1फिन ईसू एक नाउ प चढ़ा अउर झिलिया क पार आपन सहर आइ गवा।
1येशू नावेत चढला व परत आपल्या नगरात गेला.
2मनइयन लकुआ क मरीजे क खटिया प ओलराइके ओकरे नगिचे लइ आएन। ईसू जबहि ओकरे बिसवास क देखेस तउ लकुआ क रोगी स कहेस, “हे वालक ढाढ़स रखा। तोहार पापन्क छमा कीन्ह गवा।”
2तेव्हा काही लोकांनी पक्षघात झालेल्या मनुष्याला येशूकडे आणले. तो मनुष्य बाजेवर पडून होता. येशूने त्यांचा विश्वास पाहून त्या पक्षघाती मनुष्याला म्हटले. “तरुण मुला, काळजी करू नकोस. तुझ्या पापांची क्षमा झाली आहे.”
3तबहि कछू यहूदी धरम सास्तिरियन आपस मँ कहइ लागेन, “इ मनई (ईसू) अपने सब्दन स परमेस्सर क बेज्जत करत ह।”
3नियमशास्त्राच्या काही शिक्षकांनी हे ऐकले आणि ते आपसात म्हणाले, “हा मनुष्य तर ईश्वराची निंदा करीत आहे.”
4ईसू जानत रहा कि उ पचे का सोचत विचारत अहइँ: ईसू ओनसे बोला, “तू सब आपन मन मँ काहे बुरा बिचार आवइ देत ह
4त्यांचे विचार ओळखून येशू म्हणला, “तुमच्या अंत:करणात तुम्ही वाईट विचार का करता?
5जिआदा सहल का बाटइ? इ कहब, ‘तोहार पापन्क छमा कीन्ह गवा।’ या इ कहब, ‘खड़ा ह्वा अउर चलि पड़ा?’
5कारण, तुझ्या पापांची क्षमा झाली आहे असे म्हणणे, किंवा उठून चालू लाग, असे म्हणणे यातून कोणते सोपे आहे?
6काहेकि तू सब इ जान पावा कि धरती प पापन्क छमा करइ क सक्ती मनई क पूत मँ अहइ।” ईसू लकुआ क रोगी स कहेस, “खड़ा ह्वा, आपन बिछउना उठावा अउ घरे चला जा।”
6परंतु तुम्ही हे समजून घ्यावे की, मनुष्याच्या पुत्राला, पृथ्वीवर पापाची क्षमा करण्याचा अधिकार आहे.” मग येशू त्या पक्षघाती मनुष्याला म्हणाला, ‘ऊठ! आपला बिछाना घे आणि घरी जा.’
7उ लकुआ क मरीज खड़ा होइके आपन घर चला गवा।
7मग तो उठून आपल्या घरी गेला.
8जबहि भीड़े मँ मनइयन इ निहारेन कि तउ उ सबइ गहरी भक्ती स अचरजे मँ पड़ि गएन अउर परमेस्सर क गुन गावइ लागेन जउन मनई क अइसी सक्ती दिहेस।
8लोकांनी हे पाहिले व ते थक्क झाले आणि ज्या देवाने मनुष्यास असा अधिकार दिला त्याचा त्यांनी गौरव केला.
9[This verse may not be a part of this translation]
9[This verse may not be a part of this translation]
10अइसा भवा कि जब ईसू मत्ती क घर बहोत स चुंगी उगहियन अउर पापी मनइयन क संग आपन मनवइयन क साथ लइके जेंवत रहा।
10येशू मत्तयाच्या घरी जेवत असता, पुष्कळ जकातदार व पापी आले आणि येशू व त्याचे शिष्य यांच्याबरोबर जेवायला बसले.
11तउ ओका फरीसियन देखेन अउर ओनके चेलन स पूछइ लागेन, “तोहार गुरु चुंगी क उगहिया अउर बुरा मनइयन क संग खइया के काहेखात ह”
11परूशांनी ते पाहिले त्यांनी येशूच्या शिष्यांस विचारले, “तुमचा गुरू जकातदार व पापी यांच्याबरोबर का जेवतो?”
12इ सुनिके ईसू ओनसे कहेस, “हिट्ठ पुट्ठ मनई क नाहीं मुला बेरमियन क एक बैद्य (डाक्टर) क जरूरत होत ह।
12येशूने त्यांना हे बोलताना ऐकले, तो त्यांना म्हणाला, “जे निरोगी आहेत त्यांना वैद्याची गरज नाही तर जे आजरी आहेत त्यांना आहे.
13एह बरे तू सबइ जा अउर समझा कि सास्तरे क बचन क अरथ का अहइ? ‘मइँ बलिदान नाहीं चाहत हउँ मुला द्ाया चाहता हउँ।’ मइँ धर्मी क नाहीं मुला पापियन क बुलावइ आइ हउँ।”
13मी तुम्हांला सांगतो, जा आणि याचा अर्थ काय ते शिका: ‘मला यज्ञपशूंची अर्पणे नकोत, तर दया हवी. ‘मी नीतिमान लोकांना नव्हे, तर पापी लोकांना बोलावण्यास आलो आहे.”
14फिन बपतिस्मा क देवइया यूहन्ना क चेलन ईसू क लगे गएन अउर पूछेन, “हम सबइ अउर फरीसियन पुनि पुनि उपवास काहे करत हीं परन्तु तोहार चेलन काहे नाहीं करतेन?”
14मग योहानाचे शिष्य त्याच्याकडे आले आणि त्यांनी त्याला विचारले, “आम्ही व परुशी पुष्कळ वेळा उपास करतो. पण तुझे शिष्य उपास करीत नाहीत. ते का?”
15फिन ईसू ओनका समझाएस, “का दूल्हा क साथी जब ताईं दूल्हा ओनके संग अहइ, सोक मनाइ सकत हीं? मुला उ दिनन अइहीं जब दूल्हा ओनसे छीन लीन्ह जाई फिन उ समइया मँ उ सबइ दुखी होइहीं अउर उपवास करिहीं।
15येशूने त्यांना उत्तर दिले, “नवरा मुलगा (वर) सोबत असताना त्याचे वऱ्हाडी दु:खी कसे राहतील? अशी वेळ येईल जेव्हा नवऱ्या मुलाला त्यांच्यापासून दूर केले जाईल तेव्हा ते उपास करतील.
16“बे सिकुड़ा भवा नवा कपरा क पइबंद पुरान पोसाके प कउनो लगावत नाहीं काहेकि इ पइबंद पोसाके क अउर जिआदा फाड़ देइ अउ कपरा क खोंच अउर बाढ़ जाई।
16कोणी नव्या कापडाचे ठिगळ जुन्या कापडाला लावीत नाही, कारण ते ठिगळ त्या कापडापासून निघून जाईल व छिद्र अधिक मोठे होईल.
17नई दाखरस पुरान मसकन मँ भरी नाहीं जात। नाहीं तउ मसकन क फोरि देइ अउर दाखरस बहिके फैलि जाई। एह बरे लोग नई दाखरस नई मसकन मँ भरत हीं जइसे दाखरस अउर मसकन दुइनउँ बचा रहइँ।”
17तसेच नवा द्राक्षारस जुन्या कातडी पिशवीत कोणी घालीत नाहीत, घातला तर पिशव्या फुटतात व त्यांचा नाश होतो. म्हाणून लोक नवा द्राक्षारस नव्या पिशव्यात घालतात. तेव्हा दोन्हीही चांगले राहतात.”
18ईसू ओन मनइयन क जब इ बतिया बतावत रहा, तबहि यहूदी आराधनालय क एक मुखिया ओकरे लगे आवा अउर ओकरे समन्वा निहुरिके बिनती करत भवा बोला, “अबहीं अबहीं मोर बिटिया मरी गइ अहइ। तू चलिके जदि ओह प आपन हाथ रख द्या तउ उ फिन जी जाई।”
18येशू या बोधकथा सांगत असता पहुद्यांच्या सभास्थानाचा एक अधिकारी त्याच्याकडे आला व येशूच्या पाया पडून म्हणाला, “माझी मुलगी आताच मेली आहे. परंतु आपण येऊन आपल्या हाताचा स्पर्श केला तर ती पुन्हा जिवंत होईल.”
19ऍह प ईसू खड़ा होईके आपन चेलन क संग ओकरे साथ चल दिहेस।
19तेव्हा येशू व त्याचे शिष्य त्या सेनाधिकाऱ्याबरोबर निघाले.
20हुवाँ एक ठु स्त्री रही जेका बारह बरिस स खून बहत रहा। उ पाछे स ईसू क नगिचे आइ, ओकरे ओढ़ना क मुहरी छुइ लिहस।
20वाटेत बारा वर्षापासून रक्तस्राव असलेली एक स्त्री मागून येऊन येशूच्या जवळ पोहोंचली व त्याच्या वस्त्राला शिवली.
21उ आपन मनवा मँ सोचत रही, “जदि मइँ तनिकउ भी एकर ओढ़ना छुइ पावउँ, तउ नीक होबउँ।”
21कारण तिने आपल्या मनात म्हटले, “मी केवळ त्याच्या वस्त्राला शिवले तरी बरी होईन.”
22घूमिके निहारत भवा ईसू कहेस, “बिटिया, खुस रहा। तोहार बिसवास तोहका चंगा किहेस ह।” अउर उ स्त्री तुंरतहि उहइ छन चंगा होइ गइ।
22तेव्हा येशू मागे वळून तिला पाहून म्हणाला, “बाई काळजी करू नकोस! तुझ्या विश्वासाने तुला बरे केले आहे.” आणि ती स्त्री त्याच क्षणी बरी झाली.
23ओह कइँती ईसू जब आराधनालय क मुखिया क घरवा पहुँचा तउ उ देखेस कि सोक धुन बजावत बाँसुरी क बजवइया अउर हुवाँ ऍकट्ठा भए मनइयन लरकी क मउत प सोक करत रहेन।
23मग येशू त्या यहूदी सभास्थानाच्या अधिकाऱ्याच्या घरात आला. तेव्हा त्याने बासरी वाजविणाऱ्या व गोंधळ करणाऱ्या जमावाला पाहिले.
24तबहि ईसू लोगन्स कहेस, “हियाँ स बाहेर जा। लरकी मरी नाहीं बा, उ तउ सोवति अहइ।” ऍह प मनई ओकर हँसी ठट्ठा करह लागेन।
24येशू म्हणाला, “जा, मुलगी मेलेली नाही, ती झोपेत आहे.” तेव्हा लोक येशूला हसले.
25फिन जब भिरिया क मनइयन क बाहेर पठएस तउ ईसू लरकी क कोठरी मँ जाइके ओकर हथवा पकड़ेस अउर उ उठि गइ।
25मग त्या जमावाला बाहेर पाठविल्यावर त्याने आत जाऊन तिचा हात आपल्या हातात घेतला आणि ती मुलगी उठली.
26ऍकर खबरिया उ समूचइ पहँटा मँ संचर गइ।
26आणि ही बातमी त्या प्रांतात पसरली.
27ईसू जब हुवाँ स जाइ लाग तउ दुइ आँधर ओकरे पाछे होइ गएन। उ दुइनउँ चिल्लात रहेन, “हे दाऊद क पूत, हम प दाया करा।”
27तेव्हा येशू तेथून जात असता दोन आंधळे त्याच्यामागे ओरडत चालले. म्हणू लागले, “दाविदाच्या पुत्रा, आम्हांवर दया करा.”
28ईसू जइसे घरवा क भीतर पहुँच गवा तउ उ पचे आँधर ओकरे लगे आएन। तबहिं ईसू ओनसे कहेस, “का तोहका बिसवास अहइ कि मइँ, तोहका फिन आँखिन दइ सकत हउँ?” उ पचे जवाब दिहेन, “हाँ पर्भू।”
28येशू आत गेला तेव्हा ते आंधळेही आत गेले. त्याने त्यांना विचारले. “मी तुम्हांला दृष्टि देऊ शकेन असा तुमचा विश्वास आहे का?” “होय, प्रभु,” त्यांनी उत्तर दिले.
29ऍह पर ईसू ओनकइ आँखिन क छुअत कहेस, “तोहरे बरे वइसा होइ जइसा तोहार बिसवास अहइ।”
29मग त्याने त्यांच्या डोळ्यांना स्पर्श केला आणि म्हणाला, “तुमच्या विश्वासाप्रमाणे तुमच्या बाबतीत घडो.”
30अउर आँधरन क जोति मिल गइ। फिन ईसू ओनका चिताउनी देत कहेस, “ऍकरे बारे मँ कउनो क पता नाहीं लागइ चाहीं।”
30आणि त्यांना पुन्हा दृष्टि आलि. येशूने त्यांना सक्त ताकीद दिली, “पाहा, हे कोणाला कळू देऊ नका.”
31मुला उ पचे हुवाँ स जाइके इ खबरिया क उ पहॅटा मँ चारिहुँ कइँती फैलाइ दिहन।
31परंतु ते बाहेर गेले आणि त्यांनी त्या प्रदेशात सगळीकडे ही बातमी पसरविलि.
32जब उ दुइनउँ हुवाँ स जात रहेन तउ कछू लोग ईसू क लगे एक ठु गूंगा क लइ आएन। गूंगा मँ दुस्ट आतिमा क सवारी रही अउर यह बरे उ कछू बोल नाहीं पावत रहा।
32मग ते दोघे निघून जात असताना लोकांनी एका भूतबाधा झालेल्या माणसाला येशूकडे आणले.
33जब उ दुस्ट आतिमा क निकारि दिहस तउ उ गूंगा, जउन पहिले कछू नाहीं बोल सकत रहा, बोलइ लाग। तबहि भिरिया क लोग अचरचे मँ कहेन, “इस्राएल मँ अइसी घटना कबहुँ नाहीं देखी गइ।”
33जेव्हा येशूने त्यामधून भूत काढून टाकले तेव्हा पूर्वी मुका असलेला तो मनुष्य बोलू लागला. लोकांना ह्याचे आश्चर्य वाटले व ते म्हणाले, “इस्राएलमध्ये याआधी असे कधीही झालेले पाहण्यात आले नाही.”
34मुला फरीसियन कहत रहेन, “उ दुस्ट आतिमन क सइताने क मदद स बाहेर खदेरत ह।”
34परंतु परूशी म्हणाले, “हा भूतांच्या अधिपतीच्या साहाय्याने भुते काढतो.”
35ईसू यहूदी आराधनालय मँ उपदेस देत, परमेस्सर क राज्य क सुसमाचार क प्रचार करत, मनइयन क बेरामी अउर हर तरह क दारून दुःख हरत उ समूचइ पहँटा क गाउँ गाउँ अउर सहर सहर घूमत रहा।
35येशू त्यांच्या सभास्थानांमध्ये शिक्षण देत व राज्याचे शुभवर्तमान गाजवीत आणि सर्व प्रकारचे रोग व सर्व प्रकारचे आजार बरे करीत सर्व नगरातून व सर्व खेड्यातून फिरला.
36ईसू जब कउनो भिरिया क देखततउ ओनके बरे करुना स भरि जात काहेकि उ पचे सतावा भवा अउर बेसहारा रहेन, जइसें भेड़ रहिन अउ ओनकइ कउनो गड़रिया नाहीं रहा।
36आणि जेव्हा त्याने त्रासलेल्या असहाय लोकांचे समुदाय पाहिले तेव्हा त्याला त्यांचा कळवळा आला. कारण मेंढपाळ नसलेल्या मेंढरांसारखे ते कष्टी व पांगलेले होते.
37तबहिं ईसू आपन चेलन स कहेस, “तइयार खेत तउ बहोत अहइँ मुला मजदूर कम बाटेन। 38यह बरे फसल क परमेस्सर स बिनती करा कि उ, आपन फसल काटइ बरे मजदूर पठवइ।”
37तो आपल्या शिष्यांस म्हणाला, “पीक खरोखर फार आहे, पण कामकरी थोडे आहेत.
38[This verse may not be a part of this translation]
38म्हणून तुम्ही पिकाच्या प्रभूची प्रार्थना करा यासाठी की, त्याने आपल्या पिकाची कापणी करायला कामकरी पाठवावेत.’