Awadhi: NT

Coptic: New Testament

Romans

7

1भाइयो तथा बहिनियो, का तू नाहीं जानत अहा (मइँ ओन्हन सबन स कहत अही जउन व्यवस्था क जानत हीं।) कि व्यवस्था क सासन कीहीउ मनई पे तबहिं तलक बा जब तलक उ जिअत ह?
1ϣⲁⲛ ⲧⲉⲧⲉⲛ⳿ⲉⲙⲓ ⲁⲛ ⲛⲁ⳿ⲥⲛⲏⲟⲩ ⲁⲓⲥⲁϫⲓ ⲅⲁⲣ ⲛⲉⲙ ⲛⲏⲉⲧⲥⲱⲟⲩⲛ ⳿ⲙⲡⲓⲛⲟⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲡⲓⲛⲟⲙⲟⲥ ⳿ϥⲟⲓ ⳿ⲛ⳪ ⳿ⲉⲡⲓⲣⲱⲙⲓ ⳿ⲛⲥⲏⲟⲩ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⲉϥⲟⲛϧ.
2उदाहरण क बरे एक विवाहिता स्त्री अपने पति क साथे व्यवस्था क अनुसार तबहिं तलक बंधी बा जब तलक उ जिन्दा बा परन्तु अगर ओकर पति मरि जात ह तउ उ बियाह सम्बधी व्यवस्था स छूट जात ह।
2ϯ⳿ⲥϩⲓⲙⲓ ϧⲁ ϩⲁⲓ ⲅⲁⲣ ⳿ⲥⲥⲟⲛϩ ⳿ⲉⲡⲉⲥϩⲁⲓ ⲉⲧⲟⲛϧ ϧⲉⲛ ⲡⲓⲛⲟⲙⲟⲥ ⳿ⲉϣⲱⲡ ⲇⲉ ⲁϥϣⲁⲛⲙⲟⲩ ⳿ⲛϫⲉ ⲡⲓϩⲁⲓ ⲁⲥⲕⲱⲣϥ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲁ ⳿ⲫⲛⲟⲙⲟⲥ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲓϩⲁⲓ.
3पति क जिअत ही अगर कीहीउ दुसरे पुरूस स सम्बन्ध जोड़त ह ओका व्यभिचारिणी कहा जात ह परन्तु अगर ओकर पुरुस मरि जात ह तउ बियाह सम्बन्धी नियम ओह पे नाहीं लागत अउ इहीं बरे अगर उ दुसरे मनई क होइ जात ह तउ उ व्यभिचारिणी नाहीं बा।
3ϩⲁⲣⲁ ⲟⲩⲛ ⲉϥⲟⲛϧ ⳿ⲛϫⲉ ⲡⲓϩⲁⲓ ϣⲁⲩⲙⲟⲩϯ ⳿ⲉⲣⲟⲥ ϫⲉ ⳿ⲥϩⲓⲙⲓ ⳿ⲛⲛⲱⲓⲕ ⲁⲥϣⲁⲛϣⲱⲡⲓ ⲛⲉⲙ ⲕⲉϩⲁⲓ ⲉϣⲱⲡ ⲇⲉ ⲁϥϣⲁⲛⲙⲟⲩ ⳿ⲛϫⲉ ⲡⲓϩⲁⲓ ⲟⲩⲣⲉⲙϩⲏ ⲧⲉ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲁ ⳿ⲫⲛⲟⲙⲟⲥ ⳿ⲉ⳿ϣⲧⲉⲙⲙⲟⲩϯ ⳿ⲉⲣⲟⲥ ϫⲉ ⳿ⲥϩⲓⲙⲓ ⳿ⲛⲛⲱⲓⲕ ⲁⲥϣⲁⲛϣⲱⲡⲓ ⲛⲉⲙ ⲕⲉϩⲁⲓ.
4मोरे भाइयो तथा बहिनियो, अइसन ही इ मसीह क देह क जरिये व्यवस्था के बरे तुहउँ मरि चुका अहा। इही बरे अब तुहउँ कीहीउ दुसरे स नाता जोड़ि सकत ह। ओसे जेका मरा हुवन मँ स पुर्नजीवित कीन्ह गवा अहइ। ताकि हम परमेस्सर क बरे करमन क अच्छी खेती कइ सकित ह।
4ϩⲱⲥⲧⲉ ⲟⲩⲛ ⲛⲁ⳿ⲥⲛⲏⲟⲩ ⲁⲧⲉⲧⲉⲛⲙⲟⲩ ϩⲱⲧⲉⲛ ⳿ⲙ⳿ⲫⲛⲟⲙⲟⲥ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲉⲛ ⳿ⲡⲥⲱⲙⲁ ⳿ⲙⲠⲭ̅ⲥ̅ ⲉⲑⲣⲉⲧⲉⲛϣⲱⲡⲓ ⳿ⲛⲕⲉⲟⲩⲁⲓ ⲉⲧⲉ ⲫⲏ ⲡⲉ ⲉⲧⲁϥⲧⲱⲛϥ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϧⲉⲛ ⲛⲏⲉⲑⲙⲱⲟⲩⲧ ϩⲓⲛⲁ ⳿ⲛⲧⲉⲧⲉⲛϯⲟⲩⲧⲁϩ ⳿ⲙⲫϯ.
5काहेकि जब हम मानुस सुभाव क अनुसार जिअत रहे, हमार पाप-पूर्ण वासना जउन व्यवस्था क जरिये आइ रहीं, हमरे अंगन पर हावी रही। ताकि हम करमन क अइसेन खेती व्करी जेकर अन्त आध्यात्मिक मउत मँ होत ह।
5ⲉⲛϣⲟⲡ ⲅⲁⲣ ϧⲉⲛ ϯⲥⲁⲣⲝ ⲛⲁⲣⲉ ⲛⲓⲡⲁⲑⲟⲥ ⳿ⲛⲧⲉ ⲛⲓⲛⲟⲃⲓ ⲛⲓ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲉⲛ ⲡⲓⲛⲟⲙⲟⲥ ⲛⲁⲩⲉⲣϩⲱⲃ ϧⲉⲛ ⲛⲉⲛⲙⲉⲗⲟⲥ ⳿ⲉ⳿ⲡϯⲟⲩⲧⲁϩ ⳿ⲙ⳿ⲫⲙⲟⲩ.
6परन्तु अब हमका व्यवस्था स छुटकारा दइ दीन्ह गवा बाटइ काहेकि जउने व्यवस्था क अधीन हमका बन्दी बनावा ग रहा, हम ओकरे बरे मरि चुका आही। अउ अब पुरान लिखित व्यवस्था स नाहीं, बल्कि आतिमा क नई रीति स प्रेरित होइके हम अपने परमेस्सर क सेवा करित ह।
6ϯⲛⲟⲩ ⲇⲉ ⲁⲛⲕⲱⲣϥ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲁ ⳿ⲫⲛⲟⲙⲟⲥ ⳿ⲉⲁⲛⲙⲟⲩ ϧⲉⲛ ⲫⲏ⳿ⲉⲛⲁϥ⳿ⲁⲙⲟⲛⲓ ⳿ⲙⲙⲟⲛ ⳿ⲛϧⲏⲧϥ ϩⲱⲥⲧⲉ ⳿ⲛⲧⲉⲛⲉⲣⲃⲱⲕ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲙⲉⲧⲃⲉⲣⲓ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲓⲡ͞ⲛⲁ̅ ⲟⲩⲟϩ ϧⲉⲛ ⲟⲩⲙⲉⲧⲁⲡⲁⲥ ⲁⲛ ⳿ⲛⲧⲉ ⲟⲩ⳿ⲥϧⲁⲓ.
7त फिन हम का कही? का हम कही कि व्यवस्था पाप अहइ? निस्चय ही नाहीं। जउन भी होइ, अगर व्यवस्था नाहीं होत तउ मइँ पहिचान नहीं पाइत कि पाप का अहइ? अगर व्यवस्था न बतावत, “जउन उचित नाहीं बा लालच जिन करा तउ निस्चय ही मइँ पहचान नाहीं पाइत कि जउन उचित इच्छा नाहीं अहइ का बा।”
7ⲟⲩ ϫⲉ ⲡⲉ ⳿ⲉⲧⲉⲛⲛⲁϫⲟϥ ⳿ⲫⲛⲟⲙⲟⲥ ⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ ⲡⲉ ⳿ⲛⲛⲉⲥϣⲱⲡⲓ ⲁⲗⲗⲁ ⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ ⲛⲉ ⳿ⲙⲡⲓⲥⲟⲩⲱⲛϥ ⲡⲉ ⳿ⲉⲃⲏⲗ ϫⲉ ⲁⲓⲥⲟⲩⲱⲛϥ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲉⲛ ⲡⲓⲛⲟⲙⲟⲥ ϯ⳿ⲉⲡⲓⲑⲩⲙⲓ⳿ⲁ ⲅⲁⲣ ⲛⲁⲓⲥⲱⲟⲩⲛ ⳿ⲙⲙⲟⲥ ⲁⲛ ⲡⲉ ⳿ⲉⲃⲏⲗ ϫⲉ ⲁ ⳿ⲫⲛⲟⲙⲟⲥ ϫⲟⲥ ϫⲉ ⳿ⲛⲛⲉⲕⲉⲣ⳿ⲉⲡⲓⲑⲩⲙⲓⲛ.
8परन्तु पाप मौका पावत ही व्यवस्था का लाभ उठावत भवा मोहमाँ गलत सबइ इच्छा क भर दिहेस जउन अनुचित बरे रहिन।
8⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ ⲇⲉ ⲉⲧⲁϥϭⲓ ⳿ⲛⲟⲩⲗⲱⲓϫⲓ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲉⲛ ϯⲉⲛⲧⲟⲗⲏ ⲁϥⲉⲣϩⲱⲃ ⳿ⲉⲡⲓⲑⲩⲙⲓ⳿ⲁ ⲛⲓⲃⲉⲛ ⳿ⲛ⳿ϧⲣⲏⲓ ⳿ⲛϧⲏⲧ ⲁⲧϭⲛⲉ ⳿ⲫⲛⲟⲙⲟⲥ ⲅⲁⲣ ⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ ⲛⲁϥⲙⲱⲟⲩⲧ ⲡⲉ.
9एकसमइ मइँ बिना व्यवस्था क ही जिन्दा रहेउँ, परन्तु जब व्यवस्था क आदेस आवा तउ पाप जीवन मँ उभरिके आवा।
9⳿ⲁⲛⲟⲕ ⲇⲉ ⲛⲁⲓⲱⲛϧ ⳿ⲛⲟⲩⲥⲏⲟⲩ ⲁⲧϭⲛⲉ ⲡⲓⲛⲟⲙⲟⲥ ⲉⲧⲁⲥ⳿ⲓ ⲇⲉ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ⳿ⲛϫⲉ ϯⲉⲛⲧⲟⲗⲏ ⲁ ⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ ⲱⲛϧ.
10अउर मइँ मर गएउँ। उहइ व्यवस्था क आदेस जउन जीवन देइ बरे रहा, मोरे बरे मउत लइ आवा।
10⳿ⲁⲛⲟⲕ ⲇⲉ ⲁⲓⲙⲟⲩ ⲟⲩⲟϩ ⲁⲩϫⲉⲙ ϯⲉⲛⲧⲟⲗⲏ ⲉⲧϭⲓ ⲛⲏⲓ ⳿ⲉ⳿ⲡⲱⲛϧ ⲑⲁⲓ ⲁⲥϣⲱⲡⲓ ⲛⲏⲓ ⲉⲩⲙⲟⲩ.
11काहेकि पाप क अउसर मिलि गवा अउर उ उहइ व्यवस्था क आदेस क जरिये मोका छलेस अउर उहइ जरिये मोका मार डाएस।
11⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ ⲅⲁⲣ ⲁϥϭⲓ ⳿ⲛⲟⲩⲗⲱⲓϫⲓ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲉⲛ ϯⲉⲛⲧⲟⲗⲏ ⲁϥⲉⲣϩⲁⲗ ⳿ⲙⲙⲟⲓ ⲟⲩⲟϩ ⲁϥϧⲟⲑⲃⲉⲧ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲟⲧⲥ.
12इही तरह व्यवस्था पवित्तर बा अउर उ आदेस पवित्तर, धर्मी अउर उत्तिम बा।
12ϩⲱⲥⲧⲉ ⳿ⲫⲛⲟⲙⲟⲥ ⲙⲉⲛ ⳿ϥⲟⲩⲁⲃ ⲟⲩⲟϩ ϯⲉⲛⲧⲟⲗⲏ ⳿ⲥⲟⲩⲁⲃ ⲟⲩⲟϩ ⲟⲩ⳿ⲑⲙⲏⲓ ⲧⲉ ⲟⲩⲟϩ ⲛⲁⲛⲉⲥ.
13तउ फिन का एकर मतलब इ बाटइ कि जउन उत्तिम बा, उहइ मेरी मउत क कारण बन गवा? निस्चय ही नाहीं। बल्कि पाप उ उत्तिम क जरिये मोरे बरे मउत क कारण एह बरे बना कि पे क पाहिचाना जाइ सकइ। अउर व्यवस्था क जरिये ओकर खौफनाक पाप क पूर्णता देखॉइ दीन्ह जाइ।
13ⲡⲓⲡⲉⲑⲛⲁⲛⲉϥ ⲟⲩⲛ ⲁϥϣⲱⲡⲓ ⲛⲏⲓ ⲉⲩⲙⲟⲩ ⳿ⲛⲛⲉⲥϣⲱⲡⲓ ⲁⲗⲗⲁ ⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ ⲡⲉ ϩⲓⲛⲁ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲟⲧϥ ⳿ⲙⲡⲓⲡⲉⲑⲛⲁⲛⲉϥ ⳿ⲛⲧⲉϥⲟⲩⲱⲛϩ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ⳿ⲛϫⲉ ⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ ⲉϥⲉⲣϩⲱⲃ ⲛⲏⲓ ⲉⲩⲙⲟⲩ ϩⲓⲛⲁ ⳿ⲛⲧⲉ ⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ ϣⲱⲡⲓ ⲉϥⲟⲓ ⳿ⲛⲣⲉϥⲉⲣⲛⲟⲃⲓ ⳿ⲛϩⲟⲩ⳿ⲟ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲉⲛ ϯⲉⲛⲧⲟⲗⲏ.
14काहेकि हम जानित ह कि व्यवस्था तउ आत्मिक अहई अउर मइँ हाड़ माँस क बना भवा भौतिक मनई अहउँ जउन पाप क दासता बरे बिका भआ हउँ।
14ⲧⲉⲛⲥⲱⲟⲩⲛ ⲙⲉⲛ ⲅⲁⲣ ϫⲉ ⲡⲓⲛⲟⲙⲟⲥ ⲟⲩⲡ͞ⲛⲁ̅ⲧⲓⲕⲟⲥ ⲡⲉ ⳿ⲁⲛⲟⲕ ⲇⲉ ⳿ⲁⲛⲟⲕ ⲟⲩⲥⲁⲣⲕⲓⲕⲟⲥ ⳿ⲉⲁⲩⲧⲏⲓⲧ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϧⲁ ⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ.
15मइँ नाहीं जानित मइँ का करत हउँ काहेकि मइँ जउन करइ चाहित हउँ नाहीं करत हउँ, बल्कि मोका उ करे पड़त ह, जेसे मइँ घिना करत हउँ।
15ⲫⲏ ⲅⲁⲣ ⳿ⲉϯⲉⲣϩⲱⲃ ⳿ⲉⲣⲟϥ ⳿ⲛϯⲥⲱⲟⲩⲛ ⳿ⲙⲙⲟϥ ⲁⲛ ⳿ⲙⲫⲏ ⲅⲁⲣ ⲁⲛ ⳿ⲉϯⲟⲩⲁϣϥ ⲫⲁⲓ ⲡⲉ ⳿ⲉϯⲣⲁ ⳿ⲙⲙⲟϥ ⲁⲗⲗⲁ ⲫⲏ ⳿ⲉϯⲙⲟⲥϯ ⳿ⲙⲙⲟϥ ⲡⲉ ⳿ⲉϯⲣⲁ ⳿ⲙⲙⲟϥ.
16अउ अगर मइँ उहइ करत हउँ जउन मइँ नाहीं करइ चाहित ह तउ मइँ अंगीकार करत हउँ कि व्यवस्था उत्तम बा।
16ⲓⲥϫⲉ ⲫⲏⲉⲧⲉ ⳿ⲛϯⲟⲩⲁϣϥ ⲁⲛ ⲫⲁⲓ ⲡⲉ ⳿ⲉϯⲣⲁ ⳿ⲙⲙⲟϥ ϯϫⲱ ⳿ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲉⲙ ⲡⲓⲛⲟⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲛⲁⲛⲉϥ.
17परन्तु सही मँ उ मइँ नाहीं हउँ जउन इ सब कछू करत बा, बल्कि उ पाप मोरे भितरे बसा पाप बा।
17ϯⲛⲟⲩ ⲇⲉ ⳿ⲁⲛⲟⲕ ⲁⲛ ⲉⲧⲉⲣϩⲱⲃ ⳿ⲉⲣⲟϥ ⲁⲗⲗⲁ ⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ ⲡⲉ ⲉⲧϣⲟⲡ ⳿ⲛϧⲏⲧ.
18हाँ, मइँ जानित अहइँ कि मोरे मँ भौतिक मानुस सरीर मँ कउनउ अच्छी चीजे क बास नाहीं अहइ। नेकी करइ क इच्छा तउ मोहमाँ अहइ पर नेक काम मोसे नाहीं होत।
18ϯⲥⲱⲟⲩⲛ ⲅⲁⲣ ϫⲉ ⳿ϥϣⲟⲡ ⳿ⲛϧⲏⲧ ⲁⲛ ⲉⲧⲉ ⲫⲁⲓ ⲡⲉ ϧⲉⲛ ⲧⲁⲥⲁⲣⲝ ⳿ⲛϫⲉ ⲡⲓⲡⲉⲑⲛⲁⲛⲉϥ ⲡⲓⲟⲩⲱϣ ⲅⲁⲣ ⳿ϥⲭⲏ ⲛⲁϩⲣⲁⲓ ⳿ⲉⲉⲣϩⲱⲃ ⲇⲉ ⳿ⲉⲡⲓⲡⲉⲑⲛⲁⲛⲉϥ ⳿ⲙⲙⲟⲛ ⳿ⲙⲙⲟⲛ.
19काहेकि जउन अच्छा काम मइँ करइ चाहित ह, मइँ नाहीं करित अहउँ बल्कि जउन मइँ नाहीं करइ चाहित, उहइ सबइ मइँ खराब काम करइ नाहीं चाहित ह मइँ नाहीं करित बल्कि जउन मइँ नाहीं करइ चाहित, उहई सब खराब काम मइँ करित हउँ।
19ⲡⲉϯⲟⲩⲁϣϥ ⲅⲁⲣ ⳿ⲙⲡⲉⲑⲛⲁⲛⲉϥ ⲫⲁⲓ ⲡⲉ ⳿ⲉϯⲣⲁ ⳿ⲙⲙⲟϥ ⲁⲗⲗⲁ ⲡⲉⲧⲉ ⳿ⲛϯⲟⲩⲁϣϥ ⲁⲛ ⳿ⲙⲡⲉⲧϩⲱⲟⲩ ⳿ⲛⲑⲟϥ ⲡⲉ ⳿ⲉϯⲣⲁ ⳿ⲙⲙⲟϥ.
20अउर अगर मइँ उहइ काम करित ह जेका व्करइ नाहीं चाहित ह तउ सही मँ ओकर कर्त्ता जउन ओन्हे करत ह, मइँ नाहीं हउँ, बल्कि उ पाप अहइ जउन बसा बा।
20ⲓⲥϫⲉ ⲇⲉ ⲡⲉⲧⲉ ⳿ⲛϯⲟⲩⲁϣϥ ⲁⲛ ⳿ⲁⲛⲟⲕ ⲫⲁⲓ ϯⲣⲁ ⳿ⲙⲙⲟϥ ⲓⲉ ⳿ⲁⲛⲟⲕ ⲁⲛ ϫⲉ ⲉⲧⲉⲣϩⲱⲃ ⳿ⲉⲣⲟϥ ⲁⲗⲗⲁ ⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ ⲡⲉ ⲉⲧϣⲟⲡ ⳿ⲛϧⲏⲧ.
21इही बरे मइँ अपने मँ इ नियम पाइत ह कि मइँ जब अच्छा करइ चाहित ह, तउ अपने मँ बुराई क ही पाइत ह।
21ϯϫⲓⲙⲓ ϩⲁⲣⲁ ⳿ⲙⲡⲓⲛⲟⲙⲟⲥ ⲫⲏⲉⲑⲟⲩⲱϣ ⳿ⲉ⳿ⲓⲣⲓ ⳿ⲙⲡⲓⲡⲉⲑⲛⲁⲛⲉϥ ⲛⲉⲙⲏⲓ ϫⲉ ⲡⲓⲡⲉⲧϩⲱⲟⲩ ⳿ϥⲭⲏ ⲛⲁϩⲣⲁⲓ.
22आपन अन्तरात्मा मँ मइँ परमेस्सर क व्यवस्था क खुसी स मानित ह।
22ϯϯⲙⲁϯ ⲅⲁⲣ ⲛⲉⲙ ⲡⲓⲛⲟⲙⲟⲥ ⳿ⲛⲧⲉ ⲫϯ ⲕⲁⲧⲁ ⲡⲓⲣⲱⲙⲓ ⲉⲧⲥⲁϧⲟⲩⲛ.
23पर अपने सरीर मँ मइँ एक दुसरे ही व्यवस्था का काम करित देखित ह इ मोरे चिन्तन पे सासन करइवाली व्यवस्था स युद्ध करत ह अउर मोका पाप क व्यवस्था क बन्दी बनााइ लेत ह। इ व्यवस्था मोरे सरीर मँ त्रिया करत रहत ह।
23ϯⲛⲁⲩ ⲇⲉ ⳿ⲉⲕⲉⲛⲟⲙⲟⲥ ϧⲉⲛ ⲛⲁⲙⲉⲗⲟⲥ ⲉϥϧⲏⲕ ⲟⲩⲃⲉ ⳿ⲫⲛⲟⲙⲟⲥ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲁϩⲏⲧ ⲉϥⲉⲣⲉⲭⲙⲁⲗⲱⲧⲉⲩⲓⲛ ⳿ⲙⲙⲟⲓ ϧⲉⲛ ⳿ⲫⲛⲟⲙⲟⲥ ⳿ⲛⲧⲉ ⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ ⲫⲏⲉⲧϣⲟⲡ ϧⲉⲛ ⲛⲁⲙⲉⲗⲟⲥ.
24मइँ एक अभागा इंसान हउँ। मोका एह सरीर स, जउन मउत क निवाला बा, ओसे छुटकारा कउन देवाई?
24⳿ⲡⲧⲁⲗⲉⲡⲱⲣⲟⲥ ⳿ⲁⲛⲟⲕ ⳿ⲫⲣⲱⲙⲓ ⲛⲓⲙ ⲉⲑⲛⲁ⳿ϣⲛⲁϩⲙⲉⲧ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲁ ⳿ⲡⲥⲱⲙⲁ ⳿ⲛⲧⲉ ⲡⲁⲓⲙⲟⲩ ⲫⲁⲓ.
25परमेस्सर मोका बचइहीं। अपने पर्भू ईसू मसीह क जरिये मइँ परमेस्सर क धन्यवाद करित हउँ। तउ अपने हाड़ माँस क सरीर स मइँ पाप क व्यवस्था क गुलाम होत भए उ आपन बुद्धि स परमेस्सर क व्यवस्था क सेवक अहउँ।
25⳿ⲡ⳿ϩⲙⲟⲧ ⲇⲉ ⳿ⲙⲫϯ ϣⲏⲡ ⳿ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲉⲛ ⲡⲉⲛ⳪ Ⲓⲏ̅ⲥ̅ Ⲡⲭ̅ⲥ̅ ϩⲁⲣⲁ ⲟⲩⲛ ⳿ⲁⲛⲟⲕ ϧⲉⲛ ⲡⲁϩⲏ ⲧ ⲙⲉⲛ ϯⲟⲓ ⳿ⲙⲃⲱⲕ ⳿ⲙⲡⲓⲛⲟⲙⲟⲥ ⳿ⲛⲧⲉ ⲫϯ ϧⲉⲛ ⲧⲁⲥⲁⲣⲝ ⲇⲉ ϯⲟⲓ ⳿ⲙⲃⲱⲕ ⳿ⲙⲡⲓⲛⲟⲙⲟⲥ ⳿ⲛⲧⲉ ⳿ⲫⲛⲟⲃⲓ