1फिन ईसू बारहु प्रेरितन क एक साथे बोलॉएस। अउर ओनका दुस्ट आतिमन स छुटकारा दियावइ क सामर्थ अउर हक दिहेस। उ ओनका बेरामी दूर करइके सामर्थ दिहेस।
1येशूने बारा शिष्यांना एकत्र बोलाविले, आणि त्याने त्यांना सर्व भुतांवर सामर्थ्य व अधिकार दिला. आणि त्यांना त्याने रोग बरे करण्याचे सामर्थ्य दिले.
2फिन उ ओनका परमेस्सर क राज्य क सुसमाचार का घोसना किहेस अउर बेरमियन क नीक करइ बाहेर पठएस।
2नंतर त्याने त्यांना देवाच्या राज्याची घोषणा करण्यास व रोग्यांना बरे करण्यास पाठविले.
3उ ओनसे कहेस, “आपन जात्रा बरे कछू संग न लेइँ, न लाठी, न झोरा, न रोटी, चाँदी अउर न कउनो अउर ओढ़ना।
3तो त्यांना म्हणाल, “तुमच्या प्रवासासाठी बरोबर काठी, पिशवी, भाकरी, चांदीची नाणी, दोन-दोन अंगरखे असे काहीही घेऊ नका.
4तू जउन कउनो घरे क भितरे जा, हुवँइ ठहरा। अउर जब तलक बिदा न ह्वा, हुवइँ ठहरा रहा।
4आणि ज्या घरात तुम्ही जाल त्या घरातच तुम्ही राहा. व दुसऱ्या गावाला जाताना ते घर सोडा.
5अउर जहाँ कहूँ मनई तोहार अगवानी न करइँ तउ जब तू उ सहर क तजि द्या अउर ओनके खिलाफ सनद क रूप मँ गोड़वा क धूरि झाड़ि द्या।”
5जेथे लोक तुमचे स्वागत करणार नाहीत, तेथे गाव सोडताना त्यांच्याविरुद्ध साक्ष म्हणून आपल्या पायावरील धूळ झटकून टाका.”
6तउ हुवाँ स चलिके उ सबइ हर कतहूँ सुसमाचार क उपदेस देतेन अउर मनइयन क चंगा करत सबहीं गाउँन स फिरत भए जात्रा करइ लागेन।
6ते निघाल्यानंतर सर्व गावातून सुवार्ता सांगत व लोकांचे रोग बरे करीत गेले.
7अब जबहिं एक चउथाई देस क राजा हेरोदेस जउन कछू भवा रहा, ओकरे बारे मँ सुनेस तउ उ भरम मँ पड़ि गवा काहेकि कछू मनइयन इ कहत रहेन, “यूहन्ना क मरे हुअन मँ स जिआइ दीन्ह ग अहइ।”
7जेव्हा हेरोद राच्यापालाने जे सर्व काही घडत होते त्याविषयी ऐकले, तेव्हा तो घोटाळ्यात पडला. कारण काही जणांनी असे म्हटले की, “योहान मेलेल्यांतून उठविला गेला आहे.”
8दूसर कहत रहेन, “एलिय्याह परगट भवा अहा।” कछू अउर कहत रहेन, “पुरान जुग क कउनो नबी जी उठा बा।”
8इतर काही जण असे म्हणत होते की, “एलीया पुन्हा आला आहे.” इतर काही जणांनी असे सांगितले की, “फार पूर्वीच्या संदेष्ट्यांपैकी एक जण मेलेल्यांतून पुन्हा जिवंत झाला आहे.”
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10फिन जब प्रेरितन लौटिके आएन तउ उ पचे जउन कछू किहे रहेन, सब ईसू क बताएन। तउ उ ओनका हुवाँ स आपन संग लइके चुप्पे बैतसैदा नाउँ क सहर चला गवा।
10शिष्य परत आले तेव्हा त्यांनी येशूला आपण केलेल्या सर्व गोष्टी सांगितल्या. नंतर येशू त्यांना घेऊन बेथसैदा नावाच्या नगरास गुप्तपणे गेला.
11मुला भीड़ क पता लग गवा तउ उ भी ओनके पाछे होइ गइ। ईसू ओनकइ सुआगत किहेस अउ परमेस्सर क राज्य क बारे मँ ओनका बताएस। अउर जेनका दवाई क जरूरत रही ओनका नीक किहेस।
11पण लोकसमुदायाला हे कळले व ते त्याच्यामागे गेले. त्याने त्यांचे स्वागत केले आणि त्यांना स्वर्गराज्याविषयी सांगितले. ज्यांना बरे होण्याची आवश्यकता होती, त्यांना त्याने बरे केले.
12जब दिन ओनवइ लाग तउ उ पचे बारहु ओकरे लगे आएन अउर बोलेन, “भीड़ क बिदाई दइ द्या जइसे उ सबइ नगिचे क गाउँन अउर खेतन मँ जाइके ठहरइ क ठिकाना अउर खइया क पाइ सकइँ काहेकि हम हिआँ बहोत दूर सुनसान जगह मँ अही।”
12दिवस मावळत असता प्रेषित त्याच्याकडे आले आणि म्हणाले, “लोकांना जाऊ द्या. म्हणजे ते आजूबाजूच्या शेतात आणि खेड्यात जातील व त्यांना खावयाला व राहण्यास मिळण्याची शक्यता आहे का ते पाहतील. कारण आपण दूर ठिकाणी आहेत.”
13मुला उ ओनसे कहेस, “तू ही ऍनका खइया क द्या।” उ पचे बोलेन, “हमरे लगे बस पाँच रोटी अउर दुइ मछरी क छोड़िके अउर कछू भी नाहीं अहइ। या तू इ तउ नाहीं चाहत अहा कि हम पचे जाई अउर इ सबन बरे खइया के मोल क लइ आई।”
13पण तो त्यांना म्हणाला, “तुम्ही त्यांना काही खावयास द्या.” ते म्हणाले, “आम्ही जाऊन या सर्व लोकांसाठी अन्न विकत घ्यावे असे तुम्हांला वाटते काय? आमच्याजवळ फक्त पाच भाकरी आणि दोन मासे याशिवाय काही नाही.”
14(हुवाँ करीब पाँच हजार पुरुसन रहेन।) मुला ईसू आपन चेलन स कहेस, “ओनका पचास पचास क दल मँ बइठाइ द्या।”
14तेथे ते सुमारे पाच हजार पुरुष होते. परंतु तो आपल्या शिष्यांस म्हणाला, “त्यांना सुमारे पन्नासाच्या गटाने बसवा.”
15तउ उ पचे वइसा ही किहेन अउर हर कउनो क बइठाइ दिहन।
15त्यांनी तसे केले व सर्वांना खाली बसविले.
16फिन ईसू पाँच रोटी अउर दुइ मछरी क लइके सरगे कइँती लखत भवा ओनके बरे धन्यबाद दिहेस अउर फिन ओनके टुकड़न मँ तोरत भवा ओनका आपन चेलन क दिहस कि उ पचे मनइयन क परोस देइँ।
16नंतर त्याने पाच भाकरी व दोन मासे घेतले, मग स्वर्गाकडे बघून त्याने भाकरी व मासे याबद्दल देवाचे उपकार मानले. त्याचे तुकडे केले. नंतर लोकांना वाढण्यासाठी शिष्यांना दिले.
17मनइयन खुब जिअरा भरिके खाएन अउर बचा भवा टुकड़न स ओकर चेलन बारह झउआ भरेन।
17लोक जेवले व सर्व तृप्त झाले. आणि जेवून झाल्यानंतर उरलेले गोळा करण्यात आले तेव्हा त्या तुकड्यांच्या बारा टोेपल्या भरल्या.
18इ भवा कि ईसू जब अकेल्ॅले मँ पराथना करत रहा तउ ओकर चेलन भी ओकरे संग रहेन। तउ ईसू ओनसे पूछेस, “मनइयन का कहत हीं कि मइँ कउन हउँ?”
18मग असे झाले की एकदा येशू एकटाच प्रार्थना करीत असताना, त्याचे शिष्य त्याच्याबरोबर होते. त्याने त्यांना विचारले, “मी कोण आहे याबद्दल लोक काय म्हणतात?”
19उ पचे जवाब दिहन, “बपतिस्मा देवइया यूहन्ना कछू कहत हीं एलिय्याह मुला कछू दूसर कहत हीं पुरान जुग क कउनो नबी उठि खड़ा भवा बा।”
19ते म्हणाले, “बाप्तिस्मा करणारा योहान, इतर काही एलीया आणि काहीजण म्हणतात की, फार पूर्वी होऊन गेलेल्या संदेष्ट्यांपैकी कोणी तरी उठला आहे.”
20ईसू ओनसे कहेस, “अउर तू का कहत ह कि मइँ कउन हउँ?” पतरस जवाब दिहस, “परमेस्सर क मसीह।”
20तो त्यांना म्हणाला, “तुम्ही मला कोण म्हणून म्हणता?” पेत्राने उत्तर दिले, “देवाचा ख्रिस्त.”
21मुला इ बारे मँ कउनो क भी न बतावइ क चिताउनी देत भवा ईसू ओनसे कहेस,
21तेव्हा ताकीद देऊन त्याने त्यांना सूचना दिली की, हे कोणालाही सांगू नका.
22“इ तइ अहइ कि मनई क पूत ढेरि क कस्ट उठाई अउर उ बुजुर्ग यहूदी नेतन, मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन क मना कइ दिहे स मारि डावा जाई फिन तिसरे दिन जी जाई।”
22येशू म्हणाला, “मनुष्याच्या पुत्राला पुष्कळ दु:ख सोसणे आवाश्यक आहे, आणि वडिलांनी, मुख्य याजकांनी, नियमशास्त्राचे शिक्षक यांनी नाकारावे व त्यांच्याकडून मारले जावे व पुन्हा तिसऱ्या दिवशी उठावे हे आवश्यक आहे.”
23फिन उ ओन सबन स कहेस, “जदि कउनो मोरे साथ चलत चाहत ह तउ ओका खुद आपन क नकारइ क होई। अउर हर दिन ओका आपन क्रूस (यातना) उठावइ क होई। अउर मोर अनुसरन करइ क होइ।
23नंतर तो त्या सर्वांना म्हणाला, “जर कोणा व्यक्तीला माझ्या मागे यायचे असेल तर त्याने स्वत:ला नाकारले पाहिजे. व दररोज स्वत:चा वधस्तंभ उचलून माझ्या मागे आले पाहिजे.
24काहेकि जउन कउनो आपन जिन्नगी बचाउब चाहत ह, उ ओका खोइ बइठी मुला जउन कउनो मोरे बरे आपन जिन्नगी क तजि देइ, उहइ ओका बचाई।
24जो कोणी स्वत:चा जीव वाचवू पाहतो, तो त्याला मुकेल, पण जो कोणी माझ्यासाठी जिवाला मुकेल तो त्याला बाचवील.
25काहेकि ऍहम कउनो मनई का का लाभ अहइ कि उ समूचे संसार क लइ लेइ मुला खुद आपन क नास कइ देइ या खोइ देइ।
25कोणी सर्व जग मिळविले परंतु स्वत:चा नाश करुन घेतला किंवा स्वत:ला गमाविले तर त्याला काय लाभ?
26जउन कउनो भी मोरे या मोरे सब्दन बरे लजात ह, ओकरे बरे मनई क पूत भी जब आपन महिमा मँ, आपन परमपिता अउर पवित्तर सरगदूतन क महिमा मँ परगट होई तउ ओकरे बरे लजाइ जाई।
26जो कोणी माझी व माझ्या वचनांची लाज धरतो तर मनुष्याचा पुत्र जेव्हा त्याच्या वैभवाने, पित्याच्या आणि पवित्र दूतांच्या गौरवाने येईल तेव्हा तोही त्याची लाज धरील.
27मुला मइँ तोसे सच कहत हउँ, हिआँ कछू खड़ा अहइँ, जउन जब तलक मउत क सेवाद नाहीं लेइहीं, जब ताई परमेस्सर क राज्य क ना लखि लेइँ।”
27परंतु मी तुम्हांला खरे सांगतो येथे उभे राहिलेल्यांमध्ये असे काही आहेत की, स्वार्गाचे राज्य पाहिल्याशिवाय त्यांना मरणाचा अनुभव येणारच नाही.”
28इ सब्दन के कहइ क लगभग आठ दिना बाद उ पतरस, यूहन्ना अउर याकूब क संग लइके पराथना बरे पहाड़े प गवा।
28मग असे झाले की, तो असे बोलल्यावर साधारणपणे आठ दिवसांनंतर, आपल्याबरोबर पेत्र, योहान व याकोब यांना घेऊन डोंगरावर प्रार्थना करण्यास गेला.
29फिन अइसा भवा कि पराथना करत भए ओकरे मुँहना क रूप तनिक अलग होइ गवा अउर ओकर ओढ़ना चमचमात सफेद होइ गएन।
29मग असे घडले की, तो प्रार्थना करीत असताना त्याच्या चेहऱ्याचे रुप पालटले व त्याचे कपडे डोळे दिपविण्याएवढे पांढरेशुभ्र झाले.
30हुबँई ओसे बतियात दुइ मनई परगट भएन। उ सबइ मूसा अउर एलिय्याह रहेन।
30आणि तेथे दोघे जण त्याच्याबरोबर बोलत होते. ते एलीया व मोशे होते. ते गौरवामध्ये प्रगट झाले होते,
31जउन आपन महिमा क संग परगट भ रहेन अउर ईसू क मउत क बारे मँ बात करत रहेन जेका ओका यरूसलेम मँ पूरा करइ क रहा।
31आणि ते येशूच्या मरणाविषयी, जे तो यरुशलेमामध्ये पूर्ण करणार होता, त्याविषयी बोलत होते.
32मुला पतरस अउर जउन ओनके संग रहेन ओनका नींद आइ गइ। तउ जब उ पचे जागेन उ पचे ईसू क महिमा क लखेन अउर उ सबइ उ दुइ मनइयन क लखेन जउन ओकरे संग खड़ा रहेन।
32पण पेत्र व त्याच्याबरोबर असलेले सर्व झोपी गेले होते, जेव्हा ते जागे झाले, त्यांनी येशूचे गौरव पाहिले, आणि दोन मनुष्यांना त्याच्याबरोबर उभे असलेले पाहिले.
33अउर फिन भवा अइसा कि जइसे ही उ पचे ईसू स बिदाई लेत रहेन, पतरस ईसू स कहेस, “स्वामी अच्छा बा कि हम हिआँ अही, हमका तीन माँड़ब बनवइ क अहइँ एक तोहरे बरे, एक मूसा बरे अउर एक एलिय्याह बरे।” (उ नाहीं जानत रहा, उ का कहत अहइ।)
33मग असे झाले की, ते दोघे जण येशूपासून विभक्त होत असताना, पेत्र येशूला म्हणाला, “गुरुजी, आम्ही येथे आहोत ते चांगले झाले. आपण तीन मंडप तयार करु या, एक तुमच्यासाठी, एक मोशेसाठी व एक एलीयासाठी.” (तो काय बोलत होता हे त्याचे त्याला कळत नव्हते.)
34उ इ कहत रहा कि एक बादर उमड़ा अउर उ ओनका आपन छाया मँ घेरि लिहस। जइसे ही ओन प बादर छावा, उ पचइ घबराइ गएन।
34पण तो या गोष्टी सांगत असता एक मेघ खाली आला आणि त्याने छायेने झाकून टाकले. त्यांनी मेघामध्ये प्रवेश केल्यानंतर ते घाबरले.
35तबहीं बदरे स अकासबाणी भइ, “इ मोर पूत अहइ, ऍका मइँ चुन्यों ह, एकर सुना।”
35आणि त्यानां वेढलेल्या ढगातून एक वाणी ऐकू आली; ती म्हणाली, “हा माझा पुत्र आहे; तो माझा निवडलेला आहे, त्याचे ऐका.”
36जब अकासबाणी होइ गइ तउ उ पचे उहाँ ईसू क अकेल्लन पाएन। उ पचे ऍकरे बारे मँ चुप रहेन। उ सबइ जउन कछू लखेन, ओकरे बारे मँ उ समइ कउनो स कछू नाहीं कहेन।
36जेव्हा वाणी झाली तेव्हा येशू एकटाच तेथे होता. आणि याविषयी ते गप्प राहिले. त्यांनी त्यावेळी जे काही पाहिले होते त्याविषयी कोणालाही काही सांगितले नाही.
37अगवा दिन अइसा भवा कि जब उ पचे पहाड़ी स तरखाले उतरेन तउ ओनका एक बड़ी भीड़ मिलि गइ।
37नंतर दुसऱ्या दिवशी असे झाले की, जेव्हा ते डोंगरावरुन खाली आले तेव्हा मोठा जमाव येशूला भेटण्यासाठी आला.
38तबहीं भीड़ मँ स एक मनई चिचियान, “गुरु, मइँ पराथना करत हउँ कि मोरे बेटवा प दया दृस्टि करा। उ मोरे इकलौती संतान अहइ।
38आणि त्याचवेळी जमावातील एक मनुष्य मोठ्याने ओरडून म्हणाला, “गुरुजी, मी तुम्हांला विनंति करतो, माझ्या मुलाकडे पाहा, कारण तो माझा एकुलता एक मुलगा आहे.
39एकदम्मई एक दुस्ट आतिमा ओका जकरि लेत ह अउर चिचिआत ह। ओका दुस्ट आतिमा अइसे अइँठत ह कि ओकरे मुँहे स झाग निकरइ लागत ह। उ ओका बराबर सतावत रहत ह अउर कउनो तरह नाहीं छोड़त।
39एकाएकी त्याला अशुद्ध आत्मा धरतो व तो अचानक किंचाळतो, आणि तो त्याला झटके देईपर्यंत पिळतो, त्यामुळे त्याच्या तोंडाला फेस येतो, तो त्याला सोडीत नाही व त्याला गलितगात्र करतो.
40मइँ तोहरे चेलन स पराथना किहा ह कि ओका बाहेर खदेर देइँ मुला उ पचे अइसा नाहीं कइ सकेन।”
40मी तुमच्या शिष्यांना तो अशुद्ध आत्मा काढण्याची विनंति केली, पण त्यांना ते शक्य झाले नाही.”
41तब ईसू जवाब दिहेस, “अरे अबिसवासियो अउर भटक गवा मनइयो, मइँ अउर केतना दिन तोहरे संग रहब अउर कब ताईं तोहार सहत रहब?” आपन बेटवा क हिआँ लिआवा।”
41“येशू म्हणाला अहो, अविश्वासू व चुकलेल्या लोकांनो! मी तुमच्याबरोबर किती काळ राहू व किती काळ तुमचे सोसू? त्या मुलाला इकडे आणा.”
42अबहीं उ लरिका अउतइ रहा कि दुस्ट आतिमा ओका पटकनी दिहस अउर अइँठेसि। मुला ईसू दुस्ट आतिमा क फटकारेस अउर लरिका क रोग स जरटूट कइके बाप क सौंपि दिहस।
42परंतु तो येत असतानाच भुताने त्याला पाडले आणि पिळवटले. येशूने अशुद्ध आत्म्याला धमकावले. त्याने मुलाला बरे केले आणि त्याला त्याच्या वडिलांजवळ परत दिले.
43उ सबइ परमेस्सर क इ बड़कई स अचरजे मँ पड़ि गएन। ईसू जउन कछू करत रहा ओखा लखिके मनइयन जब अचरज करत रहेन तबहीं ईसू आपन चेलन स कहेस,
43देवाचा महिमा पाहून ते सर्व फार आश्चर्यचकित झाले. पण सर्व लोक येशूने जे केले त्याविषयी आश्चर्य व्यक्त करीत असताना, तो त्याच्या शिष्यांना म्हणाला.
44“अब मइँ जउन तोहसे कहत हउँ, ओन बातन प धियान द्या। मनई क पूत मनइयन क हाथे स धरावइ जाइवाला अहइ।”
44“मी तुमच्याजवळ ज्या गोष्टी सांगतो त्याकडे काळजीपूर्वक लक्षा द्या. मनुष्याच्या पुत्राला लोकांच्या हाती देण्यात येईल.”
45मुला उ पचे इ बात क नाहीं समुझ सकेन। इ ओनसे छुपी रही। तउ उ सबइ ओका पहिचान नाहीं पाएन। अउर उ पचे उ बात क बारे मँ ओसे पूछइ स ससान रहेन।
45पण शिष्यांना त्याचे बोलणे समजले नाही. ते त्यांच्यापासून लपवून ठेवण्यात आले होते. यासाठी की ते त्यांना समजू नये. आणि या बोलण्याविषयी त्याला विचारण्याची त्यांना भीति वाटत होती.
46एक दाईं ईसू क चेलन क बीच इ बाते प झगड़ा भवा कि ओनमाँ स सब स बड़कबा कउन बाटइ?
46आपणांमध्ये सर्वांत मोठा कोण असा शिष्यांमध्ये वाद सुरु झाला.
47ईसू जानि गवा कि ओनके मने मँ का बिचार अहइँ। तउ उ गदेला क लिहस अउर ओका अपने लगे ठाड़ कइके
47पण येशूला त्यांच्या मनातले विचार समजले, तेव्हा त्याने एका लहान बालकाला घेतले व त्याच्याजवळ त्याला उभे केले.
48ओनसे बोला, “जउन कउनो इ गदेला क मोरे नाउँ मँ ग्रहण करत ह, उ माना मोर ग्रहण करत बाटइ। अउर जउन कउनो मोर ग्रहण करत ह, उ ओकर (परमेस्सर) ही ग्रहण करत बाटइ जउन मोका पठएस ह। यह बरे जउन तू सबन मँ सब स नान्ह बाटइ, उहइ सबइ त बड़कवा अहइ।”
48येशू त्यानां म्हणाला, “जो कोणी ह्या लहान बालकाला माझ्या नावाने स्वीकारतो तो मला स्वीकारतो आणि जो मला स्वीकारतो तो ज्याने मला पाठविले त्याला स्वीकारतो. कारण जो कोणी तुम्हा मध्ये सर्वांत लहान बनेल तो सर्वांत मोठा आहे.”
49यूहन्ना आपन प्रतिक्रिया परगट करत भवा कहेस, “स्वामी, हम पचे तोहरे नाउँ प एक ठु मनई क दुस्ट आतिमन क निकारत लखा ह। हम सबइ ओखा रोकइ थामइ क जतन कीन्ह ह काहेकि उ हम पचन मँ स कउनो नाहीं अहइ, जउन तोहरे पाछे पाछे चलत हीं।”
49परंतु योहानाने उत्तर दिले, “गुरुजी, आम्ही कोणाला तरी तुमच्या नावाने भुते काढताना पाहिले, व आम्ही त्याला मना केले, कारण आम्ही जे तुम्हांला अनुसरतो त्यापैकी तो नाही.”
50ऍह पइ ईसू यूहन्ना स कहेस, “ओका जिन रोका काहेकि जउन तोहरे बिरुद्ध मँ नाहीं अहइ, उ तोहरे पच्छ मँ ही बाटइ।”
50परंतु येशू योहानाला म्हणाला, “त्याला मना करु नका, कारण जो तुमच्याविरुद्ध नाही तो तुम्हांला अनुकूल आहे.”
51अब अइसा भवा कि जब ओका ऊपर सरगे मँ लइ जाइके समइ आइ तउ उ यरूसलेम जाइके मन पक्का कइके चला गवा।
51आता असे घडले की, जेव्हा त्याला स्वर्गात घेण्याची वेळ आली, त्याने यरुशलेमाला जाण्याचे ठरविले.
52उ आपन दूतन क पहिले ही पठइ दिहस। उ पचे चलेन अउर ओकरे बरे तइयारी करइ क सामरी लोगन क गाउँ मँ पहुँचेन।
52त्याने आपणांपुढे निरोपे पाठविले. ते गेले आणि येशूच्या येण्याविषयीच्या तयारीसाठी एका शोमरोनी खेड्यात गेले.
53मुला सामरी मनइयन हुवाँ ओकर सुआगत मान नाहीं किहेन काहेकि उ यरूसलेम जात रहा।
53पण शोमरोन्यांनी येशूचा स्वीकार केला नाही, कारण तो यरुशलेमाकडे निघाला होता.
54जब ओकर चेलन याकूब अउर यूहन्ना इ देखेन तउ उ पचे बोलेन, “पर्भू का तू चाहत ह कि हम हुकुम देई कि अकासे स आगी बरिसइ अउर ओनका भसम कइ देइ?”
54जेव्हा याकोब व योहान या शिष्यांनी पाहिले, तेव्हा ते म्हणाले, “प्रभु, स्वर्गातील अग्नीने येऊन त्यांचा नाश करावा यासाठी आम्ही आज्ञा करावी असे तुला वाटते काय?”
55ऍह प उ ओनकी कइँती मुड़ा अउर ओनका डाटेस फटकारेस।
55तेव्हा त्याने वळून त्यांना धमकावले.
56फिन उ सबइ दूसर गाउँ चला गएन।
56आणि ते दुसऱ्या खेड्यात निघून गेले.
57जब उ सबइ सड़क पइ जात रहेन कउनो ओसे कहेस, “तू कतहूँ भी जा मइँ तोहरे पाछे चलब।”
57ते रस्त्याने चातल जात असता कोणी तरी त्याला म्हणाले, “तू जेथे कोठे जाशील तेथे मी तुझ्यामागे येईन.”
58ईसू ओसे कहेस, “लोखरिन क लगे बिल होत ही अउर अकासे क चिरइयन क घोंसला होत हीं मुला मनई क पूत क मूँड़ धरइ क कउनो ठउर नाहीं।”
58तेव्हा येशू त्याला म्हणाला, “कोल्ह्यांना बिळे आहेत, आणि आकाशातील पक्ष्यांना घरटी आहेत, पण मनुष्याच्या पुत्राला डोकेसुध्दा टेकावयास जागा नाही.”
59उ दूसर स कहेस, “मोरे पाछे होइ जा।” मुला उ मनई बोला, “पर्भू पहिले मोका जाइ द्या काहेकि मइँ आपन बाप क दफनियाइ आवउँ।”
59तो दुसऱ्या एकाला म्हणाला, “माझ्यामागे ये.” पण तो मनुष्य म्हणाला, “पहिल्यांदा मला जाऊ दे आणि माझ्या वडिलांना पुरु दे.”
60तब ईसू ओसे कहेस, “मरे भवा लोगन क आपन मुर्दा गाड़इ द्या, तू जा अउर परमेस्सर क राज्य क ऍलान करा।”
60पण येशू त्याला म्हणाला, “मेलेल्यांना त्यांच्या मेलेल्यांना पुरु दे. तू जा आणि देवाच्या राज्याची घोषणा कर.”
61फिन कउनो अउर भी कहेस, “हे पर्भू, मइँ तोहरे पाछे चलब मुला पहिले मोका आपन घरे क मनइयन स बिदाइ कइ देइ द्या।”
61दुसरा म्हणाला, “मी तुला अनुसरेन, प्रभु पण अगोदर मला माझ्या घरातील लोकांचा निरोप घेऊ दे.”
62ऍह प ईसू ओसे कहेस, “अइसा कउनो भी जउन हरे प हाथ धरे क बाद पाछे देखत ह, परमेस्सर क राज्य क जोग्ग नाहीं।”
62पण येशू त्यांस म्हणाला, “जोे कोणी नांगराला हात घालतो व मागे पाहतो तो देवाच्या राज्यासाठी योग्य नाही.”