1भाइयो तथा बहिनियो, मोरे हीये क इच्छा बा अउर मइँ परमेस्सर स ओन्हन सबके बरे पराथना करत हउँ कि ओनकर उद्धार होइ जाइ।
1बंधूनो, इस्राएलाच्या वतीने माझी मनीषा आणि देवाजवळ प्रार्थना आहे की,
2काहेकि मइँ साच्छी देत हउँ कि ओहमाँ परमेस्सर क धुन बा। परन्तु उ ज्ञान पे नाहीं टिकी बा
2त्यांचे तारण व्हावे, कारण मी त्यांच्याविषयी साक्ष देतो की, त्यांना देवाविषयी कळकळ आहे, परंतु ती ज्ञानावर आधारित नाही.
3काहेकि उ पचे उ धार्मिकता क नाहीं जानत रहेन जउन परमेस्सर स मिलत अहइ। अउर उ सबइ आपन निजी धार्मिकता क स्थापना क जतन करत रहेन। तउ उ परमेस्सर क धार्मिकता क नाहीं स्वीकारेन।
3देवापासून मिळणाऱ्या नीतिमत्वाविषयी त्यांना माहिती नसल्यामुळे ते आपलेच नीतिमत्व स्थापावयास पाहत होते. त्यामुळे ते देवाच्या नीतिमत्वाला वश झाले नाहीत.
4मसीह व्यवस्था क अन्त किहेस ताकि हर कउनो क जउन बिसवास करत ह, उ परमेस्सर बरे धार्मिक होइ जाइ।
4कारण ख्रिस्त नियमशास्त्राचा शेवट आहे यासाठी की, जे विश्वास ठेवतात त्यांना नीतिमत्व मिळावे.
5धार्मिकता क बारे मँ जउन व्यवस्था स मिलत ह, मूसा लिखे बाटइ, “जउन व्यवस्था पे चली, उ ओनके कारण जिन्दा रही।”
5नियमशास्त्राद्वारे मिळणाऱ्या नीतिमत्वाविषयी मोशे लिहितो, “जो मनुष्य या गोष्टी करतो तो त्याकडून जगेल.”
6परन्तु बिसवास स मिलइवाली धार्मिकता क बरे मँ पवित्तर सास्तर इ कहत ह, “तू अपने स इ न पूछा, ‘सरगे मँ ऊप्पर कउन जाई?”‘ (यानि “मसीह क नीचे धरती पे लियावइ।”)
6विश्वासाने मिळणारे नीतिमत्व हे सांगते, “तुम्ही आपल्या मनात म्हणू नका की स्वर्गात कोण जाईल? (म्हणजे ख्रिस्ताला खाली आणावयास)
7“या, ‘नीचे अधोलोक मँ कउन जाई?”‘ (यानि “मसीह क मरा हुवन मँ स ऊपर लियावइ?”)
7किंवा “खाली अधोलोकात कोण जाईल? (म्हणजे ख्रिस्ताला मेलेल्यातून वर आणायला).
8पवित्तर सास्तर इ कहत ह: “बचन तोहरे लगे बा, तोहरे ओठन पे बा अउर तोहरे मने मँ बा।” यानि बिसवास क वह बचन जेकर हम प्रचार करत अही,
8नाही! शास्त्र काय म्हणते? “ते वचन तुमच्याजवळ, तुमच्या मुखात, तुमच्या अंत:करणात आहे.” ते वचन हे आहे
9कि अगर तू अपने मूँहे स घोसित करा, “ईसू मसीह पर्भू अहइ”, अउर तू अपने मने मँ इ बिसवास करा कि परमेस्सर तउ ओका मरा हुवन मँ स जिन्दा किहेस तउ तोहार उद्धार होइ जाई।
9की, जर तू तुझ्या मुखाने “येशू प्रभु आहे” असा विश्वास धरतोस आणि आपल्या अंत:करणात देवाने त्याला मेलेल्यांतून उठविले असा विश्वास धरतोस तुझे तारण होईल
10काहेकि अपने हृदय क बिसवास स मनई धार्मिक ठहरावा जात ह अउर अपने मुँहे स ओकरे बिसवास क स्वीकार करइ स ओकर उद्धार होत ह।
10कारण नीतिमत्वासाठी मनुष्य अंत:करणाने विश्वास ठेवतो आणि तारणासाठी विश्वासाने कबूल करतो.
11पवित्तर सास्तर कहत ह, “जउन केऊ ओहमाँ बिसवास रखत ह ओका निरास न होइ पड़ी।”
11शास्त्र सांगते, “जो कोणी त्याच्यावर विश्वास ठेवतो तो लज्जित होणार नाही.”
12इ एह बरे बा कि यहूदी अउर गैर यहूदी मँ कउनउ भेद नाहीं कहेकि सब क पर्भू तउ एक्कइ अहइ। अउर ओकर दया ओन्हन सब क बरे, देत ह जउन ओकर नाउँ लेत हीं, अपरम्पार बा।
12याचे कारण की, यहूदी आणि ग्रीक यांच्यात भेद नाही. कारण प्रभु हा सर्वांचा प्रभु आहे. जे हाक मारतात त्या सर्वांवर दया करण्या इतका तो संपन्र आहे.
13पवित्तर सास्तर कहत ह, “हर केऊ जउन पर्भू क नाउँ लेत हीं, उद्धार पइहीं।”
13कारण “जे कोणी प्रभूचे नाव घेऊन हाक मारतील, त्यांचे तारण होईल.”
14परन्तु उ सबइ जउन ओहमाँ बिसवास नाहीं करतेन, ओकर नाउँ कइसे पुकरिहीं? अउर उ पचे जउन ओकरे बारे मँ सुनेन नाहीं, ओहे मँ बिसवास कइसे कइ पइहीं? अउर फिन भला जब तलक केऊ ओनका उपदेस देइवाला न होइ, उ पचे कइसे सुन सकिहीं?
14परंतु ज्याच्यावर त्यांनी विश्वास ठेवला नाही त्याला हाक मारणे त्यांना कसे शक्य होईल? ज्याच्याविषयी त्यांनी ऐकले नाही त्याच्यावर विश्वास ठेवणे त्यांना कसे शक्य होईल? आणि जर कोणी त्यांना उपदेश केला नाही, तर ते कसे ऐकतील?
15अउ उपदेसक तब तलक उपदेस कइसे दइ पइहीं? जब तलक ओनका भेजा न गवा होइ? जइसेन कि पवित्तर सास्तर मँ कहा बा, “सुसमाचार लियावइ वालन क चरण केतना सुन्दर बाटेन।”
15त्यांना पाठविले नाही तर उपदेश करणे त्यांना कसे शक्य होईल? असे लिहिले आहे की, “शुभवार्ता आणणाऱ्याचे पाय किती सुंदर आहेत!
16परन्तु सब सुसमाचार क स्वीकार करेन नाहीं। यसायाह कहत ह, “पर्भू हमरे उपदेस क कउन स्वीकार किहेस?”
16परंतु सर्वच यहूद्यांनी ती शुभवार्ता स्वीकारली नाही. यशयाने म्हटल्याप्रमाणे “प्रभो, आम्ही ज्या गोष्टी त्यांना सांगितल्या, त्यावर कोणी विश्वास ठेवला?”
17तउ सुसमाचार क सुनइ स बिसवास उपजत ह अउर सुसमाचार तब सुना जात ह जब केऊँ मसीह क बारे मँ उपदेस देत ह।
17म्हणून जे ऐकले त्याचा परिणाम विश्वास आणि जेव्हा कोणी येशूविषयी उपदेश केला.
18परन्तु मइँ कहत हउँ, “का उ पचे हमरे सुसमाचार क नाहीं सुनेन?” हाँ निस्चय ही। पवित्तर सास्तर कहत ह: “ओनकर स्वर समूचा धरती पे फइल गवा अउर ओनकर बचन जगत क एक छोर स दुसरे छोर तलक पहुँचेन।” भजन संहिता 19:4
18परंतु मी म्हणतो, “त्यांनी आमचा उपदेश ऐकला नव्हता काय? “होय, त्यानी ऐकला: आत्मा म्हणतो: “त्यांच्या आवाजाचा नाद सर्व पृथ्वीवर गेला आहे आणि त्यांचे शब्द पृथ्वीच्या शेवटापर्यंत गेले आहेत.” स्तोत्र. 11:4
19परन्तु मइँ पूछित हउँ कि, “का इस्राएली नाहीं समझत रहेन?” मूसा कहत ह: “पहिले मइँ तू लोगन क मन मँ अइसेन लोगन क द्वारा जउन सही मँ कउनउ जाति नाहीं अहइ, डाह पैदा करब। मइँ उ रास्ट्र, जो समझत नाहीं, तोहे किरोध दियाउब।” व्यवस्था विवरण 32:21
19परंतु मी म्हणातो, “इस्राएल लोकांना कळले नव्हते काय?” होय, त्यांना कळले, प्रथम मोशे म्हणतो, “खरे तर ज्या लोकांचे राष्ट्र नाही त्यांचा उपयोग करुन मी तुम्हांला मत्सरी करीन. विश्वासहीन राष्ट्राचा उपयोग करुन मी तुम्हांला राग आणीन.” अनुवाद 32:21
20फिन यसायाह साहस क साथ कहत ह: “मोका ओन्हन सब पाइ लिहेन जउन मोका नाहीं खोजत रहेन। मइँ ओनव्के बरे परगट होइ गएउँ। जउन मोर खोज खबर मँ नहीं रहेन।” यसायाह 65:1
20नंतर यशया फार धीट होऊन म्हणतो, “जे मला शोधीत नव्हते त्यांना मी सापडलो, जे माझी चौकशी करीत नसत त्यांना मी प्रगट झालो.” यशया 65:1
21परन्तु परमेस्सर इस्राएलियन क बारे मँ कहत रहा, “मइँ सब दिना आज्ञा न मानइवालन अउर अपने बिरोधियन क आगे हाथ फइलाए रहेउँ।”
21परंतु देव इस्राएल लोकांविषयी म्हणतो, “ज्या लोकानी माझी आज्ञा मोडली, आणि मला विरोध केला त्यांच्याकडे सर्व दिवसभर मी आपले हात पसरले आहेत.”