Awadhi: NT

Marathi

Acts

2

1जब पिन्तेकुस्त क दिन आवा तउ उ पचे एक ठउर प बटुरा रहेन।
1पन्रासावाचा दिवस आला, तेव्हा सर्व प्रेषित एका ठिकाणी एकत्र होते.
2तब्बइ हुवाँ एकाएक आकासे स खउफनाक आँधी क सब्द आवा। अउर जउन घरे मँ उ पचे बइठा रहेन, ओहमाँ समाइ गवा।
2अचानक आकाशातून आवाज ऐकू आला. तो आवाज सोसाट्याने वाहणाऱ्या वाऱ्यासारखा होता. ज्या ठिकाणी ते बसले होते ते घर त्या आवाजाने भरुन गेले.
3अउर आगी क उठत लपट जइसी जीभ हुँवा समन्वा देखॉइ देइ लाग। अउर ओनका आगी क उठत लपट जइसी जिभिया देखॉइ लागिन। उ सबइ बँटी भइ जीभ एक क ऊपर आइ ठहरिन।
3त्यांनी अग्नीच्या ज्वालांसारखे काहीतरी पाहिले. त्या ज्वाला विभक्त होत्या. आणि तेथील प्रत्येक मनुष्यावर एक एक अशा उभ्या राहिल्या.
4उ पचे पवित्तर आतिमा स भावित भएन। अउर आतिमा स दीन्ह गए सामर्थ क अनुसार उ सबइ भाखन मँ बोलइ लागेन।
4ते सर्व पवित्र आत्म्याने भरुन गेले आणि ते निरनिराळ्या भाषा बोलू लागले. हे करण्यासाठी पवित्र आत्मा त्यांना सामर्थ्य देत होता.
5हुवाँ यरूसलेम मँ अकास क तरे सबहिं देसन स आवा भएन यहूदी भगत रहत रहेन।
5त्यावेळी यरुशलेमामध्ये काही फार धार्मिक यहूदी लोक होते, हे लोक जगातील प्रत्येक देशाचे होते.
6जबहिं इ सब्द क आवाज सुनि गई तैसहिं एक भीड़ बटुर गइ। उ पचे अचरज मँ पड़ा रहेन काहेकि हर कउनो ओनका आपन भाखा मँ बोलत सुनेस।
6या लोकांपैकी मोठा गट हा आवाज ऐकल्यामुळे तेथे आला.ते आश्चर्यचकित झाले कारण प्रेषित बोलत होते आणि प्रत्येक मनुष्याला त्याची स्वत:ची भाषा ऐकायला मिळाली,
7उ पचे अचम्भा मँ घबड़ियाइके बोलेन, “इ सबइ बोलवइया मनइयन गलीली नाहीं अहइँ।
7यामुळे यहूदी लोक अचंबित झाले. त्यांना हे समजत नव्हते की, प्रेषित हे कसे करु शकले. ते म्हणाले, “पाहा! ही माणसे (प्रेषित) ज्यांना आपण बोलताना ऐकत आहोत ती सर्व गालीली आहेत!
8फिन हम पचन मँ स हर कउनो ओनका आपन मातृभाखा मँ बोलत भवा कइसे सनत अहइ?
8पण आपण त्यांचे बोलणे आपल्या स्वत:च्या भाषेत ऐकत आहोत. हे कसे शक्य आहे? आपण भिन्र देशाचे आहोत:
9हुवाँ पारथी, मोदी अउर एलामी, मोसोपोटामिया क बसइया, यहूदिया अउर कप्पूदूकिया, पुन्तुस अउर एसिया।
9पार्थी, मेदी, एलाम, मेसोपोटेमिया, यहूदा, कपदुकीया, पंत, आशिया
10फ्रूगिया अउर पंफलिया, मिस्त्र अउर कूरेने सहर क निअरे लिबिया क कछू पहँटा क मनइयन, रोम स आवा भएन सैलानी,
10फ्रुगिया, पंफिलीया, इजिप्त, कुरेने शहराजवळचा लिबीयाचा भाग, रोमचे प्रवासी,
11जेहमाँ जन्मा भवा यहूदी अउर यहूदी धरम क मनइयन, क्रेती अउर अरबी लोग हम सबइ परमेस्सर क अचरज कारजन क आपन आपन भाखा मँ सुनत अहइँ।”
11क्लेत व अरब प्रदेश असे आपण सर्व निरनिराळ्या देशांचे आहोत. आपल्यापैकी काही जन्मानेच यहूदी आहेत. काही जण धर्मांतरीत आहेत. आपण या निरनिराळ्या देशांचे आहोत. परंतु आपण ह्या लोकांचे बोलणे आपापल्या भाषेत ऐकत आहोत! आपण सर्व ते देवाविषयीच्या ज्या महान गोष्टी बोलत आहेत त्या समजू शकतो.’
12उ पचे सबइ अचम्भा मँ पड़िके भउचक्का होइके आपुस मँ पूछइ लागेन, “इ का होत अहइ?”
12ते लोक आश्चर्यचकित झाले, आणि गोंधळून गेले. त्यांनी एकमेकांना विचारले, “काय चालले आहे?”
13मुला दूसर मनइयन प्रेरितन क मसखरी करत भए बोलेन, “इ सबइ कछू जिआदा दाखरस पिए बाटेन।”
13दुसरे लोक प्रेषितांना हसत होते. त्यांना असे वाटले की, प्रेषित द्राक्षारस खूप प्रमाणात प्यालेले आहेत.
14फिन गियारह प्रेरितन क संग पतरस खड़ा भवा अउर ऊँची अवाज मँ मनइयन क गोहराइ क कहइ लाग, “यहूदी भाइयो अउर यरुसलेम क सबहिं बासिंदा, ऍकर अरथ मोका बतावइ द्या। मोरे बचन क धियान स सुना।
14मग पेत्र अकरा प्रेषितांसह उठून उभा राहिला. आणि तेथे असलेल्या लोकांना ऐकू जावे म्हणून मोठचाने बोलला. तो म्हणाला, “माझ्या यहूदी बंधूंनो, आणि तुम्ही सर्व यरुशलेमचे रहिवासी, माझे ऐका, मी जे सांगतो, ते तुम्हांला समजणे जरुरीचे आहे, काळजीपूर्वक ऐका.
15इ पचे पिए नाहीं अहइँ, जइसा की तू पचे बूझत अहा। काहेकि अबहिं तउ भिन्सारे क नौ बजा अहइ।
15सकाळचे नऊ वाजलेले आहेत आणि तुम्हांला वाटते तसे हे लोक द्राक्षारसाच्या धुंदीत बोलत नाहीत!
16Vमुला इ बात अहइ जेकरे बारे मँ योएल नबी कहे रहा:
16परंतु आज येथे ज्या गोष्टी घडताना तुम्ही पाहत आहात त्याविषयी योएल संदेष्ट्याने लिहीले होते. योएल असे लिहिले:
17‘परमेस्सर कहत ह: आखिरी दिना मँ अइसा होइ कि मइँ सबहिं मनइयन प अपने आतिमा उड़ेल देब फिन तोहार पूत अउर बिटिया भविस्सबाणी करइ लगिहीं। अउर तोहार जवान मनई दर्सन पइहीं अउर तोहार बुढ़वा लोग सपना देखिहीं।
17‘देव म्हणतो:शेवटल्या दिवसात मी अखिल मानवांवर आपला आत्मा ओतीन तुमचे पुत्र व कन्या भविष्य सांगतील तुमच्या तरुणांना दृष्टांत होतील; तुमच्या वृद्धांना विशेष स्वप्ने पडतील.
18हाँ उ दिना मइँ आपन नउकर अउर नउकरानी प आपन आतिमा उडेर देब अउर उ पचे भविस्सबाणी करिहीं।
18त्यावेळी मी माझा आत्मा माझ्यासेवकांवर, पुरुषांवर व स्त्रियांवर ओतीन आणि ते भविष्य सांगतील.
19मइँ ऊपर अकासे मँ अचरज कारजन अउर तरखाले भुइयाँ प चीन्हा देखाउब, खून, आगी अउर धुआँ क बादर।
19वर आकाशात मी अद्भुत गोष्टी दाखवीन, खाली पृथ्वीवर मी पुरावे देईन. तेथे रक्त, अग्नि आणि दाट धूर असतील.
20सूरज अँधियारा मँ अउर चाँद रकत मँ बदल जाइ, अउर जब पर्भू क दिव्य अउर महान दिन आइ।
20सूर्य अंधारामध्ये बदलला जाईल चंद्र रक्तासारखा लाल होईल नंतर प्रभुचा महान व गौरवी दिवस येईल.
21अउर तब हर उ कउनो क बचाव होइ जउन पर्भू क नाउँ पुकारी।’ योएल 2:28-32
21प्रत्येक व्यक्ति जी प्रभुवर विश्वास ठेवते ती वाचेल. योएल 2:28-32
22“ओ इस्राएलियो! इ बचन क सुना: नासरी ईसू एक ठू अइसा मनई रहा जेका परमेस्सर तोहरे समन्वा अद्भुत कारज, अचरज कारजन अउर अद्भुत चीन्हन क साथ जेका परमेस्सर आपन खुद किहे रहा तोहरे बीच ओका परगट किहेस। जइसा कि तू खुद जानत ह।
22‘माझ्या यहूदी बांधवानो, हे शब्द ऐका: नासरेथचा येशू हा एक फार विशेष मनुष्य होता. देवाने तुम्हांला हे स्प्टपणे दाखविले आहे. देवाने येशूच्या हातून मोठ्या सामर्थ्यशाली व अदुभुत गोष्टी तुमच्यामध्ये करुन हे सिद्ध केले. तुम्ही सर्वांनी या गोष्टी पाहिल्या. म्हणून तुम्ही हे जाणता की हे सत्य आहे.
23ई मनई तोहका कउनो तय कीन्ह भइ जोजना अउर पहिले क गियान क अनुसार तोहरे हवाले कीन्ह गवा रहा अउर तू पचे ओका अधर्मियन क हाथे पकड़वाइके क्रूस प चढ़वाया अउर खीला ठोंकवाइके मरवाइ दिहा।
23तुमच्याकरिता येशूला देण्यात आले आणि तुम्ही त्याला जिवे मारले. वाईट लोकांच्या मदतीने तुम्ही येशूला वधस्तंभावर खिळले. परंतु हे सर्व होणार हे देव जाणून होता, ती देवाचीच याजना होती. फार पूर्वीच देवाने ही योजना तयार केली होती.
24मुला परमेस्सर मउत क दुःखे स अजाद कराइके फिन जिआइ दिहेस। काहेकि ओकरे बरे इ होइवाला नाहीं रहा कि मउत ओका राखि पावत।
24येशूने मरणाचे दु:ख सहन केले. परंतु देवाने त्याला मुक्त केले, देवाने येशूला मरणातून उठविले, मरण येशूला बांधून ठेवू शकले नाही.
25जइसा कि दाऊद ओकरे बारे मँ कहेस ह: ‘मइँ हमेसा पर्भू क आपन समन्वा देखेउँ ह। उ मोरे दाहिन कइँती बिराजत अहइ, काहेकि मइँ डुग न पावउँ।
25येशूविषयी दावीद असे म्हणतो: ‘मी प्रभूला नेहमी माइयासमोर पाहिले आहे; मला सुरक्षित ठेवण्यासाठी तो माइया उजवीकडे असतो
26ऍहसे मोर हिरदय खुस अहइ अउर मोर बाणी आनन्द मँ बा; मोर देह भी आसा मँ जिई।
26म्हणून माझे हृदय आनंदाने आहे आणि माझे तोंड आनंदाने बोलते. होय, माझे शरीरदेखील आशा धरुन राहील
27तू मोर आतिमा क अधोलोक मँ न छोड़ब्या। तू आपन पवित्तर जन क नास क अनुभव न होइ देब्या।
27कारण तू माझा जीव मरणाच्या जागेत राहू देणार नाहीस तू तुइया पवित्र लोकांच्या शरीराला कुजण्याचा अनुभव येऊ देणार नाहीस.
28तू ही मोरी जिन्नगी क राह क गियान कराइ दिहा ह। अउर तू ही आपन हाजिरी स मोका आनन्द स पूरा कइ देब्या।’ भजन संहिता 16:8-11
28तू मला कसे जगायचे ते शिकविलेस. तू माइयाजवळ येशील. आणि मला मोठा आनंद देशील.’ स्तोत्र.16:8-11
29“मोरे भाइयन, मइँ पतिआइके आदि मनई दाऊद क बारे मँ तू पचन्स कहि सकत हउँ कि ओकर मउत होइ गइ अउर ओका माटी दइ दीन्ह गइ। अउर ओकर कब्र हमरे हियाँ आजु तलक मौजूद बा।
29‘माझ्या बांधवांनो, खरोखर आपला पूर्वज दाविद याच्याविषयी मी तुम्हांला सांगू शकतो. तो मेला आणि पुरला गेला. आणि त्याची कबर आजच्या ह्या दिवसापर्यत आपल्यामध्ये आहे.
30मूला काहेकि उ एक नबी रहा अउर जानत रहा परमेस्सर सपथ खाइके ओका बचन दिहेस ह कि उ ओकरे वंस मँ स कउनो एक क सिंहासने प बइठाई।
30दावीद हा संदेष्टा होता. आणि देव जे काही बोलला ते त्याला माहीत होते. दावीदाला देवाने अभिवचन दिले की, तो त्याच्याच घराण्यातून एका व्यक्तीला त्याच्या राजासनावर बसवील.
31यह बरे अगवा जउन होइ क बाटइ, ओका दाऊद लखत भए उ सब इ कहे रहा कि: ‘ओका अधोलोक मँ नाहीं छोरा गवा अउर न ही ओकरे देह स सड़ब गलब क अंजाद लगाएस।’ तउ उ मसीह क पुनरूत्थान क बारे मँ ही कहे रहा।
31ते घडण्यापूर्वीच दावीदाला हे माहीत होते. यासाठीच दावीद त्या व्यक्तीबद्दल असे म्हणतो: ‘त्याला मरणाच्या जागेत राहू दिले नाही. त्याचा देह कबरेमध्ये कुजला नाही.’ दावीद रिव्रस्ताच्या मरणातून पुन्हा उठविण्याविषयी म्हणत होता.
32इहइ ईसू क परमेस्सर पुनरूत्थान कइ दिहेस। इ सच्चाई क हम पचे साच्छी अही।
32म्हणून येशूला देवाने मरणातून उठविले, दाविदाला नाही! आम्ही सर्व ह्या गोष्टीचे साक्षीदार आहोत. आम्ही त्याला पाहिले!
33परमेस्सर क दाहिन हाथे कइँती सबन ते उँचका ओहदा पाइके ईसू पिता स सपथ क अनुसार पवित्त्र आतिमा पाएस अउर फिन उ इ आतिमा क उड़ेरेस जेका अब तू लखत बाट्या अउर सुनत बाट्या।
33येशूला स्वर्गात उचतून घेण्यात आले. आता येशू देवाच्या उजवीकडे देवाबरोबर आहे. देवाने येशूला आता पवित्र आत्मा दिलेला आहे. हाच पवित्र आत्मा देण्याचे वचन देवाने दिले होते. म्हणून आता येशू तो आत्मा ओतीत आहे. हेच तुम्ही पाहत आहात व ऐकत आहात!
34दाऊद सरगे मँ नाहीं गवा तउ उ खुद कहत ह: ‘पर्भू (परमेस्सर) मोर पर्भू स कहेस: मोरे दाहिने बइठा, जब ताई मइँ
34दावीद वर स्वर्गात उचलला गेला नाही, तर येशूला वर स्वर्गात उचलून घेण्यात आले. दावीद स्वत: म्हणाला, ‘प्रभु (देव) माझ्या प्रभुला म्हणाला: मी तुझे वैरी
35तोहरे बैरिन क तोहरे गोड़वा तरे गोड़ धरइ क चउकी न बनइ देइ।’ भजन संहिता 110:1
35तुझ्या सामर्थ्याखाली घालीपर्यंत माझ्या उजवीकडे बैस. स्तोत्र. 110:1
36“यह बरे इस्त्राएल क समूचइ मनइयन ठीक तरह स समुझ लेइ कि परमेस्सर इ ईसू क जेका तू पचे क्रूस प चढ़ाइ दिहे रहा, पर्भू अउर मसीह दुइनउँ ठहरावा ग रहेन!”
36“म्हणून, सर्व यहूदी लोकांना खरोखर हे समजले पाहिजे की देवाने येशूला प्रभु व रिव्रस्त असे केलेले आहे. तुम्ही वधस्तंभावर खिळून मारलेला हाच तो मनुष्य!”
37मनइयन जब इ सुनेन तउ उ पचे घबराइ गएन अउर पतरस अउर दूसर प्रेरितन स कहेन, “तउ भाई, हम सबन क का करइ चाही?”
37जेव्हा लोकांनी हे ऐकले, तेव्हा त्यांना फार फार दु:ख झाले. त्यांनी पेत्राला व इतर प्रेषितांना विचारले, “आम्ही काय करावे?”
38पतरस ओनसे कहेस, “मनफिराओ अउर आपन पापे क छमा पावइ बरे तू पचन मँ स हर एक क ईसू मसीह क नाउँ स बपतिस्मा लेइ चाही। फिन तू पवित्तर आतिमा क उपहार मँ पउब्या।
38पेत्र त्यांना म्हणाला, “तुमची ह्रदये व जीविते बदला आणि येशू रिव्रस्ताच्या नावात तुम्ही प्रत्येकाने बाप्तिस्मा घ्यावा. मग देव तुमच्या पापांची क्षमा करील आणि तुम्हांला पवित्र आत्म्याचे दान प्राप्त होईल.
39काहेकि इ सपथ तोहरे बरे, तोहरे संतान बरे अउर ओन सब कामे बरे अहइ जउन बहोत दूर बाटेन। इ सपथ ओन सब बरे अहइ जेनका हमार पर्भू परमेस्सर आपन लगे बोलावत ह।”
39हे अभिवचन तुम्हांसाठी आहे, हे तुमच्या मुलांना आणि जे लोक खूप दूर आहेत त्यांनासुद्धा आहे. प्रभु आपला देव, ज्यांना स्वत:कडे बोलावितो अशा प्रत्येक व्यक्तीला ते दिलेले आहे.”
40अउर बहोत स बचन स उ ओनका चिताउनी दिहेस अउर समझाय के ओनसे कहेस, “इ कुमार्गी पीढ़ी स आपन खुद क बचावा!”
40पेत्राने दुसऱ्या पुष्कळ शब्दांत त्यांना सावधान केले; त्याने त्यांना विनवणी केली, “ह्या युगाच्या दुष्टाई पासून स्वत:चा बचाव करा!”
41तउ जउन ओकरे संदेसा क अंगीकार किहेन, ओनका बपतिस्मा दीन्ह गवा। इ तरह उ दिना उ बिसवासियन क झुण्ड मँ कउनो तीनजहार मनई अउर जुड़ गएन।
41मग ज्यांनी पेत्राने सांगितलेल्या गोष्टींचा स्वीकार केला, त्यांचा बाप्तिस्मा करण्यात आला. त्या दिवशी विश्वासणाऱ्यांच्या बंधुवर्गामध्ये तीन हजार लोकांची भर पडली.
42उ पचे प्रेरितन क उपदेस, संगत, रोटी क तोड़इ अउर पराथना करइ मँ जिअरा लगाइ दिहन।
42सर्व विश्वासणारे एकत्र भेटत असत. ते त्यांचा वेळ प्रेषितांची शिकवण शिकण्यात घालवीत. विश्वासणारे एकमेकांशी सहभागिता करीत. ते एकत्र खात आणि एकत्र प्रार्थना करीत.
43हर मनई प भय रहा अउर प्रेरितन क जरिये बहुत अचरज कारजन अउर अद्भुत चीन्हन परगट कीन्ह जात रहेन।
43प्रेषित अनेक सामर्थ्यशाली आणि अद्भुत गोष्टी करीत; आणि प्रत्येक व्यक्तीला देवाविषयी आदर वाटू लागला.
44सबहिं बिसवासी एक संग बटुरत रहेन अउर ओनके लगे जउन कछू रहा, उ पचे आपुस मँ बाँट लेत रहेन।
44सर्व विश्वासणारे एकत्र राहत. प्रत्येक गोष्ट ते आपापसात वाटत असत.
45उ पचे आपन सबहिं चीजन अउर धन-दौलत बेंचेन अउर ओन सब चिजन्क आपुस मँ बाँटि लिहन, जइसे जेका जरूरत रही।
45विश्वासणाऱ्यांनी आपल्या मालकीच्या जमिनी व वस्तू विकल्या. नंतर त्यांनी पैसे विभागून ज्यांना आवश्यकता होती अशा लोकांना दिले.
46अउर उ पचे हर दिन मन्दिर मँ एक उदेस्स स मिलि जात रहेन। उ पचे घरे मँ रोटी तोड़ लेतेन अउर आनन्द अउर निर्मल मन स खात रहेन।
46सर्व विश्वासणारे मंदिरामध्ये दररोज एकत्र जमत. त्या सर्वांचा उद्देश सारखाच होता. ते त्यांच्या घरामध्ये एकत्र खात. आपले अन्न इतरंना वाटण्यात त्यांना फार आनंद होत असे आणि आनंदी मनाने ते खात असत.
47उ पचे सब मनइयन क नीक बिचार क आनन्द लेत भए पर्भू क स्तुति गवात रहेन। अउर हर दिन परमेस्सर, जेनकइ उद्धार करत, ओनकइ दल मँ अउर जोरि दीन्ह जात।
47विश्वासणारे देवाची स्तुति करीत. आणि सर्व लोकांना ते आवडत असत. आणि अधिकाधिक लोक तारले जात होते. व विश्वासणाऱ्यांच्या गटामध्ये प्रभु रोज अनेक लोकांची भर घालीत असे.