।
15ⲉϣⲱⲡ ⲁⲣⲉϣⲁⲛ ϯϭⲁⲗⲟϫ ϫⲟⲥ ϫⲉ ⳿ⲁⲛⲟⲕ ⲟⲩϫⲓϫ ⲁⲛ ⳿ⲁⲛⲟⲕ ⲟⲩ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϧⲉⲛ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ ⲁⲛ ⲟⲩ ⲡⲁⲣⲁ ⲧⲟⲩⲧⲟ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϧⲉⲛ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ ⲁⲛ ⲧⲉ..
16इही तरह अगर कान कहइ, “काहेकि मइँ आँख नाहीं हउँ,” एह बरे मइँ सरीर क नाहीं हउँ।” तउ का इही कारण स उ सरीर क अंग न रही।
16ⲟⲩⲟϩ ⲉϣⲱⲡ ⲁⲣⲉϣⲁⲛ ⲡⲓⲙⲁϣϫ ϫⲟⲥ ϫⲉ ⳿ⲁⲛⲟⲕ ⲟⲩⲃⲁⲗ ⲁⲛ ⳿ⲁⲛⲟⲕ ⲟⲩ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϧⲉⲛ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ ⲁⲛ ⲟⲩ ⲡⲁⲣⲁ ⲧⲟⲩⲧⲟ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϧⲉⲛ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ ⲁⲛ ⲡⲉ..
17अगर एक आँख ही सब सरीर होत तउ सुना कहाँ स जात? अगर कान ही सब सरीर होत तउ सूँघा कहाँ स जात?
17ⲉⲛⲉ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ ⲧⲏⲣϥ ⲟⲩⲃⲁⲗ ⲡⲉ ⲛⲉ ⲁϥⲑⲱⲛ ϩⲱϥ ⲡⲓⲥⲱⲧⲉⲙ ⲉⲛⲉ ⲟⲩⲥⲱⲧⲉⲙ ⲧⲏⲣϥ ⲡⲉ ⲛⲉ ⲁϥⲑⲱⲛ ϩⲱϥ ⲡⲓϣⲱⲗⲉⲙ..
18मुला परमेस्सर जइसा ठीक समझेस उ सही मँ सरीर मँ वइसेन ही स्थान दिहेस।
18ϯⲛⲟⲩ ⲇⲉ ⲁ ⲫϯ ⲭⲱ ⳿ⲛⲛⲓⲙⲉⲗⲟⲥ ⲡⲓⲟⲩⲁⲓ ⲡⲓⲟⲩⲁⲓ ⳿ⲙⲙⲱⲟⲩ ϧⲉⲛ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ ⲕⲁⲧⲁ ⳿ⲫⲣⲏϯ ⲉⲧⲁϥⲟⲩⲱϣ..
19तउ सरीर क सब अंग एक जइसा ही होइ जात तउ सरीर ही कहाँ होत।
19ⲉⲛⲉ ⲟⲩⲙⲉⲗⲟⲥ ⳿ⲛⲟⲩⲱⲧ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲡⲉ ⲛⲉ ⲁϥⲑⲱⲛ ϩⲱϥ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ..
20मुला स्थिति इ बा कि अंग त कइयउ होत हीं मुला सरीर एक्कइ रहत ह।
20ϯⲛⲟⲩ ⲇⲉ ⲟⲩⲙⲏϣ ⲙⲉⲛ ⲛⲉ ⲛⲓⲙⲉⲗⲟⲥ ⲟⲩⲁⲓ ⲇⲉ ⲡⲉ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ..
21आँख हाथे स इ नाहीं कहि सकत, “मोका तोहार जरूरत नाहीं बाटइ!” या अइसे ही सिर, गोड़न स इ नाहीं कहि सकत, “हमका तोहार जरूरत नाहीं!”
21⳿ⲙⲙⲟⲛ ⳿ϣϫⲟⲙ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲓⲃⲁⲗ ϫⲟⲥ ⳿ⲛϯϫⲓϫ ϫⲉ ϯⲉⲣ⳿ⲭⲣⲓ⳿ⲁ ⳿ⲙⲙⲟ ⲁⲛ ⲓⲉ ⲡⲁⲗⲓⲛ ϯ⳿ⲁⲫⲉ ⳿ⲛⲛⲓϭⲁⲗⲁⲩϫ ϫⲉ ϯⲉⲣ⳿ⲭⲣⲓ⳿ⲁ ⳿ⲙⲙⲱⲧⲉⲛ ⲁⲛ..
22एकरे बिलकूल उल्टा सरीर क अंगन क हम कमजोर समझित ह, उ सबइ बहुत जरूरी होत हीं।
22ⲁⲗⲗⲁ ⳿ⲛϩⲟⲩ⳿ⲟ ⲙⲁⲗⲗⲟⲛ ⲛⲓⲙⲉⲗⲟⲥ ⲉⲧⲟⲩⲙⲉⲩ⳿ⲓ ⳿ⲉⲣⲱⲟⲩ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ ϫⲉ ⲥⲉⲟⲓ ⳿ⲛϫⲱⲃ ⲛⲁⲓ ϩⲁⲛⲁⲛⲁⲅⲕⲉⲟⲛ ⳿ⲛϩⲟⲩⲟ ⲛⲉ..
23अउर सरीर क जउने अंगन क हम कम आदरणीय समझित ह, ओनकर हम जियादा धियान रखित ह। अउर हमार गुप्त अगं अउर जियादा सालीनता पाइ लेत हीं।
23ⲟⲩⲟϩ ⲛⲏⲉⲧⲉⲛⲙⲉⲩ⳿ⲓ ⳿ⲉⲣⲱⲟⲩ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ ϫⲉ ⲥⲉϣⲏϣ ⲛⲁⲓ ⲧⲉⲛ ϯ ⲛⲱⲟⲩ ⳿ⲛⲟⲩⲧⲁⲓ⳿ⲟ ⳿ⲛϩⲟⲩ⳿ⲟ ⲟⲩⲟϩ ⲛⲏⲉⲧϫⲁⲓ⳿ⲱⲟⲩ ⳿ⲛⲧⲁⲛ ⲟⲩⲟⲛ ⳿ⲛⲧⲱⲟⲩ ⳿ⲛϩⲟⲩ⳿ⲟ ⲥⲁⲓ ⳿ⲙⲙⲁⲩ..
24जब कि हमरे प्रदर्सनीय अंगन क एह तरह क उपचार क जरूरत नाहीं होत। मुला परमेस्सर तउ हमरे सरीर क रचना एह ढंग स किहेस ह जेहसे ओन अंगन क जउन कम सुन्दर बा अउर जियादा आदर मिलइ।
24ⲟⲩⲟϩ ⲛⲏⲉⲧⲥⲁⲓⲱⲟⲩ ⳿ⲛⲧⲁⲛ ⲥⲉⲉⲣ⳿ⲭⲣⲓ⳿ⲁ ⲁⲛ ⲁⲗⲗⲁ ⲫϯ ⲁϥⲑⲉⲧ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ ⳿ⲉⲁϥϯ ⳿ⲛⲟⲩϩⲟⲩ⳿ⲟ ⲧⲁⲓ⳿ⲟ ⳿ⲙⲫⲏⲉⲧϣⲁⲧ..
25ताकि देहे मँ कहूँ कउनउ फूट न पड़इ बल्कि देहे क अंग परस्पर एक दुसरे क समान रूप स धियान रखइँ।
25ϩⲓⲛⲁ ⳿ⲛⲧⲉ⳿ϣⲧⲉⲙⲫⲱⲣϫ ϣⲱⲡⲓ ϧⲉⲛ ⲡⲓⲥⲱⲙⲁ ⲁⲗⲗⲁ ⳿ⲛⲧⲉ ⲛⲓⲙⲉⲗⲟⲥ ⲧⲏⲣⲟⲩ ϥⲓⲣⲱⲟⲩϣ ϧⲁ ⲛⲟⲩ⳿ⲉⲣⲏⲟⲩ..
26अगर सरीर क कउनउ एक अंग दुख पावत ह तउ ओकरे साथे सरीर क अउर सभन अंग दुखी होत हीं। अगर कउनउ एक अंग क मान बढ़वत ह त ओकर खुसी मँ सभन अगं हिस्सा बटाव थीं।
26ⲟⲩⲟϩ ⳿ⲉϣⲱⲡ ⳿ⲉⲟⲩⲟⲛ ⲟⲩⲙⲉⲗⲟⲥ ϭⲓ⳿ⲙⲕⲁϩ ϣⲁⲣⲉ ⲛⲓⲙⲉⲗⲟⲥ ⲧⲏⲣⲟⲩ ϭⲓ⳿ⲙⲕⲁϩ ⲛⲉⲙⲁϥ ⲉϣⲱⲡ ⳿ⲉⲟⲩⲟⲛ ⲟⲩⲙⲉⲗⲟⲥ ϭⲓⲱⲟⲩ ϣⲁⲣⲉ ⲛⲓⲙⲉⲗⲟⲥ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲣⲁϣⲓ ⲛⲉⲙⲁϥ..
27एह तरह तू सभन लोग मसीह क देह अहा अउर अलग-अलग रूप मँ ओकर अंग अहा।
27⳿ⲛⲑⲱⲧⲉⲛ ⲇⲉ ⳿ⲛⲑⲱⲧⲉⲛ ⳿ⲡⲥⲱⲙⲁ ⳿ⲙⲠⲭ̅ⲥ̅ ⲛⲉⲙ ⲛⲉϥⲙⲉⲗⲟⲥ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲙⲉⲣⲟⲥ..
28ऍतना ही नाहीं परमेस्सर तउ कलीसिया मँ पहिले प्रेरितन क, दूसरे नबियन क, तीसरे उपदेसकन क फिन अद्भुत कारजन करइ वालन क, चंगा करइ क सक्ती स युक्त मनइयन क, फिन ओनकर जउन दुसरन क सहायता करत हीं, स्थापित किहे अहइ, फिन अगुवाई करइवालन क अउर फिन ओन्हन लोगन क जउन विभिन्न भाखा बोल सकत हीं।
28ⲟⲩⲟϩ ⲛⲏ ⲙⲉⲛ ⲉⲧⲁ ⲫϯ ⲭⲁⲩ ϧⲉⲛ ϯⲉⲕ⳿ⲕⲗⲏ- ⲥⲓⲁ ϣⲟⲣⲡ ϩⲁⲛⲁⲡⲟⲥⲧⲟⲗⲟⲥ ⳿ⲫⲙⲁϩ ⲃ̅ ϩⲁⲛ⳿ⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⳿ⲫⲙⲁϩ ⲅ̅ ϩⲁⲛⲣⲉϥϯ⳿ⲥⲃⲱ ⲙⲉⲛⲉⲛⲥⲁ ⲛⲁⲓ ϩⲁⲛϫⲟⲙ ⲓⲧⲁ ϩⲁⲛ⳿ϩⲙⲟⲧ ⳿ⲛⲧⲁⲗϭⲟ ϩⲁⲛⲙⲉⲧⲣⲉϥϯⲧⲟⲧⲟⲩ ϩⲁⲛⲙⲉⲧⲣⲉϥⲉⲣϩⲉⲙⲓ ϩⲁⲛⲅⲉⲛⲟⲥ ⳿ⲛⲗⲁⲥ..
29का इ सब लोग प्रेरित अहइँ? का इ सब लोग नबी अहइँ? का इ सब लोग उपदेसक अहइँ? का इ सब लोग अचरज काम करत हीं?
29ⲙⲏ ⲥⲉⲛⲁⲉⲣⲁⲡⲟⲥⲧⲟⲗⲟⲥ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲙⲏ ⲥⲉⲛⲁⲉⲣ⳿ⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲙⲏ ⲥⲉⲛⲁⲉⲣⲣⲉϥϯ ⳿ⲥⲃⲱ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲙⲏ ⲥⲉⲛⲁⲉⲣϫⲟⲙ ⲧⲏⲣⲟⲩ..
30का इ सब लोगन क लगे चंगा करइ क सक्ती बाटइ? का इ सब लोग दूसर भाखा बोलत हीं?
30ⲙⲏ ⲟⲩⲟⲛ ⳿ⲛⲧⲱⲟⲩ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⳿ⲛϩⲁⲛ⳿ϩⲙⲟⲧ ⳿ⲛⲧⲁⲗϭⲟ ⲙⲏ ⲥⲉⲛⲁⲥⲁϫⲓ ⲧⲏⲣⲟⲩ ϧⲉⲛ ϩⲁⲛⲗⲁⲥ ⲙⲏ ⲥⲉⲛⲁⲉⲣⲙⲉⲛⲉⲩⲓⲛ ⲧⲏⲣⲟⲩ..
31हाँ, मुला आतिमा क अउर बड़ा बरदान पावइ क बरे यत्न करत रहा। अउर इ सबन क बरे अच्छा रस्ता तू पचन क अब मइँ देखउब।
31ⲭⲟϩ ⲇⲉ ⳿ⲉⲛⲓ⳿ϩⲙⲟⲧ ⲉⲑⲛⲁⲁⲩ ⲟⲩⲟϩ ⲉⲧⲓ ⲟⲛ ϯⲛⲁⲧⲁⲙⲱⲧⲉⲛ ⳿ⲉⲕⲉⲙⲱⲓⲧ ⳿ⲉⲛⲁⲁϥ ⳿ⲛϩⲟⲩ⳿ⲟ.