1मग मी नवीन स्वर्ग आणि नवीन पृथ्वी पाहिली. कारण पहिले आकाश आणि पहिली पृथ्वी ही नाहीशी झाली होती. आणि कोणताही समुद्र राहिला नव्हता.
1ܘܚܙܝܬ ܫܡܝܐ ܚܕܬܬܐ ܘܐܪܥܐ ܚܕܬܐ ܫܡܝܐ ܓܝܪ ܩܕܡܝܬܐ ܘܐܪܥܐ ܩܕܡܝܬܐ ܐܙܠܘ ܘܝܡܐ ܠܝܬܘܗܝ ܬܘܒ ܀
2पवित्र नगर यरुशलेम देवापासून खाली उतरताना मी पाहिले. ते नगर ʊ यरुशलेम, वरासाठी सजविलेल्या वधूसारखे दिसत होते.
2ܘܠܡܕܝܢܬܐ ܩܕܝܫܬܐ ܐܘܪܫܠܡ ܚܕܬܐ ܚܙܝܬܗ ܕܢܚܬܐ ܡܢ ܫܡܝܐ ܡܢ ܨܝܕ ܐܠܗܐ ܕܡܛܝܒܐ ܐܝܟ ܟܠܬܐ ܡܨܒܬܬܐ ܠܒܥܠܗ ܀
3आणि स्वर्गातील सिंहासनापासून झालेली मोठी वाणी मी ऐकली. ती वाणी म्हणाली, “आता माणसांच्या बरोबर देवाची वस्ती आहे. आणि तो त्यांच्या बरोबर राहील. आणि तो त्यांचा देव होईल.
3ܘܫܡܥܬ ܩܠܐ ܪܒܐ ܡܢ ܫܡܝܐ ܕܐܡܪ ܗܐ ܡܫܪܝܐ ܕܐܠܗܐ ܥܡ ܒܢܝܢܫܐ ܘܫܪܐ ܥܡܗܘܢ ܘܗܢܘܢ ܥܡܐ ܕܝܠܗ ܢܗܘܘܢ ܘܗܘ ܐܠܗܐ ܥܡܗܘܢ ܘܢܗܘܐ ܠܗܘܢ ܐܠܗܐ ܀
4तो त्यांच्या डोळ्यांतील अश्रु पूसून टाकील. आणि येथून पुढे मरण असणार नाही. शोक करणे, रडणे आणि अथवा दु:खसहन् करणे राहणार नाही. कारण सर्व जुन्या गोष्टी नाहीशा झालेल्या आहेत.”
4ܘܗܘ ܢܠܚܐ ܟܠ ܕܡܥܐ ܡܢ ܥܝܢܝܗܘܢ ܘܡܘܬܐ ܠܐ ܢܗܘܐ ܡܟܝܠ ܘܠܐ ܐܒܠܐ ܘܠܐ ܪܘܒܐ ܘܠܐ ܟܐܒܐ ܬܘܒ ܢܗܘܐ ܥܠ ܐܦܝܗ ܀
5जो सिंहासनावर बसलेला होता, तो म्हणाला, “पाहा मी सर्व काही नवीन करीत आहे!” मग तो पुढे म्हणाला, “लिही! कारण हे शब्द विश्वास ठेवण्याला योग्य आणि खरे आहेत.”
5ܘܐܙܠܬ ܘܐܡܪ ܠܝ ܕܝܬܒ ܥܠ ܟܘܪܤܝܐ ܗܐ ܚܕܬܐ ܥܒܕ ܐܢܐ ܟܠ ܘܐܡܪ ܠܝ ܟܬܘܒ ܗܠܝܢ ܡܠܐ ܡܗܝܡܢܬܐ ܘܫܪܝܪܬܐ ܐܝܬܝܗܝܢ ܀
6नंतर तो मला म्हणाला, “पूर्ण झाले आहे! मी अल्फा व ओमेगा, आरंभ व शेवट आहे. जो कोणी तहानेला आहे, त्याला मी जीवनी पाण्याच्या झऱ्यातील पाणी फुकट देईन.
6ܘܐܡܪ ܠܝ ܗܘܝ ܐܢܐ ܐܠܦ ܘܐܢܐ ܬܘ ܪܝܫܝܬܐ ܘܫܘܠܡܐ ܠܕܨܗܐ ܐܢܐ ܐܬܠ ܡܢ ܥܝܢܐ ܕܡܝܐ ܚܝܐ ܡܓܢ ܀
7जो विजय मिळवितो, त्याला या सर्व गोष्टी मिळतील, मी त्याचा देव होईन, व तो माझा पुत्र होईल.
7ܘܕܙܟܐ ܗܘ ܢܐܪܬ ܗܠܝܢ ܘܐܗܘܐ ܠܗ ܐܠܗܐ ܘܢܗܘܐ ܠܝ ܒܪܐ ܀
8परंतु भित्रे, विस्वास न ठेवणारे अंमगळ, खुनी, व्यभिचारी, (म्हणजे लैंगिक अनीतीने वागणारे लोक), चेटकी, मूर्तिपूजा करणारे आणि सर्व खोटे बोलणारे अशा सर्वांना अग्नीने व गंधकाने धगधगणाऱ्या तळ्यामध्ये जागा मिळेल. हे दुसरे मरण आहे.”
8ܠܩܢܘܛܬܢܐ ܕܝܢ ܘܠܐ ܡܗܝܡܢܐ ܘܥܘܠܐ ܘܡܤܝܒܐ ܘܩܛܘܠܐ ܘܚܪܫܐ ܘܙܢܝܐ ܘܦܠܚܝ ܦܬܟܪܐ ܘܟܠܗܘܢ ܕܓܠܐ ܡܢܬܗܘܢ ܒܝܡܬܐ ܝܩܕܬܐ ܕܢܘܪܐ ܘܟܒܪܝܬܐ ܐܝܕܐ ܕܐܝܬܝܗ ܡܘܬܐ ܬܢܝܢܐ ܀
9मग ज्या देवदूतांच्या हातात सात पीडांनी भरलेल्या सात वाट्या होत्या. त्यांच्यापैकी एक देवदूत आला, आणि तो मला म्हणाला, “इकडे ये! जी कोकऱ्याची वधु आहे, ती मी तुला दाखवितो.”
9ܘܐܬܐ ܚܕ ܡܢ ܫܒܥܐ ܡܠܐܟܝܢ ܐܝܠܝܢ ܕܐܝܬ ܥܠܝܗܘܢ ܫܒܥ ܙܒܘܪܝܢ ܕܡܠܝܢ ܫܒܥ ܡܚܘܬܐ ܐܚܪܝܬܐ ܘܡܠܠ ܥܡܝ ܠܡܐܡܪ ܬܐ ܐܚܘܝܟ ܠܟܠܬܐ ܐܢܬܬܗ ܕܐܡܪܐ ܀
10मी आत्म्याने भरुन गेलो असता देवदूत मला एका उंच पर्वतावर घेऊन गेला. आणि त्याने पवित्र नगर, यरुशलेम, स्वर्गातून देवापासून खाली उतरताना मला दाखविले.
10ܘܐܘܒܠܢܝ ܒܪܘܚ ܠܛܘܪܐ ܪܒܐ ܘܪܡܐ ܘܚܘܝܢܝ ܠܡܕܝܢܬܐ ܩܕܝܫܬܐ ܐܘܪܫܠܡ ܕܢܚܬܐ ܡܢ ܫܡܝܐ ܡܢ ܨܝܕ ܐܠܗܐ ܀
11ते नगर देवाच्या गौरवाने झळकत होते. त्याचे तेज एखाद्या मोलवान रत्नासारखे होते; स्फटिकासारख्या चमकत असणाऱ्या यास्फे रत्नासारखे होते.
11ܘܐܝܬ ܠܗ ܬܫܒܘܚܬܐ ܕܐܠܗܐ ܘܢܘܗܪܗ ܐܝܟ ܕܡܘܬܐ ܕܟܐܦܐ ܝܩܝܪܬܐ ܐܝܟ ܝܫܦܗ ܐܝܟ ܕܘܡܝܐ ܕܩܪܘܤܛܠܘܤ ܀
12त्या नगराच्या सभोवती मोठमोठ्या उंच भिंती होत्या. आणि त्याला बारा वेशी होत्या. त्या बारा वेशींजवळ बारा देवदूत उभे होते. आणि त्या वेशींवर इस्राएलाच्या बारा वंशांची नावे लिहिलेली होती.
12ܘܐܝܬ ܠܗ ܫܘܪܐ ܪܒܐ ܘܪܡܐ ܘܐܝܬ ܠܗ ܬܪܥܐ ܬܪܥܤܪ ܘܥܠ ܬܪܥܐ ܡܠܐܟܐ ܬܪܥܤܪ ܘܫܡܗܝܗܘܢ ܟܬܝܒܐ ܐܝܠܝܢ ܕܐܝܬܝܗܘܢ ܫܡܗܐ ܕܬܪܥܤܪ ܫܒܛܐ ܕܐܝܤܪܝܠ ܀
13त्या नगरला पूर्व दिशेला तीन, उत्तर दिशेला तीन, दक्षिण दिशेला तीन आणि पश्चिम दिशेला तीन वेशी होत्या.
13ܡܢ ܡܕܢܚܐ ܬܪܥܐ ܬܠܬܐ ܘܡܢ ܓܪܒܝܐ ܬܪܥܐ ܬܠܬܐ ܘܡܢ ܬܝܡܢܐ ܬܪܥܐ ܬܠܬܐ ܘܡܢ ܡܥܪܒܐ ܬܪܥܐ ܬܠܬܐ ܀
14नगराच्या भिंतीना बारा पाये होते. त्या पायांवर कोकऱ्याच्या बारा प्रेषितांची नावे लिहिलेली होती.
14ܘܫܘܪܐ ܕܡܕܝܢܬܐ ܐܝܬ ܠܗ ܫܬܐܤܐ ܬܪܬܥܤܪܐ ܘܥܠܝܗܝܢ ܬܪܥܤܪ ܫܡܗܐ ܕܫܠܝܚܘܗܝ ܕܒܪܐ ܀
15नगराची, वेशीची आणि भिंतीची लांबी - रुंदी मोजता यावी म्हणून जो देवदूत माझ्याशी बोलला, त्याच्याजवळ सोन्याची एक मोजपट्टी होती.
15ܘܗܘ ܕܡܡܠܠ ܗܘܐ ܥܡܝ ܐܝܬ ܗܘܐ ܥܠܘܗܝ ܩܢܝܐ ܕܡܫܘܚܬܐ ܕܕܗܒܐ ܠܡܡܫܚܗ ܠܡܕܝܢܬܐ ܘܠܫܘܪܗ ܀
16नगर चौरस आकाराचे होते. त्याची लांबी व रुंदी सारखीच होती. देवदूताने सोन्याच्या मोजपट्टीने नगराचे माप मोजून पाहिले. ते पंधरा हजार मैल भरले. नगराची लांबी, रुंदी व उंची समसमान होत्या.
16ܘܡܕܝܢܬܐ ܡܪܒܥܐܝܬ ܤܝܡܐ ܘܐܘܪܟܗ ܐܝܟ ܦܬܝܗ ܘܡܫܚܗ ܠܡܕܝܢܬܐ ܒܩܢܝܐ ܥܠ ܬܪܥܤܪ ܐܠܦܝܢ ܐܤܛܕܘܬܐ ܐܘܪܟܗ ܘܦܬܝܗ ܘܪܘܡܗ ܫܘܝܢ ܐܢܘܢ ܀
17नंतर देवदूताने नगराच्या भिंतीचे माप घेतले. ते मनुष्याच्या हाताने 72 मीटर (216 फूट) भरले. देवदूताच्या हाताने देखील माप तेवढेच भरले.
17ܘܡܫܚܗ ܠܫܘܪܗ ܡܐܐ ܘܐܪܒܥܝܢ ܘܐܪܒܥ ܐܡܝܢ ܒܡܫܘܚܬܐ ܕܐܢܫܐ ܐܝܕܐ ܕܐܝܬܝܗ ܕܡܠܐܟܐ ܀
18नगराच्या भिंती यास्फे रत्नाच्या होत्या. आणि नगर शुद्ध सोन्याचे, चमकाणाऱ्या कोचेसारखे होते.
18ܘܕܘܡܤܐ ܕܫܘܪܗ ܝܫܦܗ ܘܡܕܝܢܬܐ ܕܕܗܒܐ ܕܟܝܐ ܒܕܡܘܬܐ ܕܙܓܘܓܝܬܐ ܕܟܝܬܐ ܀
19नगराचे पाये प्रत्येक प्रकारच्या मोलवान अशा रत्नांनी सजविले होते. पाहिला पाया यास्फे रत्नाचा होता. दुसरा नीळ, तिसरा शिवधातु, चौथा पाचू (पाच),
19ܘܫܬܐܤܐ ܕܫܘܪܐ ܕܡܕܝܢܬܐ ܒܟܐܦܐ ܝܩܝܪܬܐ ܡܨܒܬܢ ܘܫܬܐܤܬܐ ܩܕܡܝܬܐ ܝܫܦܗ ܘܕܬܪܬܝܢ ܤܦܝܠܐ ܘܕܬܠܬ ܩܪܟܕܢܐ ܘܕܐܪܒܥ ܙܡܪܓܕܐ ܀
20पाचवा गोमेद, सहावा सार्दी, सातवा लसणा, आठवा वैडूर्य, नववा पुष्कराज, दहावा सोनलसणी, अकरावा याकिंथ, बारावा पदमाराग रत्नाचा होता.
20ܘܕܚܡܫ ܤܪܕܘܢ ܘܛܦܪܐ ܘܕܫܬ ܤܪܕܘܢ ܘܕܫܒܥ ܟܐܦ ܕܗܒܐ ܘܕܬܡܢܐ ܒܪܘܠܐ ܘܕܬܫܥ ܛܘܦܢܕܝܘܢ ܘܕܥܤܪ ܟܪܘܤܦܪܤܐ ܕܚܕܥܤܪܐ ܝܘܟܢܬܘܤ ܕܬܪܬܥܤܪܐ ܐܡܘܬܤܤ ܀
21बारा वेशी बारा मोत्यांनी बनविल्या होत्या. आणि प्रत्येक वेस एकाएका रत्नाची होती. नगरातील रस्ता शुद्ध सोन्याचा, काचेसारखा स्पष्ट होता.
21ܘܬܪܥܤܪ ܬܪܥܐ ܘܬܪܬܥܤܪܐ ܡܪܓܢܝܬܐ ܚܕܐ ܠܚܕܐ ܘܟܠܚܕ ܡܢ ܬܪܥܐ ܐܝܬ ܗܘܐ ܡܢ ܚܕܐ ܡܪܓܢܝܬܐ ܘܫܘܩܐ ܕܝܢ ܕܡܕܝܢܬܐ ܕܕܗܒܐ ܕܟܝܐ ܐܝܟ ܙܓܘܓܝܬܐ ܐܝܬ ܒܗ ܀
22त्य नगरात मला कोठेही मंदीर दिसले नाही;
22ܘܗܝܟܠܐ ܠܐ ܚܙܝܬ ܒܗ ܡܪܝܐ ܓܝܪ ܐܠܗܐ ܐܚܝܕ ܟܠ ܗܘ ܐܝܬܘܗܝ ܗܝܟܠܗ ܀
23प्रभु देवाचे जे तेज ते अखिल नगराला उजेड पुरवीत होते, आणि कोकरा हा त्याचा दिवा आहे.
23ܘܠܐܡܪܐ ܘܠܡܕܝܢܬܐ ܠܐ ܡܬܒܥܐ ܫܡܫܐ ܘܠܐ ܤܗܪܐ ܕܢܢܗܪܘܢ ܠܗ ܬܫܒܘܚܬܗ ܓܝܪ ܕܐܠܗܐ ܐܢܗܪܬܗ ܘܫܪܓܗ ܐܝܬܘܗܝ ܐܡܪܐ ܀
24राष्ट्रे त्या दिव्याच्या प्रकाशात चालतील. आणि जगातील राजे आपले वैभव त्या नगराकडे आणतील.
24ܘܡܗܠܟܝܢ ܥܡܡܐ ܒܢܘܗܪܗ ܘܡܠܟܐ ܕܐܪܥܐ ܡܝܬܝܢ ܠܗ ܬܫܒܘܚܬܐ ܀
25त्या नगराच्या वेशी दिवसा कधीही बंद केल्या जाणार नाहीत आणि तेथे कधीही रात्र असणार नाही.
25ܘܬܪܥܝܗ ܠܐ ܢܬܬܚܕܘܢ ܒܐܝܡܡܐ ܠܠܝܐ ܓܝܪ ܠܐ ܢܗܘܐ ܬܡܢ ܀
26राष्टांचे वैभव आणि संपत्ती त्या नगरात आणण्यात येतील.
26ܘܢܝܬܘܢ ܠܗ ܬܫܒܘܚܬܐ ܘܐܝܩܪܐ ܕܥܡܡܐ ܀
27जे अशुद्ध आहे, ते त्या नगरात प्रवेश करु शकणार नाही. अथवा लाजिरवाणे काम अगर लबाडी करणाऱ्याचा शिरकाव त्या नगरात होणार नाही. कोकऱ्याच्या जीवनाच्या पुस्तकात ज्या लोकांची नावे नोंदविली आहेत, केवळ तेच लोक त्या नगरात जाऊ शकतील.
27ܘܠܐ ܢܗܘܐ ܬܡܢ ܟܠ ܛܡܐ ܘܕܥܒܕ ܡܤܝܒܘܬܐ ܘܕܓܠܘܬܐ ܐܠܐ ܐܢ ܐܝܠܝܢ ܕܟܬܝܒܢ ܒܟܬܒܗ ܕܐܡܪܐ ܀